संकट में नर्सिंग स्टूडेंट्स का भविष्य ..!

डेढ़ लाख नर्सिंग छात्र 3 साल से एक ही कक्षा में, परीक्षा पर बैन; फिर भी कॉलेज नए एडमिशन दे रहे …

नर्सिंग फर्जीवाड़े की आज हाईकोर्ट में सुनवाई, अफसर कहते हैं- केस कोर्ट में, हम क्या करें ..

सरकारी सिस्टम, कोर्ट के आदेश और सीबीआई जांच के बीच मप्र के डेढ़ लाख नर्सिंग स्टूडेंट्स का भविष्य संकट में है। इन स्टूडेंट्स ने 2020-21 में नर्सिंग कॉलेजों में फर्स्ट ईयर में एडमिशन लिया था, लेकिन तीन साल बाद भी इनके फर्स्ट ईयर के एग्जाम नहीं हो पाए। यानी वे तीन साल से एक ही क्लास में अटके हैं, क्योंकि परीक्षा पर हाईकोर्ट की रोक है।

नर्सिंग फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई कर रही है और बावजूद इसके सरकार न केवल पुराने कॉलेजों की मान्यता रिन्यू कर रही है, बल्कि नए नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता भी दे रही है। इससे हर साल नए एडमिशन हो रहे हैं। इसका नतीजा ये है कि 2021 के स्टूडेंट्स भी आज फर्स्ट ईयर में है और 2022-23 के भी। जो स्टूडेंट्स 2021 में सेकंड, थर्ड या फाइनल ईयर में थे, उनके भी एग्जाम रुके हुए हैं। मेडिकल यूनिवर्सिटी और नर्सिंग काउंसिल के मुताबिक प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में हर साल करीब 30 हजार बच्चे एडमिशन लेते हैं। अब नए नर्स बनना भी बंद हो गए हैं।

सरकार ने कहां ढिलाई बरती

  1. 2021 में एक साल की जांच होनी थी। हाई कोर्ट को सही समय पर कागजात दिए जाते तो जांच 3 साल नहीं बढ़ती
  2. हाई कोर्ट की परीक्षा पर रोक के बावजूद लगातार नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देती रही और उन्हें रिन्यू करती रही

सीबीआई जांच में 485 कॉलेज घिरे, जब तक जांच पूरी नहीं होगी, तब तक परीक्षा से रोक हटना मुश्किल

ग्वालियर से मामला उठा, बाद में प्रदेशभर में जांच

ये मामला 2021 में ग्वालियर संभाग से शुरू हुआ था। ग्वालियर हाई कोर्ट पीठ में शिकायत पर सरकार की कमेटी ने 230 कॉलेजों की जांच की तो 70 अपात्र मिले। 2700 फैकल्टी भी डुप्लीकेट मिलीं। लेकिन जो अपात्र हुए, उनका इंस्पेक्शन करने वाले इंस्पेक्टरों, डॉक्टरों पर कोई एक्शन नहीं हुआ। सरकार भी मामले में जब संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई तो हाई कोर्ट पीठ ने 485 नर्सिंग कॉलेजों में परीक्षा पर रोक लगाते हुए जांच सीबीआई को सौंप दी। गुरुवार 13 अप्रैल को हाईकोर्ट पीठ में इस फैसले के खिलाफ सुनवाई होनी है।

वैध-अवैध का फैसला भी जांच के बाद

मामले में 35 नर्सिंग कॉलेजों को छोड़कर बाकी 485 सीबीआई जांच में घिरे हैं। जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक हाईकोर्ट परीक्षा पर लगी रोक नहीं हटाएगा, न ही कॉलेजों के वैध-अवैध पर फैसला देगा। वहीं सरकार लगातार चौथे साल भी मान्यता रिन्यू करने के आवेदन मंगा रही है।

सीबीआई को 3 महीने में कॉलेज के पते ही नहीं मिले
सीबीआई ने जनवरी-23 से डीआईजी-सीआईडी के सुपरविजन में जांच शुरू की। जांच सीबीआई के डीएसपी पुरोहित कर रहे हैं। जांच एजेंसी से जुड़े सूत्र बताते हैं कि नर्सिंग कॉलेजों को मान्यता देने में इतनी गड़बड़ी हुई है कि कॉलेजों के पते ही नहीं मिल रहे। कई जगह पते मिले तो बिल्डिंग पर ताला है। ताला खुला भी मिला तो कॉलेज के पास किसी तरह के दस्तावेज नहीं हैं।

  • नर्सिंग काउंसिल के प्रशासक डॉ. योगेश शर्मा कहते हैं कि हमने मेडिकल यूनिवर्सिटी के वीसी, रजिस्ट्रार से बोला कि वो चांसलर ( राज्यपाल होते हैं) को इंवॉल्व करके रास्ता निकालें। वो इस पर फैसला ले सकते हैं।
  • नर्सिंग फर्जीवाड़े की आज हाईकोर्ट में सुनवाई, अफसर कहते हैं- केस कोर्ट में, हम क्या करें

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