उम्र के सवाल पर भड़के दिग्विजय सिंह

ग्वालियर में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पूर्व CM दिग्विजय सिंह उम्र वाले सवाल पर एक दिन पहले गुस्सा हो गए थे। उन्होंने नाराजगी जताते हुए पूछा था- क्या दिग्विजय सिंह बैसाखी पर चल रहा है? क्या BJP में शिवराज सिंह चौहान और मोदी जी युवा हैं। क्या वे बुजुर्ग नहीं हैं। दिग्विजय के इस तरह नाराज होने पर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में सोमवार को तंज कसा। मिश्रा ने कहा- राहुल गांधी और दिग्विजय सिंह गुरु-चेला हैं। गुरु को तो आगे निकलना ही था।

साथ ही मिश्रा ने राहुल गांधी और कमलनाथ के बीच सब कुछ ठीक नहीं चलने की बात भी कही। उन्होंने राहुल गांधी की संसद सदस्यता जाने पर कांग्रेस के प्रदर्शनों को फ्लॉप शो बताया और कहा कि कांग्रेस सिर्फ दिखावा कर रही है। मिश्रा ने कहा- कमलनाथ रविवार को दिल्ली में हुए प्रदर्शन में कहीं नजर नहीं आए। साथ ही भोपाल में हुए प्रदर्शनों से कमलनाथ समेत अन्य बड़े नेताओं ने भी दूरी बनाई। कांग्रेस की बैठकों से भी कमलनाथ नदारद हैं। जब राहुल गांधी यात्रा पर MP आए थे, तब कमलनाथ महाराज (प्रदीप मिश्रा) से मिलने गए थे और उनसे कहा था कि हम 7 दिन से मर रहे हैं। यह इस बात के संकेत हैं कि राहुल गांधी और कमलनाथ के बीच मतभेद हैं।

किस बात पर नाराज हुए थे दिग्विजय?

राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द होने के बाद पार्टी प्रदर्शन कर रही है। इसी सिलसिले में दिग्विजय सिंह ने रविवार को ग्वालियर में पत्रकारों से चर्चा की। इसी दौरान उनसे सवाल पूछा गया कि कांग्रेस में युवा नेता पार्टी से नाराज चल रहे हैं और क्या 75 साल के बुजुर्ग नेता का चेहरा दिखाकर आप चुनाव जीत लेंगे? सवाल पर बिफरे पूर्व CM ने पूछा था- दिग्विजय सिंह क्या बैसाखी पर चल रहा है? यह सवाल BJP से क्यों नहीं पूछते हैं? क्या BJP में शिवराज सिंह, मोदी जी युवा हैं? क्या वे बुजुर्ग नहीं हैं? आप मोदी जी से प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए क्यों नहीं कहते हैं।

दिग्विजय बोले- मोदी के करीबी देश के भगोड़े

दिग्विजय सिंह ने आगे कहा कि राहुल का कसूर इतना था कि अडाणी ग्रुप के 20 हजार करोड़ और जनता के डूबे 10 लाख करोड़ का हिसाब संसद में पूछ लिया था। अडाणी की कंपनी में एक डायरेक्टर चायना का है और एक ब्रिटेन का। हमारी मांग थी कि संयुक्त संसदीय समिति बनाकर जांच की जाए, क्या गलत था। राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे, तब बोफोर्स की खरीदी को लेकर विपक्ष की मांग पर उसकी जांच के लिए जेपीसी बनी, जांच कराई, जबकि इन तोपों की उपयोगिता कारगिल युद्ध में भी साबित हो चुकी है। पहले मोदी जी कहते थे कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा, लेकिन अब शायद वे कहते हैं कि मैं ही खाऊंगा और मेरे लोग ही खाएंगे।

राहुल के बयान पर जब कोई जवाब नहीं मिला तो कह दिया कि उन्होंने OBC के खिलाफ बयान दिया। ऐसा कुछ नहीं है। OBC का कोई नेता देश का धन लेकर भगोड़ा नहीं हुआ है। भगोड़े हुए हैं भाजपा नेता और नरेंद्र मोदी के करीबी लोग। राहुल गांधी ने उन्हें चोर कह दिया तो क्या गुनाह किया है?

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