बसों पर 40 फीसद सब्सिडी ली सिटी में चलाने की बजाय फैक्ट्रियों में की अटैच
ग्वालियर सूत्र सेवा की बसें खरीदने के लिए 40 फीसद सब्सिडी लेने के बावजूद स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन का आपरेटर अब सिटी बसें चलाने का इच्छुक नहीं है। इसका कारण है कि दिखावे के लिए इन बसों का संचालन शहर के बाहरी रूट यानी मालनपुर तक करना दिखाया, लेकिन इसके लिए अपनी निजी बसों को मालनपुर की फैक्ट्री में अटैच कर सूत्र सेवा की बसों के जीपीएस लगा दिए गए।
निगरानी के दौरान बसें चलती हुई दिखती थीं, लेकिन असल में ये निजी बसें हैं और फैक्ट्रियों से किराए के रूप में कमाई की जा रही थी। यह मामला सामने आने के बाद जहां आपरेटर की बैंक और परफार्मेंस गारंटी जब्त करने की कार्रवाई शुरू की गई है, इसके साथ ही नौ बसों को जब्त भी किया जाएगा। दरअसल, राज्य सरकार के आदेश पर सूत्र सेवा की बसों के संचालन के लिए चयनित आपरेटर को 40 फीसद सब्सिडी दी जाती है। हालांकि 40 फीसद सब्सिडी की राशि देने के साथ ही इतने ही पैसे को बैंक गारंटी के रूप में जमा कराया जाता है। फिर चार चरणों में बैंक गारंटी को रिलीज किया जाता है। इस बीच बसें चलने पर मिलने वाला किराया भी आपरेटर स्वयं ही रखता है। कोरोना के बाद बस आपरेटर ने बहाने बनाना शुरू किया कि शहर में आटो-टैंपो और ई-रिक्शा की भीड़ में बसें चलाने में दिक्कत है। बस जाम में फंस जाती हैं, सवारियां भी नहीं मिलती हैं। सिर्फ एक तय रूट दीनदयाल नगर से महाराज बाड़ा पर भी बसें चलती नजर नहीं आती थीं। अधिकारी भी इस योजना से आंखें बंद किए बैठे थे। इस बीच जब निगमायुक्त हर्ष सिंह ने बसें चलाने के लिए सख्ती बरती, तो स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन ने निगरानी शुरू कराई। इस दौरान बसें मालनपुर से फूलबाग तक चलती हुई नजर आती थीं। जब इनका भौतिक सत्यापन कराया गया, तो पता चला कि मौके पर किसी अन्य नंबर की बस चल रही है और जीपीएस में यह सूत्र सेवा की बस नजर आ रही है। इससे पूरी पोल खुल गई।
आपरेटर के नाम पर बसों का रजिस्ट्रेशन
परिवहन विभाग में बसों का रजिस्ट्रेशन आपरेटर नीरज ट्रैवल्स के नाम पर है। ऐसे में इन बसों को कैसे जब्त किया जा सकता है, इसको लेकर अधिकारी मंथन करने में लगे हुए हैं। हालांकि एक बात तय मानी जा रही है कि शासन से दी गई 40 प्रतिशत सब्सिडी के बदले में 21 में से नौ बसों को जब्त किया जा सकता है। इसके लिए बसों को जब्त कर परिवहन विभाग को पत्र लिखकर रजिस्ट्रेशन में बदलाव कराया जाएगा। हालांकि अधिकारी अब आपरेटर के साथ अनुबंध टर्मिनेट कर सभी बसों को जब्त करने के लिए भी तैयारी कर रहे हैं।
जब्ती के बाद निगम चलाएगा बसें
नगर निगम आयुक्त हर्ष सिंह ने निर्देश दिए हैं कि पहले चरण में आपरेटर की बैंक गारंटी, परफार्मेंस गारंटी जब्त करने के साथ ही उस पर लगाई गई पेनल्टी की 41.66 लाख रुपए की भी वसूली की जाए। यदि पेनल्टी की राशि जमा नहीं की जाती है, तो अन्य बसों को भी जब्त कराया जाएगा। इसके साथ ही सिटी बसों के रूट पर दिए गए परमिट भी निरस्त कराए जाएंगे या फिर इन्हें नगर निगम या स्मार्ट सिटी के नाम पर ट्रांसफर कराने के प्रयास किए जाएंगे। जब्ती की प्रक्रिया पूरी होने के बाद सिटी बसों को चलाने की जिम्मेदारी नगर निगम या स्मार्ट सिटी कार्पोरेशन को दी जाएगी।
टीआर रूटों पर बस चलना संभव नहीं मेरी बसें अब भी चल रही हैं। मालनपुर, बड़ागांव बसें जा रही हैं। जो रूट मुझे बताए गए थे, उन पर बसें चलाना संभव नहीं है। चार शहर का नाका पर बसें जाम में फंसती हैं। 25 किमी के दायरे में बसें चलाने के लिए परमिट नहीं मिल रहा है। मैं अभी शहर से बाहर हूं। अधिकारी अगर बैंक गारंटी जब्त कर रहे हैं, तो मैं क्या कह सकता हूं।
ट्रैवल्स
नौ बसें जब्त करेंगे सूत्र सेवा के बस आपरेटर की बैंक गारंटी जब्त करने की प्रक्रिया चल रही है। रजिस्ट्रेशन भले ही उसके नाम पर हो, लेकिन सब्सिडी सरकार ने दी है। इस हिसाब से हम 21 में से नौ बसें तो जब्त कर ही सकते हैं। इनका रजिस्ट्रेशन भी अपने नाम पर ट्रांसफर करा लेंगे। जल्द ही बसें जब्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
हर्ष सिंह, आयुक्त नगर निगम