मुसीबतों का रेला, ये सफर कब होगा ‘सुहाना’
ऐसी रिपोर्टिंग पहली बार: पत्रिका ने मध्यप्रदेश के सात रेलवे रूट पर जानी ट्रेनों की हकीकत ..
ट्रेनों में झूलते मुसाफिर, गंदे टॉयलेट, पानी भी नहीं …
रेल का सफर सुहाना नहीं रहा। जनरल बोगियां भीड़ से पटी हैं। मुसाफिर झूल रहे हैं। बाथरूम गंदे हैं। पानी रहता नहीं। नल की टोटियां टूट पड़ी हैं। वॉशबेसिन चोक। टॺूबलाइट धुक-धुक करती मिलीं। यह नजारा किसी एक ट्रेन का नहीं, अमूमन हर ट्रेन का था। पत्रिका ने गुरुवार को मध्यप्रदेश के सात रेलवे रूट पर अपनी अलग-अलग टीमें उतारीं। स्टेशन जांचे। हकीकत वैसे नहीं थी, जैसी रेलवे दावा करती है। ट्रेनों की रफ्तार भी सिर्फ ढकोसला है। जनरल कोच में सीट मिलना भी आज बड़ी बात है।
ग्वालियर से मुरैना के बीच 80 की रफ्तार से दौड़ती छत्तीसगढ़ एक्सप्रेस। जनरल कोच में शौचालय के गेट के पास बैठकर सफर करते यात्री। सवाल पूछते ही रेशमा बरस पड़ीं। बोलीं- देख लो, ऐसे यात्रा करते हैं हम। कहां है नारी सुरक्षा, कहां है सशक्तीकरण। स्लीपर कोच में रायपुर से मुरैना की यात्रा कर रहे कृष्णा सिंह बोले- लंबी दूरी की यात्रा में परेशानी आती है। इस कोच में गंदगी के साथ वॉशबेसिन में पानी की समस्या है।
हावड़ा मेल खचाखच भरी थी। यात्री सीट की क्षमता से अधिक थे। 10 घंटे से टॉयलेट के सामने बैठकर मुंबई से वाराणसी जा रहे राकेश ने बताया कि स्लीपर के लिए टिकट बनवाया था, पर कंफर्म नहीं हुआ। रांची एक्सप्रेस के जनरल कोच में सफर कर इंदौर क्रिकेट ट्रायल में हिस्सा लेने जा रहे रतन सिंह ने बताया कि ई-टिकट पर रिजर्वेशन कन्फर्म नहीं मिला। रेलवे को जनरल और स्लीपर कोच बढ़ाने चाहिए।
दक्षिण एक्सप्रेस के पिछले हिस्से में लगे एकमात्र जनरल कोच के शौचालय के दरवाजे पर सामने खड़ीं रानी पंडोले और उनकी मां ने कहा, हम ऐसे धक्के खाने को मजबूर हैं। वे भोपाल से आमला जा रही थीं। आधा सफर खड़े-खड़े तय किया। एस 4 में आगरा से नागपुर जा रहे भरतपुर (राजस्थान) के राम मीना ने बताया कि कोच में पानी नहीं है। टॉयलेट नहीं जा सके। वॉशबेसिन गंदगी के साथ जाम हैं। कोच की सफाई भी ढंग से नहीं हुई।
रीवा से जबलपुर जाने वाली शटल में मऊगंज से कटनी जा रहीं देवकली, संगीता बोलीं- उबाऊ सफर। न सुरक्षा, न सुविधाएं। मैहर जा रहीं प्रियंका मिश्रा ने बताया, जनरल डिब्बे में बैठने को लेकर लोग जबरदस्ती करते हैं। सफाई मानो शून्य थी। खिड़कियां बंद नहीं होती। भिखारी-बहुरूपियों की गैंग परेशान करती है। रीवा में तो प्लेटफार्म पर भी टॉयलेट बंद हैं।