प्रति वर्ष दिल्ली पुलिस सरकार को जलजमाव वाली जगहों की सूचना देती है। इस साल दिल्ली पुलिस ने 107 स्थानों की पहचान कर दिल्ली सरकार को इन स्थानों पर जलजमाव होने के प्रति सावधान किया था। आरोप है कि सरकार ने दिल्ली पुलिस की जानकारी पर उचित कार्रवाई नहीं की जिससे जलजमाव की भारी समस्या से जूझना पड़ रहा है।
यमुना साफ हो तो बाढ़ से मिले निजात: अशोक कुकरेजा
शहरी मामलों के विशेषज्ञ अशोक कुकरेजा ने अमर उजाला से कहा कि दिल्ली में यमुना के कारण होने वाली बाढ़ की समस्या लगभग समाप्त हो चुकी है। पुश्ता रोड के विकास के बाद ज्यादातर इलाके अब यमुना की बाढ़ से सुरक्षित हो गए हैं। लेकिन दिल्ली की सबसे बड़ी समस्या इसके बारिश के पानी का यमुना तक न निकल पाना है जिसके कारण जगह-जगह पर जलजमाव हो जाता है और दिल्ली अपने ही पानी में डूबने लगती है।
यदि दिल्ली में बरस रहे पानी को कम समय में यमुना तक पहुंचने का सिस्टम सही किया जा सके तो राजधानी को जलजमाव से छुट्टी दिलाई जा सकती है। दिल्ली में यमुना के 53 किलोमीटर के बहाव के बीच इसमें 22 बड़े नाले गिरते हैं। यदि इन नालों के जल को रोककर इसे शुद्ध किया जा सके तो दिल्ली को न केवल बाढ़ से बचाया जा सकता है, बल्कि बाद में दिल्ली के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था भी की जा सकती है।
दिल्ली सरकार द्वारा विधानसभा पटल पर रखी गई जानकारी के अनुसार 2017 से 2021 के बीच 6856 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। यह धनराशि नए एसटीपी बनाने और गंदे जल को यमुना में गिरने से रोकने के लिए आवश्यक ढांचा विकसित करना था। इसी साल मार्च में अरविंद केजरीवाल ने छह सूत्रीय एजेंडा लागू कर यमुना की सफाई का दावा किया है।
केजरीवाल ने की बैठक
दिल्ली में जलजमाव की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को दिल्ली जल बोर्ड, दिल्ली नगर निगम और बाढ़ प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में सभी अधिकारियों को बाढ़ वाले इलाकों में उपस्थित रहने को कहा गया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि जल जमाव होने पर अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा। जलजमाव वाली एरिया में ज्यादा पंप लगाकर जल्द से जल्द पानी निकासी की व्यवस्था करने के लिए कहा गया है।
नालों की सफाई में बहे 3000 करोड़ रूपये, हुआ भारी भ्रष्टाचार: भाजपा
दिल्ली भाजपा ने जलभराव को लेकर सोमवार को अरविंद केजरीवाल सरकार के विरुद्ध बड़ा प्रदर्शन किया। इस दौरान भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार नालों की सफाई में 3000 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद भी नालों की सफाई नहीं करा पाई। इससे यह साफ होता है कि नालों की सफाई के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया है। उन्होंने कहा कि अब तक केजरीवाल आरोप लगाते थे कि यदि दिल्ली की समस्या नहीं सुधर रही तो नगर निगम उन्हें मिल जाना चाहिए। लेकिन अब जब कि नगर निगम पर भी उनका कब्जा है, नालों की साफ-सफाई नहीं हो पा रही है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने चांदनी चौक और मथुरा रोड को सबसे अच्छे तरह से विकसित करने का दावा किया था। लेकिन चांदनी चौक में घुटने से ऊपर तक जमा पानी बता रहा है कि साफ-सफाई के नाम पर केवल भ्रष्टाचार किया गया है। भाजपा ने इस मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि जब दिल्ली पानी में डूब रही थी, केजरीवाल अपना प्रचार करने के लिए हरियाणा घूम रहे थे।