भिंड : सीवर प्रोजेक्ट… अभी से लाइन हो गईं चोक ..!

सीवर प्रोजेक्ट…चैंबर के ढक्कन टूटे, अभी से लाइन हो गईं चोक

पहले चरण का कार्य अप्रेल 2023 में हुआ था पूर्ण …

करोड़ों रुपए बहाकर सीवर प्रोजेक्ट के पहले चरण में निर्माण एजेंसी ने पीपापोती कर दी है। कंपनी ने 13 हजार 565 घरों को कनेक्शन देकर प्रोजेक्ट अप्रेल माह के अंत में चालू कर दिया था, लेकिन ड्रेनेज सिस्टम गड़बड़ाने से लाइनें जगह-जगह चोक हो रही हैं और सड़कों गंदा पानी बह रहा है।

भिण्ड. शहर मे कहीं चेंबर के ऊपर लगे ढक्कन टूट रहे हैं तो कहीं बारिश के पानी से सीवर की लाइनों से पानी ओवरफ्लो होकर सड़कों पर भर रहा है। यह स्थिति शहर की पौश कॉलोनियों से लेकर उन इलाकों में देखी गई, जहां सीवेज लाइनों का विस्तार किया गया है। जिसके कारण रहवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

पहली बारिश में ही खुली पोल

84 करोड़ रुपए की लागत से शहर में पहले चरण में सीवर प्रोजेक्ट का काम पूरा किया गया है। कुछेक इलाकों में थोड़ा काम रह गया है, मगर एजेंसी ने कागजों में कार्य पूरा दिखा दिया है। 96 किमी में बिछाई लाइनों की टेस्टिंग के दौरान कई जगह सीवर चौक मिल रही है। घटिया गुणवत्ता से बने चैंबर जर्जर होने से लाइनें चौक हो रही हैं। हालात यह हैं कि सीवर फेल होने से बारिश में लोगों के घरों तक पानी घुस रहा है।

फैक्ट फाइल

-96 किमी लंबाई में पहले चरण की लाइनें बिछी।

-13565 घरों को पहले फेस में दिए कनेक्शन।

-2018 में शुरू हुआ था सीवर प्रोजेक्ट का कार्य।

-368 करोड़ रुपए की राशि से कंप्लीट होगा प्रोजेक्ट।

– 2019 में पहले चरण का कार्य होना था पूरा।

-135 करोड़ रुपए का बजट दूसरे चरण को मंजूर।

वनखंडेश्वर रोड पर चौक सीवर, नयापुरा रोड हाउसिंग कॉलोनी में टूटा चैंबर।

बार-बार चोक हो रहीं सीवर लाइन

पहले चरण की सीवर लाइन शुरु हो गई है। लेकिन शुरुआती दौर में लाइन के बार-बार चोक होने से लोगों को समस्या हो रही है। इस संबंध में सीवर प्रोजेक्ट देख रहे इंजीनियरों का कहना है कि नई लाइन के फ्लो में आने में करीब डेढ़ से दो महीने का समय लगता है। हालांकि अब लाइन ठीक चल रही हैं। इस दाबे की हवा मानसून की पहली बारिश में निकलती नजर आई है। अप्रैल के आखिरी सप्ताह में सीवर की लाइन चालू की गई थी। लेकिन जिस तरह से हाउसिंग कॉलोनी, वनखंडेश्वर रोड, बीटीआइ रोड, ग्वालियर रोड के आसपास मोहल्लों में लाइनें चौक हो रही हैं और ढक्कन टूट रहे हैं, उससे यह प्रोजेक्ट खटाई में नजर आ रहा है।

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