भोपाल  वर्ष 2018 से 2022-23 तक प्रदेश में बाढ़, अतिवृष्टि, सूखा एवं कीट प्रकोप जैसी आपदाओं में सरकार द्वारा दी जाने वाली राहत राशि के भुगतान में गड़बड़ी करने वाले 245 अधिकारी-कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई की गई है। इनसे चार करोड़ 34 लाख रुपये वसूले गए हैं। 11 कर्मचारियों को निलंबित करने के साथ 20 पर एफआइआर दर्ज कराई गई है तो 11 शासकीय सेवकों के विरुद्ध दंडादेश पारित हुए हैं।

32 लोगों को निलंबित किया

श्योपुर में गड़बड़ी करने वालों के बैंक खाते होल्ड कर दिए गए हैं। साथ ही बकायादारों की चल-अचल संपत्ति बेचकर 50 लाख रुपये वसूले जाएंगे। राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राहत राशि में गड़बड़ी के मामलों में नियमित रूप से कार्रवाई की जा रही है। इसके अंतर्गत तहसीलदार, पटवारी, नायब, नाजिर, लिपिक सहित 32 लोगों को निलंबित किया गया है।

29 अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच

सिवनी, सीहोर, शिवपुरी, भिंड एवं इंदौर में 20 लोगों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज की गई है। विभिन्न पदों पर कार्य करते हुए गड़बड़ी करने के 131 प्रकरणों में अभियोजन स्वीकृति जारी की गई है। 11 तहसीलदार एवं नायब तहसीलदार के विरुद्ध लोकायुक्त में आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं। साथ ही 29 अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय जांच प्रचलित है।

इंदौर में 4 हजार ट्रांजेक्शन त्रुटिपूर्ण पाए गए

रिकार्ड दर्ज करने में गिरदावरों के विरुद्ध 35 आपराधिक प्रकरण पंजीबद्ध कर विभागीय जांच की जा रही है। विदिशा में 40 लाख 19 हजार रुपये का भुगतान अनियमित पाया गया है। वहीं, इंदौर में चार हजार ट्रांजेक्शन त्रुटिपूर्ण पाए गए हैं। आगर मालवा जिले में जांच कराई जा रही है तो भिंड में 97 लाख 96 हजार रुपये वसूल करने के बाद 33 लाख रुपये का भुगतान पात्र किसानों को किया गया है।

लंबे समय से हो रहा है घोटाला

पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने आरोप लगाया कि किसानों के नाम पर राहत राशि में फर्जीवाड़े का खेल लंबे समय से हो रहा है। विधानसभा में इस विषय को कई बार उठाया जा चुका है। सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव में यह भी एक विषय था, पर सरकार चुप्पी साधे रही। उन्होंने सरकार से इस अनियमितता की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने की मांग की है।