भोपाल लोकायुक्त विशेष पुलिस स्थापना ने प्रदेश के तीन आइएएस अधिकारियों के विरुद्ध पद के दुरुपयोग का प्रकरण दर्ज किया है। इनमें ग्वालियर संभागायुक्त दीपक सिंह, आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव और उप सचिव बसंत कुर्रे शामिल हैं।

आरोप है कि जबलपुर में अलग-अलग समय एडीएम रहते हुए इन अधिकारियों ने आदिवासियों की जमीन बेचने की नियम विरुद्ध अनुमति दी थी। पुलिस ने 23 मार्च को प्रकरण दर्ज कर लिया था, लेकिन मामला बड़े अधिकारियों से जुड़ा होने के कारण किसी को भनक नहीं लगने दी। अब अधिकारियों को बयान देने के लिए नोटिस जारी हुए तो प्रकरण चर्चा में आया।

मामला वर्ष 2007 से 2012 के बीच जबलपुर के कुंडम क्षेत्र का है। भू-राजस्व संहिता के नियम के अंतर्गत आदिवासियों को जमीन बेचने की अनुमति देने का अधिकार जिला कलेक्टर को है।
बताया जाता है कि कलेक्टर ने इस मामले में अपने अधिकार एडीएम को स्थानांतरित कर दिए थे। इस संबंध में लोकायुक्त पुलिस को शिकायत प्राप्त हुई थी। विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त जबलपुर की जांच के बाद 23 मार्च को इनके विरुद्ध प्रकरण दर्ज किया गया था।
जबलपुर लोकायुक्त ने तीन आईएएस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। मामला आदिवासियों की जमीन बेचने से जुड़ा हुआ है। ग्वालियर कमिश्नर दीपक सिंह, आबकारी आयुक्त ओपी श्रीवास्तव और उप सचिव बसंत कुर्रे पर लोकायुक्त ने केस दर्ज किया है।
MP News FIR registered against three IAS officers permission was given to sell land of tribals
दीपक सिंह, बसंत कुर्रे और ओपी श्रीवास्तव …
तत्कालीन कलेक्टर भी आएंगे जांच में दायरे में…
भू-राजस्व आचार संहिता के अंतर्गत आदिवासियों की जमीन बिक्री की अनुमति प्रदान करने का अधिकार जिला कलेक्टर के पास होता है। जिला कलेक्टर ने अपने अधिकार एडीएम को स्थानांतरित किए थे। आदिवासियों को जमीन बेचने की अनुमति देने के संबंध में तत्कालीन कलेक्टर की भूमिका भी जांच में आएगी।
प्रदेश के इतिहास में पहली बार कार्रवाई

मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है, जब आदिवासियों की जमीन बेचने की अनुमति देने पर तीन आईएएस अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। खास बात यह है कि तीनों अफसरों को लोकायुक्त ने अब तक एफआईआर दर्ज करने की सूचना तक नहीं दी है।