पुलिस पर गंभीर आरोप, FIR में दावा ..?

पुलिस पर गंभीर आरोप, FIR में दावा- पहलवानों ने की दंगे भड़काने की कोशिश… जानें बीते 24 घंटे में जंतर मंतर पर क्या हुआ
 दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर के धरना स्थल पर धारा 144 लागू कर प्रदर्शन स्थल को खाली करा लिया. पहलवानों के प्रदर्शन स्थल पर लगे टेंट, गद्दे, कूलर, पंखे वगैरह हटा दिए गए.

पहलवानों ने रविवार को नई संसद के सामने महिला महापंचायत करने का ऐलान किया था. जब पहलवानों ने संसद तक मार्च निकालने की कोशिश की, तभी दिल्ली पुलिस ने उनके साथ कथित बदतमीजी की. कुछ देर बाद पहलवानों को हिरासत में ले लिया गया और इसके बाद जंतर मंतर पर धारा 144 लागू कर दी. हालाकि, देर शाम तक पहलवानों को रिहा कर दिया गया. आइए जानते हैं कि बीते 24 घंटों में पहलवानों के प्रदर्शन में क्या हुआ?

पहलवानों ने की नई संसद पहुंचने की कोशिश, बेरिकेड्स फांदे
हरियाणा में हुई खाप पंचायत में 28 मई को नई संसद के उद्घाटन समारोह के दिन भवन के सामने महिला महापंचायत का ऐलान किया गया था. दिल्ली पुलिस ने इसकी इजाजत नहीं दी थी, लेकिन रविवार को पहलवानों ने महापंचायत करने के लिए संसद मार्च निकाला. इस दौरान पहलवानों ने बेरिकेड्स फांदने की कोशिश की, जिसे दिल्ली पुलिस ने रोकने की कोशिश की.

इस दौरान विनेश फोगाट के साथ उनकी बहन संगीता फोगाट और साक्षी मलिक ने सुरक्षा घेरा तोड़कर आगे निकलने की कोशिश की. इसी दौरान पहलवानों और प्रदर्शनकारियों के बीच धक्का-मुक्की और कथित हाथापाई हुई. जिसके बाद पुलिस ने पहलवानों समेत 109 प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया. इन सभी को अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया. इसके बाद पुलिस ने जंतर मंतर से पहलवानों का टेंट वगैरह हटाकर जगह खाली करा ली.

 

पहलवानों ने लगाए पुलिस पर गंभीर आरोप
विनेश फोगाट, संगीता फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया समेत कई पहलवानों ने दिल्ली पुलिस पर हाथापाई, अभद्रता और कपड़े फाड़ने तक के गंभीर आरोप लगाए. पहलवानों का कहना था कि वे शांति से नई संसद की ओर जा रहे थे. पुलिस ने उन्हें जबरन रोकने की कोशिश करते हुए बेरिकेड्स लगा दिए.

आरोपों पर क्या बोली दिल्ली पुलिस?
दिल्ली पुलिस की ओर से इन आरोपों पर कहा गया कि पहलवानों को नई संसद तक मार्च और महिला महापंचायत की अनुमति नहीं दी गई थी. पहलवानों से कई अनुरोध किए गए और उन्हें चेतावनी भी दी गई. इसके बावजूद वे तमाम चीजों को नजरअंदाज कर गैर-जिम्मेदाराना तरीके से पुलिसकर्मियों के साथ भिड़ गए.

क्या खत्म हो जाएगा धरना?
दिल्ली पुलिस ने जंतर मंतर के धरना स्थल पर धारा 144 लागू कर प्रदर्शन स्थल को खाली करा लिया. पहलवानों के प्रदर्शन स्थल पर लगे टेंट, गद्दे, कूलर, पंखे वगैरह हटा दिए गए. पुलिस ने रविवार की देर शाम महिला पहलवानों को हिरासत से रिहा कर दिया. वहीं, बजरंग पुनिया को भी देर रात तक रिहा कर दिया गया.

जंतर मंतर पर धारा 144 लागू होने के बाद किसी भी तरह का जमावड़ा नहीं किया जा सकता है. इसे लेकर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया समेत सभी पहलवानों का कहना है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ हमारा धरना अभी खत्म नहीं हुआ है. बातचीत कर आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी.

FIR में पहलवानों पर दंगे भड़काने की कोशिश का आरोप
इस पूरे घटनाक्रम को लेकर दिल्ली पुलिस ने पहलवानों और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. पुलिस की ओर से इस एफआईआर में दावा किया गया है कि पहलवानों बेरिकेड्स तोड़ने के साथ ही पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया. पुलिस ने दावा किया कि महिला पुलिसकर्मियों के साथ पहलवानों ने हाथापाई भी की. दिल्ली पुलिस ने विनेश फोगाट, संगीता फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया समेत प्रदर्शनकारियों और धरने का आयोजकों पर एफआईआर दर्ज की है.

एफआईआर में पहलवानों पर धारा 147 (दंगा करने), धारा 149 (गैरकानूनी जमावड़ा), 186 (सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालना), 188 (सरकारी कर्मचारी के विधिवत आदेश की अवहेलना), 332 (सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाना) और 353 (सरकारी कर्मचारी को ड्यूटी से रोकने के लिए आपराधिक बल) के साथ प्रदर्शनकारियों पर सार्वजनिक संपत्ति क्षति निवारण अधिनियम की धारा 3 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

किसान संगठन के कई प्रदर्शनकारियों भी हिरासत में
हरियाणा में हुई खाप पंचायत में फैसला लिया गया था कि किसान संगठन और खाप पंचायतें 28 मई को नई संसद के सामने होने वाली महिला महापंचायत का समर्थन करेंगी. इसी के चलते रविवार को दिल्ली की सीमाओं पर कई किसान संगठनों का जमावड़ा होने लगा. हालांकि, दिल्ली पुलिस की सतर्कता के चलते कोई भी राज्य में नहीं घुस सका.

विपक्ष के निशाने पर मोदी सरकार
एनसीपी चीफ शरद पवार ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ये देखना दर्दनाक है कि दिल्ली पुलिस ने लोकतांत्रिक तरीकों से न्याय की मांग कर रही हमारी प्रमुख महिला पहलवानों के साथ किस तरह मारपीट की और उन्हें हिरासत में लिया. मैं हमारे एथलीटों के प्रति दिल्ली पुलिस के लापरवाह व्यवहार की कड़ी निंदा करता हूं, जो हमारे देश का गौरव हैं. क्रूरता की इस हरकत से आज हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों और लोकाचार को शर्मसार होना पड़ा है.

राहुल गांधी, अरविंद केजरीवाल, ममता बनर्जी, हेमंत सोरेन समेत विपक्ष के तमाम नेताओं ने मोदी सरकार को निशाने पर लिया. राहुल गांधी ने पहलवानों को हिरासत में लेने का वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा कि राज्याभिषेक पूरा हुआ – ‘अहंकारी राजा’ सड़कों पर कुचल रहा जनता की आवाज़.

 

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