जांच एजेंसी राजनीतिक हुईं …? BJP के इशारे पर चलती हैं
ED को BJP नेताओं के घर का रास्ता नहीं पता:कपिल सिब्बल बोले- जांच एजेंसी राजनीतिक हुईं, BJP के इशारे पर चलती हैं …
सवाल: आपकी और अरविंद केजरीवाल की नजदीकियां बढ़ीं, तो BJP ने 14 मई 2014 का एक वीडियो शेयर कर दिया, जिसमें केजरीवाल आपको सबसे बड़ा भ्रष्टाचारी बता रहे हैं? इतना सब बदल कैसे गया? आप उनके भी केस लड़ रहे हैं शायद?
जवाब: हमने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ इस मामले में केस किया था। उसके बाद उन्होंने मुझे बताया कि उन्होंने अपनी वजह से नहीं, बल्कि किसी और की सलाह पर ऐसा कहा था, उसके बाद बात खत्म हो गई। मैंने आज तक राजनीति में निजी आरोप नहीं लगाए, उसका कोई फायदा नहीं होता। मैं मोदी जी के खिलाफ हूं, लेकिन मेरा उन पर कोई व्यक्तिगत आरोप नहीं है।
सवाल: 2011 में आप मंत्री थे, आपने एक टैबलेट का वादा किया था। Datawind को 14 लाख के प्री-ऑर्डर भी मिले थे। नवंबर 2012 तक 10 हजार भी नहीं शिप हो पाए। क्या हुआ उस प्रोजेक्ट को? किसी स्टूडेंट को मिला था ये टैबलेट?
जवाब: नई सरकार आ गई और फिर वो रह गया। नई सरकार आई तो कई सारी योजनाओं के नाम बदलकर नए रख दिए गए। इसके बारे में मैं 11 मार्च को जंतर-मंतर पर बात करने वाला हूं।
सवाल: आपके प्लेटफॉर्म की वेबसाइट पर लिखा है कि ज्युडिशियल सिस्टम की ओवरहॉलिंग करनी है। आप 50 साल से वकील हैं, आपके पिता भी वकील थे, आपका बेटा भी वकील है। आपको अब याद आ रहा है कि ज्युडिशियल सिस्टम पॉल्यूटेड है। आप जब मंत्री थे, तब भी ये ऐसा ही था या आजकल ही हुआ है ?
जवाब: मैंने हमेशा ही इसके लिए आवाज उठाई है, हमने कोशिश भी की हैं। ज्यूडिशियल सिस्टम में कई सारी खामियां हैं और अब ये बढ़ती जा रही हैं। अगर कोर्ट और जज से जनता का भरोसा उठ जाए, तो इससे बुरी बात लोकतंत्र में नहीं हो सकती।
सवाल: ‘इंसाफ के सिपाही’ कौन होंगे और वो कैसे काम करेंगे?
जवाब: इंसाफ का पूरा सिस्टम डीसेंट्रलाइज तरीके से काम करेगा। इंसाफ का सिपाही कोई भी हो सकता है, वो तृणमूल का हो सकता है, कांग्रेस का हो सकता है, CPM का नेता हो सकता है। राजनीतिक दल कोई भी हो, लेकिन वो इंसाफ के मंच के लिए काम कर सकता है।
सवाल: राहुल गांधी आपसे सलाह मांगें कि विपक्ष को कैसे एकजुट किया जाए, तो क्या जवाब देंगे?
जवाब: राहुल गांधी को कहूंगा कि ‘इंसाफ के सिपाही’ बन जाइए।