रोप-वे : इसी माह खुलेगा टेंडर, सितंबर से शुरुआत, दो साल में होगा तैयार

अब 1300 मीटर लंबा बनेगा रोप-वे, पहले 556 मीटर रखी गई थी लंबाई …

शहर में 40 साल बाद आकार लेगा रोप-वे का सपना..

ग्वालियर. फूलबाग से किले तक रोप-वे के निर्माण के लिए कवायद शुरू हो गई है। इसकी डीपीआर बनकर तैयार हो चुकी है और टेंडर भी लगाए जा चुके हैं, जो इसी महीने खुलेंगे। 1.88 किलोमीटर लंबे रोप-वे का लोअर टर्मिनल फूलबाग बारादरी पर और अपर टर्मिनल किले पर होगा, जिसमें 13 पिलर खड़े किए जाएंगे। इस पर 127 करोड़ रुपए की लागत आएगी। सितंबर 2023 से इसका निर्माण शुरू होगा और दो साल में बनकर तैयार हो जाएगा।

नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया की सहयोगी संस्था नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट कंपनी (एनएचएलएम) इसके लिए मैदानी व ड्रोन से सर्वे करने के साथ मृदा परीक्षण पर्यटकों का फुटफॉल सर्वे भी कर चुकी है। अधिकारियों ने बताया कि इस बार रोप-वे की लंबाई 1300 मीटर रखी गई है। पूर्व में कंपनी दामोदर राव रोप-वे द्वारा 556 मीटर लंबा रोप-वे बनाया जा रहा था, जो अब बढ़कर 1.88 किलोमीटर क्षेत्र में बनेगा। इसकी ड्रॉइंग तैयार हो चुकी है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो शहर में 40 साल बाद रोप-वे का सपना साकार होगा। 1983 में सबसे पहले नगर निगम के बजट में इसका प्रस्ताव आया था। इसके बाद से लगातार प्रयास हो रहे हैं, लेकिन किसी न किसी कारण से अड़ंगा लगता रहा है।

शर्तें…पुरातत्व धरोहरों के पास निर्माण नहीं होगा

पुरातत्व महत्व की संरक्षित धरोहरों के आसपास कोई भी निर्माण नहीं होगा। रोप-वे का संचालन किस तरह किया जाएगा, इसका प्लान एएसआइ को भेजा जाएगा। किले पर विकास कार्य के लिए रोप-वे की आय का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा देना होगा। एएसआइ स्टाफ व उनके परिजनों के लिए रोप-वे निशुल्क रहेगा। रोप-वे की सुरक्षा के लिए पर्याप्त स्टाफ, सफाईकर्मी व अन्य प्रशिक्षित स्टाफ रखा जाएगा। निर्माण के लिए किले की दीवार अथवा अन्य कोई संरक्षित इमारत को नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। रोप-वे बनने व निर्माण कार्य खत्म होने की हर जानकारी एएसआइ को दी जाएगी। राज्य सरकार की सभी गाइड लाइन व नियमों का पालन करना होगा। रोप-वे में सफर के दौरान सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम व किले पर यात्रियों के बैठने उतरने के लिए इंतजाम करने होंगे।

रोप-वे के निर्माण के लिए बजट

एनएचएलएम खर्च करेगा। नगर निगम को मध्यप्रदेश सरकार से जरूरी एनओसी हासिल करनी होंगी। हालांकि पूर्व में पुरातत्व विभाग ने एनओसी देते समय शर्तें रखी थीं कि पुरातत्व महत्व एवं संरक्षित धरोहरों के आसपास कोई निर्माण नहीं होगा और रोप-वे के संचालन का प्लान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को भेजना होगा। हालांकि अब एनओसी के लिए नए सिरे से शर्तें तैयार होंगी।

ऐसे बनेगा रोप-वे

● फूलबाग बारादरी पर लोअर टर्मिनल

● ग्वालियर फोर्ट पर अपर टर्मिनल

● कुल लंबाई 1.88 किलोमीटर

● आठ सवारी वाले 4 से 8 केबिन बनाए जाएंगे

● 127 करोड़ है कुल लागत

● लोअर व अपर टर्मिनल पर पार्किंग स्थल, पार्क बनाए जाएंगे व फव्वारे लगाए जाएंगे।

● 10 से 12 मिनट लगेंगे फूलबाग से किला तक पहुंचने में।

● एनएचएलएम करेगा खर्च, निगम को लेनी होगी एनओसी

15 सितंबर-2022…..

15 सितंबर-2022 को एलीवेटेड रोड का भूमिपूजन करने ग्वालियर आए केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने शहर में 150 करोड की लागत से जल्द रोप-वे का निर्माण किए जाने की बात कही थी। इसके बाद एनएचएआइ की टीम आई और निगम अधिकारियों से चर्चा कर रोप-वे निर्माण को सैद्धांतिक सहमति देते हुए टीम में शामिल कंसलटेंट मणि सक्सेना व तीन इंजीनियर ने रोप-वे के लिए सर्वे शुरू किया। टीम के सदस्यों ने किले पर अपर टर्मिनल के लिए व तलहटी के साथ फूलबाग बारादरी पर मिट्टी का परीक्षण भी किया।

 

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