ग्वालियर.  शहर में दो लाख से अधिक किरायेदार रहते हैं। वहीं बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट से लेकर छोटे कारोबारी तक नौकर रखते हैं। सुरक्षा के लिहाज से इनका पुलिस वेरीफिकेशन जरूरी है, इसे कई लोग करवाते नहीं है। लेकिन जब से किरायेदार और नौकर आपराधिक गतिविधियों में लिप्त पाए जाने लगे हैं, तब से पुलिस भी सख्त हो गई है। लोगों की अक्सर शिकायत रहती थी, थानों में नौकर-किरायेदार का वेरीफिकेशन नहीं होता, यहां से स्टाफ पुलिस कंट्रोल रूम भेज देता है। अब पुलिस अधिकारियों ने व्यवस्था बदल दी है। थाने में ही नौकर और किरायेदार का वेरीफिकेशन होगा। पुलिस कंट्रोल रूम के चक्कर लोगों को नहीं काटने होंगे। कई लोग जो सिटी सेंटर से दूर रहते हैं, वह पुलिस कंट्रोल रूम जाने के चक्कर में ही वेरीफिकेशन नहीं कराते थे। यह व्यवस्था एक जुलाई से ही लागू कर दी जाएगी।

अभी…थाने जाने पर पुलिस कंट्रोल रूम भेजा जाता था

– पुलिस वेरीफिकेशन थानों में ही होता है, लेकिन ग्वालियर में थाना प्रभारी और यहां के स्टाफ ने अपने स्तर पर ही व्यवस्था बदल दी थी। क्योंकि पुलिस कंट्रोल रूम में इसके लिए अलग से विंडो खुल गई थी। यह विंडो लोगों की सहूलियत के लिए खोली गई थी, इसकी आड़ में थानों का स्टाफ थाने में वेरीफिकेशन के लिए आने वाले लोगों को भी यहां भेज देता था। जो लोग सिटी सेंटर और आसपास के इलाकों में रहते हैं वह तो आसानी से यहां आ जाते थे, लेकिन जो यहां से दूर रहते थे, वह इसी वजह से वेरीफिकेशन के लिए नहीं आते थे।

– यह शिकायत जब पुलिस अफसरों के पास पहुंची तो शुक्रवार को सर्कुलर निकाला गया। जिसमें एक जुलाई से नौकर और किरायेदार वेरीफिकेशन की जिम्मेदारी थानों को ही दे दी गई है। अब अगर आपको अपने नौकर या किरायेदार की सूचना, वेरीफिकेशन करवाना है तो पास के थाने में जाकर दी जा सकती है। पुलिस कंट्रोल रूम आने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

वेरीफिकेशन क्यों जरूरी

– नौकर, किरायेदार कई आपराधिक वारदातों में शामिल पाए गए। कई के पूर्व से आपराधिक रिकार्ड थे, लेकिन इनका वेरीफिकेशन नहीं करवाया गया। इसलिए मकान मालिक को पता ही नहीं लगा। इस स्थिति से बचेंगे। अगर आपके यहां किरायेदार, नौकर का आपराधिक रिकार्ड होगा तो वेरीफिकेशन में पता लग जाएगा।

– जो दूसरे शहरों से यहां रहने आते हैं, उनके आधार कार्ड व अन्य डाक्यूमेंट पुलिस जमा करवाती है। वेरीफिकेशन के लिए उनके मूल पते वाले थाने से जानकारी मांगी जाती है। अगर उसने वहां अपराध किया होगा तो उसका भी पता लग जाएगा।

– अगर नौकर या किरायेदार कहीं और अपराध करता है, आपने उसकी सूचना पुलिस को दे रखी है तो तमाम सवाल जवाबों से बचेंगे। ऐसी स्थिति में कई बार एफआइआर भी हो जाती है।

नौकर और किरायेदार वेरीफिकेशन थानों में ही होंगे। क्योंकि पुलिस कंट्रोल रूम से भी वेरीफिकेशन के लिए यहीं भेजा जाता है। यह व्यवस्था एक जुलाई से लागू कर दी गई है। नौकर और किरायेदार वेरीफिकेशन को लेकर हम जागरुकता अभियान भी चलाएंगे।

राजेश सिंह चंदेल, एसएसपी