ग्वालियर बहुचर्चित रेप कांड: ASP, CSP, TI पर गिरी थी गाज …!

CBI का खुलासा दुष्कर्म पीड़िता का DNA मुंहबोले भाई से हुआ मैच …

ग्वालियर के बहुचर्चित रेप कांड में CBI रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। जिस रेप कांड में लापरवाही बरतने पर हाईकोर्ट के आदेश पर ASP, CSP, दो TI को ग्वालियर अंचल से बाहर जाना पड़ा था और एक SI पर FIR की तलवार लटक गई थी। इतना ही नहीं कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि पुलिस भरोसे लायक नहीं है।

पुलिस आरोपी के दादा के कहने पर पूरी जांच करती रही। यही कारण है कि पुलिस से मामला लेकर CBI को सौंपा गया था। लेकिन, अब CBI रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है कि दुष्कर्म पीड़िता का DNA आरोपी से नहीं, बल्कि पीड़िता के मुंहबोले भाई से मैच हुआ है। जो इशारा करता है कि पीड़िता से उसी से शारीरिक संबंध स्थापित किए होंगे। पीड़िता ने आरोपी आदित्य भदौरिया और उसके दोस्त पर धमकाने व दुष्कर्म का आरोप लगाया था। CBI ने अपनी रिपोर्ट में दोनों ही आरोपों को खारिज कर दिया है।

शहर के उपनगर मुरार सीपी कॉलोनी में जिस नाबालिग के मामले की जांच में लापरवाही बरतने पर तत्कालीन (जनवरी 2021) ASP सुमन गुर्जर, CSP मुरार आरएन पचौरी, TI अजय पवार, तत्कालीन TI सिरोल थाना प्रीति भार्गव पर कार्रवाई हुई थी, उस मामले में CBI ने कोर्ट ने जांच रिपोर्ट पेश करते हुए कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं। दरअसल, युवती ने खुद को नाबालिग बताते हुए आदित्य भदौरिया और उसके दोस्त पर धमकाने और दुष्कर्म का आरोप लगाए थे, लेकिन CBI ने जांच रिपोर्ट में दोनों ही आरोपों को खारिज कर दिया। यही नहीं CBI ने दुष्कर्म पीड़िता पर मामले की जांच में सहयोग नहीं करने का आरोप भी लगाया है। इसके साथ ही और कई बड़े खुलासे किए गए हैं जो इस प्रकार है।

मुंह बोले भाई से DNA मैच, घटना वाले दिन 30 बार हुई बात
दुष्कर्म पीड़िता के आरोपों की पुष्टि के लिए CBI ने CCTV कैमरे खंगाले थे। घटना 31 जनवरी 2021 को रात सवा आठ बजे के लगभग होना बताई गई थी। उस दौरा रामवीर शर्मा युवती के घर से बाहर निकलता हुआ दिखा। कॉल रिकार्ड से पता चला कि रामवीर और युवती की घटना वाले दिन 30 बार बातचीत हुई। इस पर CBI ने आरोपी आदित्य भदौरिया, उसके दोस्त के साथ-साथ दुष्कर्म पीड़िता के मुंह बोले भाई रामवीर शर्मा सहित अन्य का DNA टेस्ट कराया था। पीड़िता ने जिस रामवीर शर्मा को मुंहबोला भाई बताया था, उसी के साथ उसका DNA मैच हुआ। इससे ये स्पष्ट होता है कि रामवीर ने ही उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए थे।

दुष्कर्म पीड़िता के नाबालिग होने पर भी सवाल
दुष्कर्म पीड़िता को नाबालिग साबित करने के लिए जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए थे CBI ने उन्हें खारिज कर दिया। रिपोर्ट में बताया गया कि वर्ष 2017 में दुष्कर्म के मामले में पीड़िता द्वारा खुद को नाबालिग बताया गया था। इसमें विशेष न्यायालय (एसटी/ एससी) ने पीड़िता की जन्मतिथि सात मार्च 2002 मानी है। चूंकि एफआईआर 31 जनवरी 2021 को दर्ज कराई गई। ऐसे में घटना दिनांक को पीड़िता नाबालिग नहीं थी।

यह है पूरा मामला
कथित 15 साल की एक नाबालिग ने 31 जनवरी 2021 को CM हेल्पलाइन पर दुष्कर्म की शिकायत की थी। इसके बाद ग्वालियर की मुरार पुलिस उसे थाने लेकर आई। यहां पर उसने बताया कि सीपी कॉलोनी निवासी ठेकेदार गंगा सिंह भदौरिया के मकान में वह झाड़ू-पोंछा का काम करती थी। 20 दिसंबर 2020 से उसे काम पर रखा था। घर के ग्राउंड फ्लोर पर ही रहती थी। 31 जनवरी 2021 की रात 8 बजे गंगा सिंह का नाती आदित्य भदौरिया और उसके एक दोस्त ने मेरे दरवाजा पर दस्तक दी। जब दरवाजा खोला तो आदित्य और उसके दोस्त कमरे में आ गए। इन्होंने मेरे साथ दुष्कर्म किया। इसके बाद वहां से धमकाकर भाग गए।

इस मामले में मुरार थाना पुलिस ने आदित्य के दोस्त पर दुष्कर्म का मामला दर्ज किया है। पर मामला दर्ज होने का पता चलते ही आरोपी आदित्य भदौरिया का दादा व ठेकेदार गंगा सिंह भदौरिया थाने पहुंचा। उसके बाद पुलिस ने उल्टा पीड़िता को प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। पीड़िता ने कहा था कि उसे थाने में रात भर झाड़ू और डंडे से पीटा। उसके मां-पिता को थाने में बंधक बनाकर पुलिस ने पीटा। इसमें तत्कालीन TI मुरार अजय पवार, सब इंस्पेक्टर कीर्ति उपाध्याय पर सीधा आरोप लगा था, जबकि ASP सुमन गुर्जर, CSP मुरार आरएन पचौरी, तत्कालीन TI सिरोल प्रीति भार्गव को जांच में लापरवाही बरतने का आरोप लगा था। जिस पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताते हुए पुलिस को भरोसे लायक नहीं मानते ही सभी पुलिस अफसरों का अंचल से बाहर तबादला का आदेश दिया था।

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