सवाल- किसने छीने हमारे फुटपाथ…?

#TrafficProblem: एमजी रोड की बदहाली, निगम ने कहीं सिटी बस स्टॉप बनाए तो कहीं हैं शौचालय

सवाल- किसने छीने हमारे फुटपाथ…? जवाब-निगम ने ही रौंदा जनता का हक

इंदौर. पैदल चलने वालों की दिक्कतें दूर करने के लिए  …..मुख्य मार्गों को स्कैन कर रहा है। उद्देश्य है कि पैदल चलने वालों को जगह मिले।हकीकत यह है कि फुटपाथों पर कब्जा कर नगर निगम ने ही जनता के अधिकारों को रौंद दिया है। आज पढ़िए, एमजी रोड के फुटपाथों पर डाके का आंखों देखा हाल…।

रविवार को  ….. टीम एमजी रोड पहुंची। हाई कोर्ट तिराहे से रीगल तिराहे की तरफ बढ़ने पर कुछ कदम का फुटपाथ है। राहगीर भी इसका इस्तेमाल करते हैं, लेकिन फिर फुटपाथ खत्म हो जाता है। यहां थोड़ी-थोड़ी दूरी पर सिटी बस के दो स्टॉप बना दिए गए हैं। बस स्टॉप के आगे काले रंग की पानी की बड़ी टंकी रखी है। उसके आगे शौचालय है। रीगल तिराहे से पलासिया चौराहे के बीच कई हिस्सों में फुटपाथ के यही हाल हैं। पीक ऑवर में लोगों का इस रास्ते पर चलना दुश्वार है। जान जोखिम में डाल आम जनता मुख्य लेन में चल रही है।

फुटपाथ से अतिक्रमण हटाना आवश्यक है। तभी सुधार हो सकता है। बिना प्लानिंग के एमजी रोड के फुटपाथ पर बस स्टॉप बनाए गए हैं। यहां फुटपाथ की चौड़ाई लगभग 3 फीट है। जिम्मेदारों को वहां स्टॉप बनाने थे, जहां छह फीट जगह हो। 3 फीट चौड़े फुटपाथ के पीछे बस स्टॉप बनाने थे। नियम कहते हैं कि चौराहे या जंक्शन के 300 मीटर पहले बस स्टॉप बनाने चाहिए, ताकि मार्ग के साइड में बस रूकने से ट्रैफिक जाम न हो।

.तो कहां करें शिकायत …
लोगों का सवाल है, फुटपाथों पर सरकारी कब्जे हैं तो शिकायत किससे करें? मालूम हो, शहर में 200 से अधिक बस स्टॉप हैं। अधिकांश बस स्टॉप फुटपाथ पर बने हैं। अपर आयुक्त अभय राजनगांवकर कहते हैं, बस स्टॉप नियमानुसार बने हैं। कहीं दिक्कत है तो दिखवाएंगे।

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