भोपाल : आमजन की सेहत से खिलवाड़ ..? 343 खाद्य कारोबारियों के लाइसेंस होंगे निलंबित …

 आमजन की सेहत से खिलवाड़ करने वाले 343 खाद्य कारोबारियों के लाइसेंस होंगे निलंबित …
खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने कारोबारियों को थमाएं नोटिस, मावा, दूध, पनीर, आटा, मसाला, काजू आदि बेच रहे थे अवमानक और मिलावटी।
भोपाल । मिलावटी खाद्य सामग्री बेचकर आमजन की सेहत से खिलवाड़ करने वाले 343 खाद्य कारोबारियों पर जिला प्रशासन ने सख्त कार्रवाई करते हुए उनके लाइसेंस निलंबित करने के निर्देश दिए हैं। यह खाद्य कारोबारी अधिक मुनाफा कमाने के लिए मावा, दूध,पनीर, आटा, मसाला, काजू सहित अन्य खाद्य सामग्री मिलावटी, अवमानक और मिथ्याछाप बेच रहे थे। पिछले दिनों खाद्य एव औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने छापा मार कार्रवाई की थी। अब जिला प्रशासन द्वारा इन सभी कारोबारियों को नोटिस जारी करते

हुए जुर्माना जमा करने के निर्देश दिए हैं।इनमें से 47 कारोबोरियों पर 55 लाख 66 हजार 21 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यदि समय पर इन कारोबारियों द्वारा जुर्माना जमा नहीं किया गया तो इनके लाइसेंस निलंबित

खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अमले के द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत समय -समय पर जांच, निरीक्षण कर खाद्य सामग्री अवमानक, मिथ्याछाप पकड़े गए हैं। इस पर खाद्य कारोबारियों पर जुर्माना लगाया गया है, जिससे उनको यह राशि चालान के माध्यम से जमा करनी है। वर्तमान में 343 ऐसे खाद्य कारोबारी, संग्रहणकर्ता और निर्माताओं ने जुर्माना की राशि जमा नहीं की है।इससे अपर कलेक्टर हरेंद्र नारायन द्वारा जुर्माना की ब्याज सहित राशि वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया है।इन कारोबारियों के लाइसेंस तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जा रहे हैं। साथ ही इनके द्वारा जुर्माना राशि जमा नहीं कराए जाने पर इनसे राशि भू राजस्व के बकाया के रूप में वसूली जाएगी।

बर्फ फैक्ट्री और ट्रांसपोर्टर पर पांच से छह लाख तक जुर्माना

खाद्य एवं औषधी प्रशासन द्वारा इतवारा के खाद्य कारोबारी नवीन जैन की नवीन रिलायंस ट्रांसपोर्ट पर अवमानक मावा मिला था। जिससे उन पर छह लाख 21 हजार 170 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इसी तरह रंजीत सिंह की

गोविंदपुरा स्थित बर्फ फैक्ट्री में मैटर युक्त बर्फ मिला था। जिससे उन पर पांच लाख 54 हजार 616 का जुर्माना लगाया गया है।

बेरछा मावा और बत्रा नमकीन पर भी लगाया जुर्माना

इनके अलावा निर्मल राजदेव, रतन आसवानी, दीपक दुनानी, मनोज बांगड़,रवि पाल, शंकर बलवानी, प्रेमप्रकाश मेहता, अरविंद दांगी, शंकर दरियानी, अमितराज, मनीष कुमार, अमरलाल, संतोष आहूजा,विशाल मनवानी, हीरानंद आहूजा, संजय मालवीय, मेसर्स आरएसके एंड संस बेरछा मावा भंडार, निशांत शर्मा, बत्रा होलसेल मार्ट, कैलाशचंद्र लोधी, नितिन मेंदीरत्ता, संजय तनवानी, सुनील बक्षी, धमेंद्र मेवाड़ा, मोहन कुमार, मोहम्मद रूम्मान अजीज, लोकेश, अनिल कुमार, दिलीप, अक्षत जैन, अविनाश बत्रा, प्रकाश बघेल, विजय, भरत, विशाल, देवेश्वर शर्मा, सुजान सिंह,नरेंद्र दुनानी, उज्जवल अहमद,कमल और दीपेश यादव खाद्य कारोबारियों पर 12 हजार से लेकर साढ़े तीन लाख तक का जुर्माना लगाया गया है।

इनका कहना है

मिलावटी, अवमानक और मिथ्याछाप खाद्य सामग्री बेचने वाले 343 खाद्य कारोबारियों को नोटिस जारी करने के साथ ही जुर्माना लगाया गया है। यदि वह जुर्माना जमा नहीं करते हैं तो न्यायालय के आदेशानुसार उनके खाद्य

लाइसेंस निलंबित किए जाएंगे।

देवेंद्र दुबे,खाद्य सुरक्षा अधिकारी

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सब्जी से लेकर समोसा बेचने के लिए खाद्य लाइसेंस अनिवार्य, वर्ना भरना होगा भारी जुर्माना
बिना पंजीयन के कारोबार करते हुए पाए गए तो दो लाख और लाइसेंस नहीं होने पर पांच लाख तक का जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी। शहर में 12 स्थानों पर शिविर लगाए जा रहे हैं, जिन पर कारोबारी पंजीयन और लाइसेंस बनवा सकते हैं।

Bhopal :अब जिले में सब्जी से लेकर समोसा बेचने वाले कारोबारियों तक के लिए खाद्य लाइसेेंस और पंजीयन कराना अनिवार्य हो गया है। इतना ही नहीं पान की गुमठी लगाने वालों के लिए भी यह जरूरी हो गया है। यदि बिना पंजीयन के कारोबार करते हुए पाए गए तो दो लाख और लाइसेंस नहीं होने पर पांच लाख तक का जुर्माना की कार्रवाई की जाएगी। शहर में 12 स्थानों पर शिविर लगाए जा रहे हैं, जिन पर कारोबारी पंजीयन और लाइसेंस बनवा सकते हैं।

इन सभी कारोबारियों के पास होना चाहिए पंजीयन और लाइसेंस

शहर में दूध, किराना, होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, फल-सब्जी, पानीपुरी, चाट, पोहा, समाेसा, पान की गुमठी, टिफिन सेंटर, ट्रांसपोर्टर, राशन दुकानें, वेयर हाउस, केटर्स, शासकीय-अशासकीय संस्थाओं में संचालित कैंटीन एवं सभी

खाद्य कारोबारियों को जो खाने-पीने की सामग्री का निर्माण, भंडारण, परिवहन और विक्रय करते हैं। उनके लिए पंजीयन कराना और लाइसेंस कराना अनिवार्य हैं। देवेंद्र दुबे ने बताया कि ऐसे खाद्य कारोबारियों को जिनका

वार्षिक टर्नआेवर 12 लाख रुपये से अधिक है, ऐसे निर्माता जिनका उत्पादन प्रतिदिन एक मिट्रिक टन से अधिक है। आवश्यक दस्तावेज, पहचान पत्र, गुमाश्ता, किरायानामा, रजिस्ट्री, बिजली बिल शुल्क पात्रतानुसार दो से

पांच हजार रुपये तक प्रति वर्ष पंजीयन करा सकते हैं। शिविर में लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शहर में अभियान चलाया जाएगा और कारोबारियों के संस्थानों पर पहुंचकर पंजीयन एवं लाइसेंस की तलाशी ली जाएगी। नहीं मिलने पर ठोस कार्रवाई कर प्रकरण को न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा।

 

 

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