केंद्र की निगरानी में 37 कलेक्टर ‘फेल’ …

केंद्र की निगरानी में 37 कलेक्टर ‘फेल’ कितना काम… झांका भी नहीं

सतना. केंद्र सरकार की निगरानी में प्रदेश के 37 कलेक्टर फेल हो गए हैं। मनरेगा के काम को परखने के लिए केंद्र एरिया ऑफिसर ऐप से नजर रख रही है। सूबे के कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ की निगरानी की जा रही है। ऐप में अफसरों की उपस्थिति शून्य है। सतना, रीवा सहित 37 जिलों के कलेक्टर फेल हो गए हैं। जिला पंचायत सीईओ की भी रिपोर्ट अच्छी नहीं है। महज 23 जिलों के अधिकारी ही दफ्तर छोड़ दौरे पर निकले हैं। 28 जिलों के जिपं अधिकारी दफ्तर से बाहर नहीं निकले।

अफसरों को मनरेगा के काम का भौतिक निरीक्षण करना था। 2023 के चार माह की एसीएस पंचायतराज मलय श्रीवास्तव ने समीक्षा की तो चौंकाने वाले खुलासा हुआ। 70% कलेक्टर और जिला और 26 जनपद पंचायत सीईओ ने काम का निरीक्षण ही नहीं किया।

रिपोर्ट ठीक नहीं मिलने पर उन्होंने सभी कलेक्टर और जिपं सीईओ को लक्ष्य के अनुसार नियमित मैदानी दौरे कर इसकी रिपोर्ट ऐप पर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। अब इसकी साप्ताहिक समीक्षा होगी।

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मनरेगा में कलेक्टर और जिपं सीईओ की भूमिका

कलेक्टर को मनरेगा का जिला कार्यक्रम समन्वयक और जिला पंचायत सीईओ को मनरेगा का अति. कार्यक्रम अधिकारी नियुक्त किया गया है। लिहाजा दोनों अधिकारियों की जिम्मेदारी है कि वे नियमित मनरेगा में होने वाले काम की मैदानी स्तर पर पहुंच कर भौतिक मूल्यांकन करें।

यह है लक्ष्य

राज्य सरकार ने कलेक्टर एवं जिला कार्यक्रम समन्वयक मनरेगा के लिए न्यूनतम 20 भ्रमण प्रतिमाह, जिपं सीईओ एवं अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा के लिए न्यूनतम 20 भ्रमण प्रतिमाह व जनपद सीईओ एवं परियोजना अधिकारी मनरेगा के लिए 30 भ्रमण का लक्ष्य तय किया है।

14 कलेक्टरों ने ही किया भ्रमण

छिंदवाड़ा, रायसेन, आलीराजपुर, रतलाम, मुरैना, सिवनी, खरगोन, नीमच, बुरहानपुर, नर्मदापुरम, जबलपुर, पन्ना, शिवपुरी, बालाघाट के कलेक्टरों ने भ्रमण किया है। सबसे ज्यादा 57 निरीक्षण बालाघाट कलेक्टर ने किया। इसके बाद शिवपुरी और पन्ना कलेक्टर ने 27-27 निरीक्षण किए हैं।

23 जिपं सीईओ ही मैदान में उतरे

भोपाल, मुरैना, सीधी, आगर मालवा, उज्जैन, अशोक नगर, कटनी, झाबुआ, देवास, नीमच, रतलाम, छतरपुर, श्योपुर, होशंगाबाद, जबलपुर, सागर, खरगोन, बालाघाट, नरसिंहपुर, सिवनी, पन्ना, शिवपुरी और रायसेन के जिपं सीईओ मैदान में उतरे। सबसे ज्यादा 66 निरीक्षण रायसेन जिपं सीईओ ने किया है। 39-39 दौरे शिवपुरी और पन्ना जिपं सीईओ ने किए।

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