भोपाल – हाउसिंग बोर्ड 4 पुराने प्रोजेक्ट्स के मकान/दुकान तोड़कर 450 करोड़ रुपए से नए सिरे से करेगा डेवलप

रीडेवलपमेंट पॉलिसी:हाउसिंग बोर्ड 4 पुराने प्रोजेक्ट्स के मकान/दुकान तोड़कर 450 करोड़ रुपए से नए सिरे से करेगा डेवलप

रीडेवलपमेंट पॉलिसी के तहत हाउिसंग बोर्ड ने भोपाल के 4 और इंदौर-जबलपुर के एक-एक प्रोजेक्ट के विस्तार का प्लान तैयार किया है। इन प्रोजेक्ट्स को सालों पहले हाउसिंग बोर्ड ने ही बनाया था, लेकिन अब ये जर्जर हो रहे हैं। हाउसिंग बोर्ड इन शहरों में 2000 करोड़ से ज्यादा खर्च करेगा। शुरुआत पांच नंबर स्थित पंडित रविशंकर शुक्ल मार्केट और बिट्‌टन मार्केट स्थित हाउसिंग बोर्ड के पुराने दफ्तर से की जा रही है। इसके लिए बोर्ड ने यहां की रहवासी और व्यापारी समितियों से बात शुरू कर दी है। प्रोजेक्ट की टेंडर प्रक्रिया तब शुरू की जाएगी, जब संबंधित समितियों के 51% सदस्य अपनी सहमति दे देंगे।

अफसरों के मुताबिक प्रोजेक्ट पूरा होने तक इन समितियों को दुकान या मकान का किराया भी दिया जाएगा। नए प्रोजेक्ट के तहत उन्हें 10% ज्यादा ग्राउंड कवरेज मिलेगा। अपर आयुक्त हाउसिंग बोर्ड शैलेंद्र वर्मा ने बताया कि स्कीम में 40 साल पूरी कर चुकी इमारतों को शामिल किया है।

1. पंडित रविशंकर शुक्ल मार्केट

करीब 1960 में बने इस मार्केट में 59 दुकानें और 100 फ्लैट्स हैं। बोर्ड यहां 200 करोड़ खर्च करने की डीपीआर तैयार कर रहा है। नए प्रोजेक्ट में 150 दुकानें और करीब 250 फ्लैट्स बनाने की योजना है।

2. हाउसिंग बोर्ड का पुराना दफ्तर

बिट्‌टन मार्केट स्थित इस दफ्तर के ग्राउंड फ्लोर पर 20 दुकानें हैं। इसकी पहली मंजिल पर बोर्ड का दफ्तर लगता था, जिसे खाली कर दिया गया है। यहां 100 करोड़ से 50 दुकानें और नया ऑफिस एरिया बनेगा।

3. जनता क्वार्टर ऐशबाग

इस कॉलोनी के 600 मकानों को नगर निगम ने जर्जर घोषित कर दिया है। इन्हें तोड़ने की कई बार नाकाम कोशिश हो चुकी हैं। यहां हाउिसंग बोर्ड 100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करने की प्लानिंग में है।

4. सरस्वती नगर

डिपो चौराहा के पास बसे सरस्वती नगर में 60 फ्लैट हैं। 40 साल पहले डेवलप इस कॉलोनी के मकानों की हालत खस्ता है, इसलिए इन्हें भी पॉलिसी में शामिल किया है। करीब 50 करोड़ खर्च कर यहां 100 फ्लैट्स बनाने की योजना है।

रेसिडेंशियल-कमर्शियल में अलग एफएआर

रीडेवलपमेंट पॉलिसी के तहत होने वाले निर्माण में ग्राउंड कवरेज और एफएआर यानी फ्लोर एरिया रेशियो का इंसेंटिव दिया जाना है। इसके लिए भूमि विकास नियमों में बदलाव हो चुके हैं। बदलाव में रेसीडेंशियल बिल्डिंग के लिए मौजूदा एफएआर से 0.50 ज्यादा एफएआर दिया जाएगा। ग्राउंड कवरेज भी 30 से बढ़ाकर 40% किया गया है।

रहवासियों-व्यापारियों के फायदे की स्कीम
“भोपाल के 4 प्रोजेक्ट्स के अलावा जबलपुर के हाथी ताल और इंदौर की एलआईजी कॉलोनी में एक-एक हजार करोड़ के प्रोजेक्ट की प्लानिंग हैं। इससे यहां के रहवासियों-व्यापारियों को फायदे होंगे।”
-चंद्रमौलि शुक्ला, कमिश्नर हाउसिंग बोर्ड

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