फर्जी डॉक्टर की हार्ट सर्जरी से 7 की मौत ….स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप ?
दमोह में फर्जी हार्ट सर्जन का काला खेल! 7 मरीजों की मौत; स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप
मध्य प्रदेश के दमोह स्थित मिशन अस्पताल में फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जोन द्वारा की गई सर्जरी से सात मरीजों की मौत सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। आरोपी डॉक्टर फरार है और पूर्व में तेलंगाना में भी फर्जीवाड़ा कर चुका है। प्रशासनिक लापरवाही से समय रहते कार्रवाई नहीं हो सकी।

दमोह। मध्य प्रदेश के दमोह में संचालित मिशन अस्पताल में कथित तौर पर चिकित्सक डॉ नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जोन द्वारा जनवरी से फरवरी के बीच की गई हार्ट सर्जरी से सात मरीजों की मौत का मामला सामने आने के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप है।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच का आदेश दिया है। इस बीच फर्जी डॉक्टर फरार हो चुका है। अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की दो सदस्यीय टीम सोमवार से दमोह में तीन दिनों तक पूरे प्रकरण की जांच करेगी। टीम सात मौतों के साथ ही मिशन अस्पताल की मान्यता की तिथि, पदस्थ डॉक्टरों की जानकारी, नियुक्ति करने वाले का नाम और अस्पताल को प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत किए गए भुगतान की जानकारी जैसे विषयों पर भी सुनवाई करेगी।
सीएमएचओ ने पांच पीड़ितों के स्वजन को भेजा पत्र
सीएमएचओ ने कार्डियोलाजिस्ट के इलाज से पांच पीड़ितों के स्वजन को पत्र भेजकर सोमवार को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम के सामने बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया है। उधर, चौंकाने वाली जानकारी यह भी सामने आई है कि मिशन अस्पताल में डॉ नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जोन दो जनवरी से 20 फरवरी तक मरीजों की जान से खेलता रहा और शिकायत होने के बाद भी प्रशासन सिर्फ जांच दल गठित करता रहा।
मामले में शिकायतकर्ता और बाल कल्याण समिति दमोह के अध्यक्ष दीपक तिवारी के अनुसार फर्जी कार्डियोलाजिस्ट के इलाज से मिशन अस्पताल में दो महीनों में सात से दस मौतें हुई हैं। कलेक्टर, एसपी, सीएमएचओ से लिखित शिकायत की गई, पर कहीं गंभीरता से शिकायत नहीं सुनी गई। डॉ. नरेंद्र यादव की मिशन अस्पताल में सेवाएं लेने के पहले जांच नहीं कराई गई। इसकी पहली शिकायत 20 फरवरी को कलेक्टर से की गई। सीएमएचओ ने सात मार्च तक जांच कर प्रतिवेदन भी कलेक्टर को भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई प्रस्तावित नहीं हो सकी। यही कारण रहा कि फर्जी डाक्टर गायब हो गया।
डॉक्टर तेलंगाना में भी कर चुका है फर्जीवाड़ा
डॉ. नरेंद्र यादव उर्फ एनकेम जोन पर पूर्व में भी कई आपराधिक मामले दर्ज होने की बात सामने आई है। आधार कार्ड के अनुसार डाक्टर का नाम नरेंद्र जान केम है, जो देहरादून का निवासी है। दमोह में वह गुजरात में पंजीकृत वाहन का उपयोग कर रहा था।
डॉक्टर और उसकी पत्नी दिव्या रावत पर वर्ष 2019 में तेलंगाना के रचकोंडा में ब्राउंडवाल्ड हास्पिटल में फर्जीवाड़े के चलते मामला दर्ज कर गिरफ्तारी के प्रयास किए गए थे। उस समय वह उक्त अस्पताल का निदेशक था। डॉक्टर कई निजी और शासकीय संस्थाओं में ईमेल के जरिए अपना बायोडाटा भेज कर संस्थान में घुसने का प्रयास करता था और कई स्थानों पर चिकित्सा के क्षेत्र में आधुनिक सुविधाएं लाने का झांसा भी देता था। विजिटिंग कार्ड में भी वह खुद को वरिष्ठ सलाहकार इंटरवेंशनल कार्डियोलाजिस्ट और जर्मनी का रहने वाला बताता था।