शहरीकरण को बनाना होगा सतत विकास का उत्प्रेरक …!

अरबन-20: आर्थिक समृद्धि व पारिस्थितिकीय सामंजस्य में शहरों की भूमिका को आगे बढ़ाने पर केंद्रित रहा छठा संस्करण

जी-20, 2023 में संकट की घड़ी से निपटने की क्षमता है जिससे पारस्परिक रूप से लाभप्रद व स्थायी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए एक ढांचा उभरेगा। इन उद्देश्यों के साथ तालमेल बिठाने में यू-20 सहायक सिद्ध होगा।

कार्य समूह शहरी-20 हर वर्ष आयोजित होने वाली सबसे प्रभावशाली शहर-स्तरीय कूटनीति पहलों में से एक है। जी-20 समूह के महापौरों और नामित ‘सिटी शेरपाओं’ की भागीदारी के साथ, शहरी-20 या अरबन-20 या यू-20 में हुए विचार-विमर्श जी-20 के तहत होने वाली वार्ताओं की जानकारी देते हैं और वे शहरी विकास से जुड़े विस्तृत विचार-विमर्श का महत्त्वपूर्ण हिस्सा हैं। 9 और 10 फरवरी को अहमदाबाद में हुए इसके छठे संस्करण की उद्घाटन बैठक में 42 शहरों के 70 से अधिक प्रतिनिधियों ने भाग लिया था। इस लिहाज से यू-20 की स्थापना के बाद से यह सबसे बड़ी उपस्थिति रही है।

इस साल के यू-20 का उद्देश्य विकास के वैश्विक एजेंडे पर शहरों द्वारा अपनाई गई नीतियों और कार्य-प्रणालियों के जबरदस्त प्रभावों पर प्रकाश डालना है। उद्घाटन बैठक आर्थिक समृद्धि और पारिस्थितिकीय सामंजस्य में शहरों की भूमिका को आगे बढ़ाते हुए इन विषयों पर आधारित रही। पहचाने गए प्राथमिकता वाले छह क्षेत्रों के आसपास आम सहमति विकसित करने में महत्त्वपूर्ण प्रगति हुई। सबसे अधिक जोर कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिए पर्यावरणीय रूप से जिम्मेदारीपूर्ण व्यवहार अपनाने की अत्यावश्यकता पर दिया गया। दूसरा, जल संसाधनों के संरक्षण और पानी तक समान पहुंच को अधिक प्रमुखता दी गई। तीसरा, इस बात की स्वीकृति थी कि जलवायु वित्तपोषण यानी जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए इस्तेमाल में आने वाली पूंजी की आवश्यकता है क्योंकि हम पुराने बुनियादी ढांचे को फिर से बनाना चाहते हैं। चौथा, यह अनिवार्य हो गया है कि हम कानूनी तंत्र और शासन के ढांचे पर पुनर्विचार करें ताकि रणनीतिक लक्ष्यों को हासिल किया जा सके। पांचवां, जीवंत नागरिक समाज के लिए शहरों की स्थानीय पहचान को बढ़ावा देने की लोकप्रिय मांग को मान्यता दी गई। अंत में, प्रौद्योगिकी और डेटा के उपयोग का समर्थन करने वाली प्रक्रियाओं का लोकतंत्रीकरण करने को आवश्यक समझा गया।

शहर के प्रतिनिधियों ने इस सहयोगी एजेंडे को आगे बढ़ाने में एकजुटता दर्शाई। यू-20 के इस छठे संस्करण ने एक ऐसे मंच का आकार ले लिया है, जिसका उद्देश्य शहरी शासन से जुड़े विचार-विमर्श को जमीनी स्तर पर कार्यान्वित करके शहरी प्रशासन को नीति और कार्यप्रणाली के बीच की खाई को पाटने से लैस करना है। पिछले नौ वर्षों में, मोदी सरकार ने दुनिया का सबसे बड़ा नियोजित शहरीकरण कार्यक्रम शुरू किया है जो सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद, सार्वभौमीकरण और बुनियादी सेवाओं की संतृप्ति, टेक्नोलॉजी नवाचार, आर्थिक अवसर और एक ग्रामीण-शहरी शृंखला पर आधारित है। हमारी शहरी परिवहन नीतियां भारत के शहरी परिदृश्य में हरित गतिशीलता विकल्पों को जोड़कर पेरिस समझौते की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए डिजाइन की गई हैं। विभिन्न परिवर्तनकारी शहरी मिशनों के परिणामस्वरूप भारतीय शहर देश को आर्थिक और एसडीजी लक्ष्यों को हासिल करने में मदद करने के लिए तैयार हैं।

यह व्यापक रूप से स्वीकार किया जाता है कि एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने का दायित्व शहरों का होगा। मैंने अक्सर कहा है कि ‘यदि भारत सफल होता है, तो एसडीजी सफल होगा और एसडीजी के सफल होने के लिए, भारत को अवश्य सफल होना चाहिए।’ मुझे कोई संदेह नहीं है कि भारत सफल होगा और बाकी दुनिया को दिखाएगा कि कैसे विकासशील अर्थव्यवस्थाएं वैश्विक चुनौतियों से निपट सकती हैं। हमारी शहरी क्षमताओं का प्रमाण इस बात में निहित है कि हमारे शहरों ने गंभीर रूप से प्रभावित होने के बावजूद महामारी पर काबू पा लिया।

ऐसे समय में जब दुनिया भू-राजनीतिक संघर्ष, वित्तीय अनिश्चितता और जलवायु से जुड़े संकट से घिरी हुई है, यह जरूरी है कि हम निम्नतम स्थानीय स्तर से लेकर उच्चतम वैश्विक समूह तक नीतिगत प्रतिक्रिया का समन्वय करे और उसकी जांच करें। सबसे पुराने और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में, विभिन्न मतों के बीच आम सहमति बनाना भारतीय डीएनए में है। इसी लोकाचार की वजह से इस वर्ष के जी-20 शिखर सम्मेलन का विषय निर्धारित किया गया है: ‘वसुधैव कुटुम्बकम् – एक पृथ्वी। एक परिवार। एक भविष्य।’ जी-20, 2023 में संकट की घड़ी से निपटने की क्षमता है जिससे पारस्परिक रूप से लाभप्रद और स्थायी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए एक ढांचा उभरेगा। मेरा मानना है कि ‘यू-20 अहमदाबाद’ हमारे शहरों के बीच सामूहिक कार्य की भावना को आकार देने के लिए अग्रणी समूह होगा। इसी संदर्भ में जुलाई में मेयरों का शिखर सम्मेलन भी प्रस्तावित है। जैसा कि हम समृद्ध और टिकाऊ दुनिया के साझा लक्ष्य को जारी रखे हुए हैं, यू-20 के इस छठे संस्करण में एक रोडमैप बनाने का अनूठा अवसर है जो आने वाले वर्षों में शहरी नीतियों के लिए प्रेरित करेगा।

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