न बन जाए तीव्र व अत्यधिक उत्पादन के दबाव का टूल

जीपीटी-4: नए मॉडल की उच्च कार्यकुशलता से इंसानों की क्रियाशीलता पर नकारात्मक असर की आशंका 

जीपीटी-4 जैसे एआइ टूल पेशेवरों का स्थान नहीं लेंगे जैसा कि बहुत से लोगों ने आशंका जताई है। पर वे उन पर कुछ अधिक दबाव बनाए रखेंगे कि वे जो भी काम कर रहे हैं वह तेज गति से हो और अधिक उत्पादक हो।
ओपनएआइ ने चैटजीपीटी के एक अपडेट मॉडल की घोषणा की है। वही चैटजीपीटी, जिसका उपयोग पेशेवर लोग ई-मेल, ब्लॉग पोस्ट लिखने के लिए कर रहे हैं। मान लीजिए चैटजीपीटी अगर कोई कार है तो इसका नया भाषा मॉडल जीपीटी-4 ज्यादा शक्तिशाली इंजन वाला मॉडल कहा जा सकता है। पुराना चैटजीपीटी लिखित सामग्री को केवल पढ़ सकता था। नया चैटजीपीटी आपके फ्रिज में रखी सामग्री को देख कर बता सकता है कि डिनर में क्या बनाना है।

चैटजीपीटी को जहां परीक्षा में सौ में से दस अंक मिले, वहीं इसके नए संस्करण को 90 प्रतिशत। इसके लॉन्च होने के कुछ ही घंटों में लोगों ने इसका इस्तेमाल वेबसाइट बनाने, स्कैच बनाने से लेकर डेटिंग वेबसाइट पर साथी तलाशने तक के लिए किया। पर यह एक सशक्त भाषाई मॉडल को सार्वजनिक रूप से लॉन्च करने का मनोरंजक पहलू है। यह तो हनीमून अवधि है। इसके दीर्घकालिक परिणाम क्या होंगे, यह हम भविष्य में देखेंगे।

ओपनएआइ ने एक बार फिर कोई डेटा उजागर नहीं किया है जिसका इसने जीपीटी-4 को प्रशिक्षित करने के लिए इस्तेमाल किया। यानी अनुसंधानकर्ता मॉडल की जांच यह पता लगाने के लिए नहीं कर सकते कि यह अनजाने ही लोगों को गलत सूचना कैसे दे सकता है। व्यापक तौर पर, यह उच्च कुशलता के नए युग के द्वार खोलता है, जहां पेशेवरों को अधिक चतुराई के साथ तेज गति से काम करना होगा या फिर यह समझ लें कि उनका अस्तित्व संकट में है। मॉर्गन स्टेनले इसका बेहतरीन उदाहरण है, जो पिछले साल से जीपीटी-4 का इस्तेमाल कर रहा है। करीब एक पखवाड़े पहले की गई घोषणा के अनुसार, मॉर्गन स्टेनले ने जीपीटी-4 को हजारों शोध पत्रों के आधार पर प्रशिक्षित किया है जो इसके विश्लेषकों ने पूंजी बाजार, संपत्ति वर्गों, उद्योगों के विश्लेषण और अन्य विषयों पर प्रकाशित किए हैं ताकि यह अपने स्वयं के संपत्ति परामर्शदाताओं के लिए चैटबॉट बना सके। कंपनी का कहना है कि बैंक के करीब 200 कर्मचारी रोजाना इसका इस्तेमाल कर रहे हैं।

मॉर्गन स्टेनले विश्लेषकों के प्रमुख जैफ मैकमिलन ने एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा, ‘इसे ऐसे समझें मानो यह हमारा मुख्य निवेश रणनीतिकार, प्रमुख वैश्विक अर्थशास्त्री और वैश्विक इक्विटी रणनीतिकार है और दुनिया के हर कोने में प्रत्येक परामर्शदाता के लिए प्रतिदिन उपलब्ध है।’ लेकिन एक वाक्य गौरतलब है जो ओपनएआइ के अपने ही लेख में सामने आया है द्ग ‘मैकमिलन के अनुसार ये प्रयास आगे मॉर्गन स्टेनले के परामर्शदाताओं और उनके ग्राहकों के बीच संबंध बेहतर करेंगे होंगे और ऐसा उन्हें और ज्यादा लोगों की अधिक तत्परता के साथ मदद करने के लिए सक्षम करने से होगा।’ कितनी अधिक तत्परता से? मॉर्गन स्टेनले के एक प्रवक्ता ने मुझे बताया कि अब इसके परामर्शदाता आधे घंटे में करने वाला काम कुछ ही सेकंड में कर लेते हैं। जैसे किसी कम्पनी के प्रदर्शन ओर शेयरों के बारे में उपभोक्ता को सलाह देने के लिए विश्लेषक की टिप्पणी देखना।

जीपीटी-4 जैसे एआइ टूल पेशेवरों का स्थान नहीं लेंगे जैसा कि बहुत से लोगों ने आशंका जताई है। पर वे उन पर कुछ अधिक दबाव बनाए रखेंगे कि वे जो भी काम कर रहे हैं वह तेज गति से हो और अधिक उत्पादक हो। वे उत्कृष्टता के पैमाने को बढ़ा देंगे जो कि स्वीकार्य निर्गम माना जाता है और अत्यधिक दक्षता के युग का सूत्रपात करेंगे, जैसा हमने पहले कहीं नहीं देखा है। ठीक वैसे ही जैसे पेशेवर अनुवादक और व्याख्याता या दुभाषिए होते हैं। जैसे-जैसे एआइ टूल्स गूगल ट्रांसलेटर और डीपएल की लोकप्रियता व्यावसायिक उपभोक्ताओं के बीच बढ़ी, कई अनुवादकों को आशंका थी कि ये टूल उनका स्थान ले लेंगे। जबकि हुआ यह कि अनुवादकों से और ज्यादा आउटपुट देने की उम्मीद की गई।

बीस वर्ष से अधिक समय से दुभाषिए के तौर पर काम कर रही न्यूरिया लिएंडेरास के अनुसार, ‘अनुवाद टूल्स के अविष्कार से पहले किसी पेशेवर अनुवादक से प्रतिदिन 1000 से 2000 शब्द अनुवाद की अपेक्षा की जाती थी। अब उनसे 7000 शब्द प्रतिदिन की अपेक्षा की जा रही है।’ उनके व्यवसाय के शीर्ष लोगों का मानना है कि और अधिक एआइ प्रणाली आएगी तो समकालिक अनुवाद में सहायता मिलेगी लेकिन उसका अर्थ यह भी हो सकता है कि मानव अनुवादकों को अधिक काम करना होगा, यह जांचना होगा कि मशीन का अनुवाद उचित है या नहीं। यह मानव कार्यकुशलता के भी मानदंड बढ़ाएगा। न्यूरिया लिएंडेरास कहती हैं, ‘इस अतिरिक्त मदद के साथ संभवत: आपके पास कुछ भी बाकी छोड़ने का बहाना न बचे।’

यह सब आगे बढ़ती तकनीक का हिस्सा है। स्मार्ट फोन की मदद से हम हमेशा अपने काम से जुड़े रहते हैं। स्लैक नामक मैसेजिंग प्रोग्राम की सहायता से कम्पनी के ही लोगों के बीच आपसी संवाद अधिक सुगम बन गया है। पर ऐसे टूल भी हमें काम की अनवरत शृंखला से जोड़े रखते हैं। दिन के ऐसे क्षण भी छिन जाते हैं जो कर्मचारी के चिंतन, विचार मंथन या यों कहें कि काम के बीच राहत की सांस लेने के लिए थे। जीपीटी-4 में इंसानी कामगारों से अधिक कुशल काम निकलवाने की क्षमता है लेकिन हमारी मानसिक ऊर्जा की कीमत पर। ये नए मॉडल भले ही कितने भी कुशाग्र क्यों न बना दिए जाएं, देखना यह है कि ये इंसानों की क्रियाशीलता को खत्म करने के और कितने करीब पहुंच चुके हैं।

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