भोपाल। श्री महाकाल लोक में सप्तऋषियों की मूर्तियां खंडित होने के मामले में कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप सिलसिला चल रहा है। बुधवार को कांग्रेस नेता सज्जन सिंह वर्मा ने आरोप लगाया कि प्रतिमाओं के निर्माण में अनियमितता हुई है। निर्धारित प्रविधानों का पालन नहीं किया गया। मूर्तियों के निर्माण की गुणवत्ता जांचने के लिए प्रयोगशाला तक नहीं बनाई गई। इस पर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है। कांग्रेस की सरकार ने एक पैसा भी महाकाल लोक में नहीं दिया। हमारे कामों की कमल नाथ सरकार ने प्रशंसा की थी। अब क्या हो गया।

प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सज्जन सिंह वर्मा और शोभा ओझा ने पत्रकारवार्ता में कहा कि शिवराज सरकार ने 97 करोड़ 71 लाख रुपये की योजना बनाई थी। कमल नाथ सरकार ने 300 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे और कार्यादेश सात मार्च 2019 को जारी किया था। नियमानुसार कार्यस्थल पर ही प्रयोगशाला स्थापित करनी थी, जो नहीं की गई।
उन्‍होंने कहा कि मूर्तियों के इतने कम समय में बदरंग होने का कारण घिसाई न होना और बेदरप्रूफ पीयू रंग का पर्याप्त उपयोग न होना है। उन्होंने कहा कि जब सामग्री का उपयोग नहीं हुआ तो वह कहां गई। यह जांच का विषय है। उज्जैन शहर में ही एक ही ठेकेदार ने मूर्तियां लगाईं पर लागत में बड़ा अंतर है। सिंधी समाज ने 25 फीट ऊंची मूर्ति का निर्माण चार लाख 11 हजार रुपये में करवाया। जबकि, महाकाल लोक में 15 फीट ऊंची मूर्ति का भुगतान 10 लाख दो हजार रुपये किया गया। अब क्षतिग्रस्त मूर्तियों को ही फिर से लगाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
दिग्विजय सिंह और कांग्रेस करते हैं हिंदू धर्म का मजाक उड़ाने का काम
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री ने सज्जन सिंह वर्मा के आरोपों पर कहा कि दिग्विजय सिंह और कांग्रेस हिंदू धर्म का मजाक उड़ाने का काम करते हैं। धर्म के नाम पर राजनीति और उसे बदनाम करने का काम करते हैं। इनका हिंदुत्व केवल चुनावी है और कुछ नहीं। कांग्रेस के समय धर्म के क्षेत्र में कोई काम नहीं हुआ। उज्जैन में भी जो काम हुआ, वह भाजपा सरकार की देन है।
उन्‍होंने कहा कि दिग्विजय सिंह बताएं कि प्रदेश और उज्जैन में महाकाल स्थान पर कौन सा काम उनकी सरकार ने किया था। महाकाल लोक के लिए भू-अर्जन, अधिग्रहण और अतिक्रमण हटाने का काम शिवराज सरकार में हुआ। महाकाल मंदिर परिसर ढाई हेक्टेयर में था, वह आज 47 हेक्टेयर हो गया है। स्मार्ट मिशन के अंतर्गत काम हुआ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राशि दी और मुख्यमंत्री ने उज्जैन को स्मार्ट सिटी में शामिल किया। सज्जन सिंह वर्मा उज्जैन के प्रभारी मंत्री थे, तब प्रस्तुतीकरण हुआ था। हमने जो टेंडर और स्वीकृति दी थी, उसकी प्रशंसा की थी तो आज क्या हो गया।
उन्‍होंने कहा कि उज्जैन में जितने भी सिंहस्थ हुए हैं, वे सभी भाजपा सरकार में हुए हैं। इस बार का सिंहस्थ देश के इतिहास का सबसे अच्छा हुआ था। पांच हजार करोड़ रुपये व्यवस्थाओं पर खर्च हुए थे और उज्जैन में नवनिर्माण हुआ था। उन्होंने कांग्रेस के खंडित मूर्तियां फिर लगाने के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश हैं, नई मूर्तियां ही लगाएंगे। जबकि उज्जैन में बुधवार से खंडित मूर्तियों को सुधारने का काम शुरू कराया गया है।