80 फीसदी सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से बेहतर : केजरीवाल

मुख्यमंत्री ने लिबासपुर गांव में स्कूल की नई इमारत का किया उद्घाटन

नई इमारत में लंदन के स्कूलों जैसी लाइब्रेरी व मॉडर्न क्लासरूम

नई दिल्ली। 80 फीसदी सरकारी स्कूल निजी स्कूलों से बेहतर हो गए हैं। बच्चों को निजी स्कूल में भेजने की जरूरत नहीं है। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई अच्छी होती है और नतीजे भी अच्छे आते हैं। इसका श्रेय शिक्षकों व प्राचार्यों को जाता है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लिबासपुर स्थित स्कूल की नई इमारत के उद्घाटन के अवसर पर यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार बच्चों को रोजगार दिलाने के लिए एक सूत्रीय कार्यक्रम में लगी हुई है। हम बच्चों को नौकरी लेने वाला नहीं बल्कि देने वाला बनाना चाहते हैं।

केजरीवाल ने बादली विधानसभा क्षेत्र के लिबासपुर में नई बिल्डिंग का उद्घाटन किया। चार मंजिला बनी इमारत में 60 क्लासरूम, आठ लैब, दो लाइब्रेरी व लिफ्ट समेत सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं। नए स्कूल के कारण लिबासपुर, जीवन पार्क, राणा पार्क, भगत सिंह पार्क, संजय कॉलोनी, स्वरूप नगर के बच्चों को 3.4 किलोमीटर दूर समयपुर व सीतापुर के सरकारी स्कूलों में पढ़ने नहीं जाना पड़ेगा। स्कूल में छात्र साइंस, कॉमर्स, आर्ट व वोकेशनल विषय की पढ़ाई कर पाएंगे। साथ ही मुक्केबाजी और कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए भी सभी अत्याधुनिक सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री आतिशी के अलावा बादली के विधायक अजेश यादव, अशोक कुमार, हिमांशु गुप्ता मौजूद रहे। कई गांवों की ओर से स्कूल का नाम समाजसेवी चौधरी रामशरण यादव के नाम पर रखने का प्रस्ताव आया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार स्कूल का नाम चौधरी रामशरण यादव के नाम पर रखने पर विचार करेगी।
शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि दिल्ली सरकार देश में इकलौती सरकार है, जोकि अपने बजट का 25 फीसदी हिस्सा शिक्षा पर खर्च करती है। स्कूल में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ-साथ शिक्षकों के प्रशिक्षण पर भी जोर दिया है। जिससे बच्चों को वर्ल्ड क्लास की शिक्षा मिल सके। उन्होंने चुनौती दी कि इस स्कूल जैसी सुंदर लाइब्रेरी भारत के किसी स्कूल में नहीं मिलेगी। ऐसी लाइब्रेरी लंदन के स्कूलों में देखने को मिलती है।

2020 में शुरू हुआ था बिल्डिंग का निर्माण कार्य

सर्वोदय को-एड विद्यालय की इस नई बिल्डिंग को पीडब्ल्यूडी ने बनवाया है। 2012 में ग्रामसभा ने स्कूल बनवाने के लिए दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय को 14763 वर्ग मीटर जमीन दी थी, तभी जमीन की बाउंड्री कर दी गई थी। इस नई बिल्डिंग का निर्माण कार्य वर्ष 2020 में शुरू हुआ था और मार्च 2023 में पूरा कर दिया गया। 14763 वर्ग मीटर जमीन में से करीब 3009 वर्ग मीटर जमीन पर ये बिल्डिंग बनी हुई है।

नर्सरी से 12वीं तक की होगी पढ़ाईइस नई बिल्डिंग में वर्तमान शैक्षिक सत्र से नर्सरी से 12वीं तक की सभी कक्षाएं शुरू होंगी। स्कूल में दो हजार छात्रों का एडमिशन हो सकेगा। सीनियर सेकेंडरी के बच्चे साइंस, कॉमर्स, आर्ट और वोकेशनल विषयों में पढ़ाई कर पाएंगे। तीन ब्लॉक की नई बिल्डिंग में 50 क्लासरूम हैं। इसके अलावा 8 लैब, दो लाइब्रेरी के साथ-साथ ऑफिस और स्टाफ रूम के अलावा अन्य गतिविधियों के लिए भी अलग कमरे बने हुए हैं।

मुक्केबाजी और कुश्ती को भी मिलेगा बढ़ावा

स्कूल में खेल सुविधाओं का भी विशेष ख्याल रखा गया है। इस इलाके में रहने वाले उन छात्रों को फायदा होगा जो मुक्केबाजी और कुश्ती में अपनी रुचि रखते हैं। बच्चों के लिए स्कूल में शानदार मुक्केबाजी प्रशिक्षण केंद्र और एक कुश्ती हॉल बनाया गया है। सरकार द्वारा दी गई इन सुविधाओं का उद्देश्य मुक्केबाजी और कुश्ती खेलों के लिए छात्रों के अंदर मौजूद जुनून को बढ़ावा देकर उनकी प्रतिभा को निखारना है।

एमसीडी के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए आईआईएम भेजा जाएगा

सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण पर काम करने के बाद अब दिल्ली सरकार एमसीडी स्कूलों पर फोकस कर रही है। इसके लिए दिल्ली सरकार नगर निगम के शिक्षकों को ट्रेनिंग के लिए अहमदाबाद के भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) भेजने जा रही है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अभी नगर निगम में स्कूलों का बहुत बुरा हाल है।

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