इंदौर में पकड़ी 2.40करोड़ की अफीम …!

इंदौर में ‘रेड’ मूवी की तरह पकड़ी 2.40करोड़ की अफीम …!

NCB कार्रवाई करती रही, ड्राइवर आराम से बैठा रहा, एक फोन ने बदल दिया सीन ….

पांच साल पहले 2018 में आई अजय देवगन की मूवी ‘रेड’ तो याद होगी। ठीक उसी तर्ज पर इंदौर में NCB ने कार्रवाई कर 2.4 करोड़ की अफीम पकड़ी। जब NCB ट्रक पर कार्रवाई कर रही थी, तब ड्राइवर आराम से बैठा मानो खेल देख रहा हो। थकी हारी NCB को एक फोन पर ऐसा क्लू मिला कि पूरी कहानी ही पलट गई।

यह इंदौर में पकड़ी गई अब तक की सबसे ज्यादा कीमत की अफीम की खेप है। ट्रक में ड्राइवर सीट के पीछे 110 पैकेट में 80 किलो 250 ग्राम अफीम की तस्करी करते हुए चालक को पकड़ा है। इसकी कीमत 2 करोड़ 40 लाख रुपए है। ड्राइवर ने ऐसा क्यों किया, ये बताएंगे, लेकिन पहले घटनाक्रम पढ़िए फिर बताएंगे कि जब NCB ने कार्रवाई की तो ड्राइवर ढाबे पर बैठकर आराम से खाना खाकर आराम करता रहा।

वो ट्रक जिसमें ले जाई जा रही थी अफीम। नंबर प्लेट भी सही थी, उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। सामान्य तौर पर तस्करी में शामिल वाहन की नंबर प्लेट आरोपी बदल देते हैं।
वो ट्रक जिसमें ले जाई जा रही थी अफीम। नंबर प्लेट भी सही थी, उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की गई। सामान्य तौर पर तस्करी में शामिल वाहन की नंबर प्लेट आरोपी बदल देते हैं।

बात 28 अप्रैल 2023 की है। इंदौर में NCB को मुखबिर से इनपुट मिला था कि ट्रक क्रमांक GJ02Z5655 का ट्रक ड्राइवर अवैध रूप से ट्रक में अफीम छुपाकर मणिपुर से गुजरात ले जा रहा है। इसके बाद तुरंत NCB अधिकारियों ने टीम तैयार की और ट्रक ड्राइवर को पकड़ने में जुट गए। कुछ छुट्‌टी पर थे, उन्हें भी ड्यूटी पर बुला लिया गया। 28 अप्रैल को सुबह 4 बजे से ऑपरेशन शुरू हुआ और इंदौर से गुजरात जाने वाले अलग-अलग रूट पर NCB की टीम रेकी करने लगी, हथियारों से लैस पार्टियों को तैनात कर दिया था। लेकिन सुबह से शाम हो गई थी मगर ट्रक का कोई अता-पता नहीं था।

NCB के पास ये इनपुट भी था कि ट्रक ड्राइवर बेटमा बायपास पर रामदेव ढाबे पर रुकता है। इसलिए वहां खास तौर से टीम नजर रखे हुए थी। रात हो चुकी थी लेकिन ट्रक के किसी भी रूट से गुजरात की ओर जाने की सूचना नहीं मिली थी। देर रात एक ट्रक रामदेव के ढाबे पर आकर रूका। नंबर चेक किया तो वही निकला, जिसकी तलाश में इंतजार करते-करते सुबह से रात हो चुकी थी। यहां ड्राइवर रात के करीब 3-4 बजे तक रुका रहा। उसे पकड़ने के लिए कुछ दूरी पर खड़ी NCB की टीम उसके ढाबे से चलने का इंतजार कर रही थी।

ढाबे पर भी कुछ पुलिसकर्मी नजर बनाए हुए। अधिकारियों ये अंदेशा था कि ढाबे पर कार्रवाई तो वह अंधेरे का फायदा उठाकर भाग सकता है। इसलिए ट्रक में सवार होने के बाद ही उसे आगे पकड़ा जाएगा। सुबह करीब 4 बजे ट्रक ड्राइवर ट्रक लेकर ढाबे से रवाना हुआ। वो थोड़ा आगे चला ही था कि टोल के पास उसका इंतजार कर रही NCB टीम ने उसे रोक लिया।

NCB कार्रवाई करती रही, ड्राइवर आराम से बैठकर तमाशा देखता रहा

पकड़ाने के बाद भी ड्राइवर ने कोई बेचैनी या हड़बड़ी नहीं दिखाई। वो पूरी तरह से शांत और सामान्य बना रहा। मानो उसे ये अंदाजा हो कि माल ऐसी जगह छुपा रखा है कि NCB की टीम ढूंढ ही नहीं पाएगी। हुआ भी वैसा ही। NCB अधिकारियों ने उससे पूछताछ की तो उसने सब-कुछ सच-सच बताया। नाम सुजानाराम पिता ठाकरा, उम्र 40 साल, निवासी ग्राम समो की ढाणी, जिला बाड़मेर राजस्थान बताया। ट्रक में मक्का थी, जिसकी बिल्टी चेक करने पर वो सही पाई गई। ट्रक का नंबर भी उसने नहीं बदला था, वो भी सही था। ट्रक में चेकिंग की गई तो NCB की टीम को कुछ भी नहीं मिला। तब तक ट्रक चालक भी ये मान चुका था कि वो नहीं पकड़ाएगा।

ट्रक के केबिन में ड्राइवर सीट के नीचे इस तरह बॉक्स बनाकर उसमें अफीम के पैकेट छुपाकर ले जाए जा रहे थे। नारकोटिक्स अधिकारियों ने जब ड्राइवर को रोक पूछताछ की तो वह इसलिए ही टेंशन फ्री था। उसे मालूम था कि ऊपर से अधिकारी कितनी ही चेकिंग कर ले उन्हें अफीम नहीं मिलेगी।
ट्रक के केबिन में ड्राइवर सीट के नीचे इस तरह बॉक्स बनाकर उसमें अफीम के पैकेट छुपाकर ले जाए जा रहे थे। नारकोटिक्स अधिकारियों ने जब ड्राइवर को रोक पूछताछ की तो वह इसलिए ही टेंशन फ्री था। उसे मालूम था कि ऊपर से अधिकारी कितनी ही चेकिंग कर ले उन्हें अफीम नहीं मिलेगी।

कुछ नहीं मिला तो NCB ने मुखबिर को लगाया फोन, वहां से मिला इनपुट

इसके बाद NCB टीम ने मुखबिर से संपर्क किया और बताया कि ट्रक में अफीम नहीं निकली है। इसके बाद मुखबिर ने ट्रक के केबिन में ड्राइवर सीट और क्लीनर सीट के नीचे माल होने का इशारा किया। अधिकारियों ने चेक किया तो वहां भी कुछ नहीं था, इसके बाद सीट के नीचे जो वेल्डिंग की गई थी, उसकी जांच की गई। उसे तोड़ने में भी टीम को काफी मशक्कत करना पड़ी। कुछ पुलिसकर्मियों के हाथों में चोट भी लगी। ऊपर लोहे का हिस्सा जब हटा तो नारकोटिक्स के अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। छोटे-छोटे पैकेट तैयार कर अफीम को छुपाया गया था। माल जब्त करने के साथ ही ट्रक ड्राइवर आरोपी सूजाना राम को गिरफ्तार कर लिया गया।

रिमांड में उगल दिया पूरा सच, पहले भी गुजरात से होकर राजस्थान ले गया था अफीम

आरोपी ट्रक चालक को गिरफ्तार कर 29 अप्रैल को कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 4 मई तक के रिमांड पर NCB को सौंप दिया। शुक्रवार 5 मई को उसे जेल भेज दिया गया है। रिमांड में पूछताछ के दौरान उसने पूरी कहानी अधिकारियों को सुनाई। उसने बताया कि करीब 3-4 महीने पहले पहली बार वो ट्रक में अफीम छुपाकर ले गया था। लेकिन तब उसे पता नहीं था कि ट्रक में अफीम की तस्करी की जा रही है। उस समय वो मणिपुर से ही ट्रक में माल लोड कर वो गुजरात के अहमदाबाद के लिए निकला था।

साथ में ट्रक का मालिक भगवाना राम भी साथ था। दोनों ट्रक लेकर अहमदाबाद पहुंचे जहां उसने लोडेड माल खाली करवाया, फिर ट्रक मालिक ने उसे अहमदाबाद से लगभग 243 किलोमीटर दूर सांचौर ले जाकर ट्रक खड़ा करने के लिए कहा। वहां पहुंचने के बाद उसे सीट के नीचे अफीम छुपाकर लाने के बारे में पता चला। इतना ही नहीं इसके एवज में उसे 20 हजार रुपए भी ट्रक मालिक ने दिए। ट्रक में अफीम के अलावा अन्य माल लोड करके इसलिए ले जाते थे ताकि किसी को शक नहीं हो।

जब्त अफीम के पैकेट।
जब्त अफीम के पैकेट।

इस बार अवैध रूप से अफीम की वो दूसरी ट्रिप ले जा रहा था, जिसके बारे में उसे पूरी तरह से पता था। ट्रक में अकेला इसलिए था ताकि अगर वो किसी को साथ लेता है तो हो सकता है बात लीक हो जाए, लिहाजा वो रिस्क नहीं लेना चाहता था। उसे ट्रक मालिक भगवाना राम ने 80 हजार रुपए अफीम की डिलीवरी करने के बाद देने का कहा था।

अहमदाबाद में ट्रक में लोड मक्का खाली करने के बाद उसे भगवाना राम को फोन करना था और वो उसे बताने वाला था कि अफीम की डिलीवरी कहां करनी है लेकिन इससे पहले ही NCB ने उसे इंदौर में पकड़ लिया।

बेटी की दो महीने बाद होना है शादी, पैसें की जरुरत को पूरा करने के लिए की तस्करी

उसकी पत्नी की मौत हो चुकी है। उसके चार बच्चे हैं। इनमें दो बेटी और दो बेटे हैं। बड़ी वाली लड़की की दो महीने बाद शादी होने वाली है। इसलिए उसे पैसों की जरूरत थी। यही कारण था कि वह 80 हजार रुपए में अफीम की तस्करी करने के लिए तैयार हो गया।

मणिपुर से किसने रखवाई थी अफीम, अन्य फरार आरोपियों का क्या स्टेटस है वो भी जान लीजिए

आरोपी ट्रक ड्राइवर को मणिपुर से हरी राम नामक व्यक्ति ने अफीम रखवाई थी। ट्रक मालिक भगवान रामा और हरी राम दोनों राजस्थान के रहने वाले हैं। उन्हें पकड़ने के लिए पुलिस ने उनके घर पर दबिश भी दी लेकिन दोनों नहीं मिले। घर पर महिलाएं थी, जिन्होंने आरोपियों के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बताया। दोनों के मोबाइल नंबर भी बंद आ रहे हैं। पुलिस उनकी लोकेशन पता करने में जुटी है। आखिर वे कहां फरारी काट रहे हैं।

मणिपुर में हिंसा के चलते इन दिनों कर्फ्यू लगा है। जिस वजह से आरोपी ट्रक चालक को वहां नहीं ले जाया गया। ट्रक चालक के द्वारा बताई गई जानकारी के आधार पर बाद में वहां से भी जानकारी NCB जुटाएगी।

NCB अफसरों को अंदेशा है कि अफीम की पहली खेप सांचौर ले जाई गई थी और वहां से राजस्थान में बाड़मेर या अन्य जगह सप्लाय की गई होगी, क्योंकि आरोपी ट्रक चालक के अलावा दोनों अन्य आरोपी भी बाड़मेर जिले के रहने वाले हैं।

नारकोटिक्स अधिकारियों के साथ पूरी टीम जिसने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
नारकोटिक्स अधिकारियों के साथ पूरी टीम जिसने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।

टीम में ये लोग शामिल थे

नारकोटिक्स की कार्रवाई अति. पुलिस महानिदेशक डॉ.एस डब्ल्यू नकवी व उप पुलिस महानिरीक्षक अमित सिंह के निर्देशन में तथा हेमलता अग्रवाल अति. पुलिस अधीक्षक नारकोटिक्स विंग इंदौर के मार्गदर्शन में की गई। आरोपी को पकड़ने के लिए बनाई गई टीम में उप पुलिस अधीक्षक संतोष हाडा, निरीक्षक वरसिंह खडिया, निरीक्षक पदम सिंह कायत, उप निरीक्षक अजय कुमार शर्मा, उनि कालूराम पटेल, प्रधानआरक्षक मनीष सिरोठा, प्रधानआरक्षक पंकज जायभाय, प्रधानआरक्षक प्रमोद पाटीदार, आरक्षक अमित सोलंकी, आरक्षक प्रदीप पाल, आरक्षक जितेंद्र पटेल, आरक्षक ऋतुराज पंवार, आरक्षक राजरतन तायडे, आरक्षक ओम प्रकाश राठौर, आरक्षक सुरेश हिरवे, आरक्षक सूरज यादव, आरक्षक शैलेंद्र चौहान, आरक्षक रवि कदम, महिला आरक्षक स्मिता राठौर, महिला आरक्षक वेल्का तिवारी शामिल थी।

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