इंदौर : देखिए आपके पैसों की बंदरबांट …?
#NagarNigam: प्रवासी मेहमानों को दिखाने के लिए किया घटिया काम, एक्सपर्ट ने किया काम का ऑडिटइंदौरवासियों…देखिए आपके पैसों की बंदरबांट, 4 माह में दिखावा साफ, बिखर रहे डिवाइडर
जगह-जगह से गिर रहा है कांक्रीट
8 जनवरी से शुरू हुए प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान निगम ने पार्क रोड पर स्थित आइलैंड (रेलवे स्टेशन के सामने) 500 मीटर के चार फीट ऊंचे डिवाइडर बनवाए थे। बीच में हरियाली के लिए दो फीट जगह रखते हुए 1 किलोमीटर लंबाई में सीमेंट-कांक्रीट के ये डिवाइडर थे। हालत यह है कि पेट्रोल पंप के सामने इसका एक बड़ा हिस्सा टूट चुका है। सड़क और डिवाइडर के बीच से लगभग 2 इंच का कांक्रीट गायब हो चुका है। डिवाइडर में जगह-जगह से कांक्रीट गिर रहा है।
सीमेंट की कमी, क्यूरिंग नहीं
निर्माण की वास्तविकता जानने के लिए …… टीम के साथ सिविल इंजीनियर नितिन पाल मौके पर पहुंचे। एक्सपर्ट ने बताया कि यहां एम-20 ग्रेड के कांक्रीट से निर्माण होना था, लेकिन सीमेंट की मात्रा बेहद कम है। यहां एम-10 ग्रेड से भी हल्का माल इस्तेमाल किया गया है। क्यूरिंग भी नहीं की गई। जबकि, कम से कम 7 दिन तक पानी से क्यूरिंग की जानी थी। कांक्रीट की छह इंच चौड़ी जो दीवार बनाई है, उसमें हनीकाम्ब भी साफ नजर आ रहे हैं, मतलब जब कांक्रीट भरा गया तो उसमें वाइब्रेटर का इस्तेमाल नहीं किया गया। इससे कांक्रीट सही तरह से नहीं भराया और कांक्रीट की सही तरह से पकड़ नहीं हो पाई। यही कारण है कि वह जगह-जगह से निकल रहा है।
ये बहाने बना रहे फील्ड अफसर
(आमतौर पर…..
(आमतौर पर एम 10 ग्रेड का कांक्रीट सड़क और घर बनाते समय मिट्टी पर कांक्रीट की पहली पतली लेयर के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है, ताकि ऊपर के कांक्रीट की पकड़ सही रहे।)