ग्वालियर – कम कैरेट का सोना देने पर ज्वैलर्स पर जुर्माना, वादा खिलाफी पर कोचिंग संचालक को लौटानी पड़ी फीस
विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस ,……
- जहां निवास, वहीं दावे के अधिकार और सजा के प्रावधान से सशक्त हो रहा उपभोक्ता …
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम में किए गए बदलाव के सुखद परिणाम देखने को मिल रहे हैं। पूर्व में जब ग्राहक ऑनलाइन खरीदारी करता था तो सामान खराब निकलने पर वह महज इसलिए शिकायत नहीं कर पाता था क्योंकि अधिनियम-1986 के अंतर्गत उसे जिस शहर से सामान मंगाया गया था, उसी शहर में शिकायत करनी पड़ती थी। अधिनियम में बदलाव होने से उपभोक्ता के अधिकार ज्यादा सुरक्षित हुए हैं। आज उपभोक्ता का जहां निवास है, वहां के उपभोक्ता आयोग में दावा पेश कर सकता है।
ताजा मामले में जिला उपभोक्ता आयोग ने अग्रवाल ज्वैलर्स को 18 कैरेट का सोना बेचकर 22 कैरेट के दाम वसूलने का दोषी माना। दिनेश अग्रवाल के परिवाद को स्वीकार करते हुए आयोग ने ज्वैलर्स (प्रबंधक प्रदीप अग्रवाल) को 45 दिन में 60 हजार रुपए 8 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटाने का निर्देश दिया। मानसिक क्षति पहुंचाने के एवज में 10 हजार और प्रकरण व्यय के लिए 3 हजार रुपए देने के लिए कहा है। एडवोकेट अवधेश तोमर ने बताया कि 18 मार्च 2021 को अग्रवाल ज्वैलर्स से दिनेश अग्रवाल ने खरीदारी की। सोने का मंगलसूत्र, चेन, कंगन, बाली और चूड़ियों के एवज में 3.58 लाख रुपए का भुगतान किया गया। ज्वैलर्स की ओर से बताया गया कि आभूषण 22 कैरेट सोने से बने हुए हैं। बाद में जब सत्यता की जांच कराई तो पता चला कि आभूषण 18 कैरेट गोल्ड से बनाए गए हैं। पुष्टि के लिए 2 मार्च 2022 को चेन्नई स्थित सेंटर से जांच कराई गई। इसमें भी 18 कैरेट की जानकारी सामने आई। इसके बाद दिनेश अग्रवाल ने परिवाद पेश किया। एडवोकेट संदीप निरंकारी ने बताया कि सभी पक्षों को सुनने के बाद आयोग ने वसूली गई अधिक राशि मय ब्याज के लौटाने का आदेश दिया।
शहर के छात्र ने दिल्ली की कोचिंग पर किया केस, जीता
प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए ग्वालियर के इंदिरा नगर निवासी छात्र ने दिल्ली की एक कोचिंग में एडमिशन लिया। उसने 1.80 लाख रुपए फीस जमा की। कोचिंग संचालकों से भरोसा दिया था कि बैच में अधिकतम 250 छात्र ही होंगे। लेकिन जब छात्र क्लास में पहुंचा तो वहां बच्चों की संख्या कहीं ज्यादा थी। इस पर छात्र ने कोचिंग संचालक से फीस वापस मांगी, लेकिन संचालक ने इनकार कर दिया। इसके बाद छात्र ने ग्वालियर लौटकर उपभोक्ता आयोग में परिवाद पेश किया। जिसे फरवरी अंत में आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए कोचिंग संचालक को 1 लाख रुपए वापस लौटाने का आदेश दिया गया। इसके अलावा अन्य मद में 8 हजार रुपए भी देने का आदेश दिया गया।
वकील भी बन सकेंगे उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष
अभी तक उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष का दायित्व सेवानिवृत्त न्यायाधीश को दिए जाने का प्रावधान है। नई व्यवस्था में वकीलों को भी अध्यक्ष के पद पर नियुक्त किया जा रहा है। इसी क्रम में ग्वालियर उपभोक्ता फोरम में भोपाल के एडवोकेट विकास राय को अध्यक्ष का दायित्व दिया गया है। वर्तमान अध्यक्ष अरुण सिंह तोमर का कार्यकाल मार्च के चौथे सप्ताह में खत्म होने जा रहा है।