भिंड में पीएम आवासों पर ताला …!

गरीबों के आवास को साठगांठ कर रईसों ने हड़पे, भटक रहे जरूरतमंद …

भिंड में छह साल पहले नगर पालिका ने पीएम आवास योजना के तहत सात सौ से अधिक गरीब परिवारों आवास आवंटित किए थे। नगर पालिका भिंड के अफसरों से साठगांठ कर रईस परिवार के लोग भी गरीब बनकर पीएम आवास लेने में सफल हो गए थे। ऐसे लोगों के आवास पर आज भी ताले जड़े हैं। वे एक भी दिन इन सरकारी आवासों में रहने के लिए नहीं पहुंचे।

जी हां। ये सब हर कोई रतनूपुरा के पीएम आवास बस्ती में जाकर देख सकता है। यहां 60 फीसदी आवासों में ताला लटकता मिलेगा। यहां जिन जरूरतमंद गरीबों का पीएम आवास योजना का लाभ मिला। वे आज वर्तमान में निवासरत है। जिन लोगों ने सरकारी योजनाओं का लाभ लेकर साठगांठ कर आवास पर काबिज हुए, उनमें कुछ लोगों ने किराए से दिए। तो कइयों ने इन आवास के गेट से लेकर आवास का नक्शा अपने मुताबिक बदलाव कर लिया है। यहां कुछ मकान ऐसे हैं जिनमें संपन्नता की छवि साफ दिख रही है। कुछ आवासों में ऐसी तक लगे हैं।

किराए पर दिए आवास

दैनिक भास्कर टीम ने जब गरीब आवास योजना की हकीकत जानने किए ग्राउंड में पहुंचे। यहां अलग ही प्रकार का नजारा देखने को मिला। यहां की गरीब परिवार ऐसे मिले जिनके पास स्वयं के आवास नहीं हैं। वे दूसरे की दया इन आवासों में रह रहे हैं तो कुछ लोगों ने आवासों को किराए पर उठा है। ऐसे ही एक बुजुर्ग दंपत्ति भी मिली। जिसने परशुराम और सावित्री अपना नाम बताया। इस दंपत्ति के दो बेटे थे जिनकी बीमारी के चलते पिछले सालों में मौत हो गई। वे अब स्वयं के आवास के लिए भटक रहे हैं। बार बार नगर पालिका अफसरों के चक्कर काट चुके हैं। अब हार थककर बैठ गए।

गरीब बस्ती में रह रहे लोगों का कहना है जिन आवासों में ताला है। धनाढ्य व संपन्न परिवार के लोग हैं। ये लोग कभी कभी कभार चार पहिया वाहन से आते हैं। आवासों की साफ सफाई करके चले जाते हैं।

गरीबों के जल्द दिए जाएंगे

इस पूरे मामले में नगर पालिका सीएमओ वीरेंद्र तिवारी का कहना है- सरकारी आवासों पर जो ताले जड़े हैं जिन लोगों को आबंटित किए गए थे और वे यह नहीं रहे हैं। ऐसे आवासों को गरीबों को आबंटित कराए जाएंगे। इस संबंध में कलेक्टर साहब से चर्चा की जा चुकी है।‌‌

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