ग्वालियर : शासन साबित साबित नहीं कर पाया कि जमीन शासकीय है, आवेदन खारिज

न्यायिक मजिस्ट्रेट तपन धारगा ने शासन के उस आवेदन खारिज कर दिया, जिसमें ग्राम गोसपुरा के तीन सर्वे नंबर की जमीन को शासकीय बताते हुए डिक्री पर रोक लगाने की मांग की थी। करोड़ों की बेसकीमती जमीन को प्रशासन नहीं बचा सका।

मध्य प्रदेश शासन की ओर से आवेदन पेश किया है कि गोशपुरा के सर्वे क्रमांक 189, 190, 191 की भूमि शासकीय है। इस भूमि के रिकार्ड में स्व. राम सिंह कुशवाह ने गलत तरीके से राजस्व अभिलेख में अवैध प्रविष्टी कराई थी। इस प्रविष्टी को निरस्त कर जमीन को शासकीय घोषित कर दिया है। जमीन पर मैरिज गार्डन भी चल रहा है। इससे न्यूसेंस भी फैल रहा है। सर्वे क्रमांक 190 का रकवा 16 विस्वा अर्थात 0167 हेक्टेयर भूमि शासकीय है। इस जमीन पर माधुर कुशवाह पत्नी राम सिंह कुशवाह का कोई हक नहीं है। इस जमीन को जो नामांतरण किया गया था, उसे समाप्त कर दिया है। इस पूरी जमीन की पुलिस जांच भी कर रही है। जल्द ही केस भी दर्ज किया जा सकता है। प्रतिवादियों का पक्ष सुनने के बाद कोर्ट ने शासनके आवेदन को खारिज कर दिया। करोड़ों की शासकीय भूमि शासन के हाथ से निकल गई।

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