भोपाल : तीन आइपीएस अधिकारियों के विरुद्ध जांच शुरू ..?
चुनाव में कालेधन के उपयोग के मामले में कमल नाथ के करीबी तीन आइपीएस अधिकारियों के विरुद्ध जांच शुरू
हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस विरेंद्र सिंह करेंगे मामले की जांच
शासन ने आइपीएस अधिकारी बी मधु कुमार, सुशोभन बैनर्जी और संजय माने के विरुद्ध जांच शुरू कर दी है
भोपाल । चुनाव में कालेधन के उपयोग को लेकर अप्रैल 2019 में तत्कालीन मुख्यमंत्री कमल नाथ के करीबियों के यहां आयकर छापे का मामला एक बार फिर चर्चा में है। शासन ने आइपीएस अधिकारी बी मधु कुमार, सुशोभन बैनर्जी और संजय माने के विरुद्ध जांच शुरू कर दी है।
इनमें बैनर्जी को छोड़ बाकी दोनों अधिकारी सेवानिवृत हो गए हैं। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस विरेद्र सिंह इनकी जांच करेंगे। गृह विभाग के अपर सचिव अजय गुप्ता को इस मामले में प्रस्तुतकर्ता अधिकारी बनाया गया है।
छापे में मिले दस्तावेजों के आधार पर भारत निर्वाचन आयोग ने आरोप लगाया था कि कि इन अधिकारियों ने 2019 के लोकसभा चुनाव में काला धन एक राष्ट्रीय पार्टी के नेताओं के यहां पहुंचाने का काम किया था।
आयोग ने मप्र के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को इनके विरुद्ध एफआइआर दर्ज कराने के लिए कहा था। इसके अलावा केंद्रीय गृह सचिव के माध्यम से मप्र के मुख्य सचिव को इनकी विभागीय जांच शुरू कराने के लिए कहा गया था। आयोग के निर्देश के बावजूद इनके विरुद्ध विभागीय जांच तब शुरू की जा रही है जब अब अगला लोकसभा चुनाव नजदीक है।
आयोग ने राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) को भी इनकी जांच करने के लिए कहा था। ईओडब्ल्यू ने दिसंबर 2020 में इस मामले में प्रारंभिक जांच (पीई) भी दर्ज कर ली थी, पर दो वर्ष बाद भी एफआइआर दर्ज नहीं की गई। इस संबंध में ईओडब्ल्यू के महानिदेशक अजय शर्मा का कहना है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) से प्रमाणित दस्तावेज मांगने के लिए 10 से अधिक पत्र लिखे। अधिकारियों को भी भेजा, पर जानकारी नहीं दी जा रही है।
52 स्थानों पर पड़े थे छापे
आयकर विभाग ने कमल नाथ के पूर्व ओएसडी प्रवीण कक्कड़, सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, प्रतीक जोशी और अश्वनी शर्मा आदि से जुड़े मध्य प्रदेश और दिल्ली में 52 स्थानों पर छापा मारा था। इसमें 14 करोड़ रुपये से अधिक कालाधन मिला था। छापे में डायरियां और कंप्यूटरों में सुरक्षित दस्तावेज जब्त किए गए थे। दस्तावेजों के आधार पर आयकर विभाग ने बताया था 20 करोड़ रुपये एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल के दिल्ली स्थित मुख्यालय भेजे गए हैं।