ग्वालियर। ग्वालियर-चंबल अंचल में मतदान का ट्रेंड साफ है। यहां के मतदाता जाति के आधार पर वोट करते हैं या फिर क्षेत्रवाद से प्रोत्साहित होकर मतदान करते हैं। भाजपा के गैर राजनीतिक मार्गदर्शक संगठन ने ग्वालियर अंचल के चिन्हित ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के मिजाज को समझने के लिए गोपनीय व आंतरिक सर्वे किया। मतदान के ट्रेंड को आधार बनाकर किए गए इस सर्व में यह बात सामने आई कि पूर्व विधानसभा क्षेत्र में भिंड जिले से बड़ी तादाद में पलायन कर आए लोग ही इस क्षेत्र में चुनाव में हार-जीत तय करते हैं, क्योंकि भिंड से यहां आकर बसे मतदाताओं की संख्या यहां के मूल निवासियों की संख्या से डेढ़ गुना अधिक है।

यह मतदाता क्षेत्रवाद और जातिवाद को ही आधार बनाकर मतदान करना पसंद करता है, इसलिए मार्गदर्शक संगठन ने भाजपा को सुझाव दिया है कि यह सीट कांग्रेस से छीनने के लिए भिंड जिले के किसी निर्विवाद क्षत्रिय चेहरे को उतारा जाए तो इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा जीत दर्ज कर सकती है। दूसरा विकल्प ब्राह्मण प्रत्याशी का दिया है। इस तरह का सर्वे गैर राजनीतिक संगठन गुना-संसदीय क्षेत्र में 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कर चुका है। इस सर्वे में निकले निष्कर्ष के आधार पर भाजपा इस लोकसभा क्षेत्र में अप्रत्याशित नतीजा हासिल करने में सफल रही।

परिसीमन से भी बदली तस्वीर

ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र भाजपा का गढ़ माना जाता था। कांग्रेस की लहर में भी यहां से भाजपा प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। परिसीमन के बाद इस विधानसभा क्षेत्र की तस्वीर बदली, क्योंकि गोला का मंदिर, डीडी नगर व उपनगर का बड़ा भू- भाग जुड़ गया और शहर का कुछ भाग कटकर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में चला गया। इसमें महाराज बाड़ा, सराफा बाजार, दौलतगंज, नया बाजार, फालका बाजार प्रमुख हैं।

दो दशक में सबसे अधिक भिंड जिले से पलायन कर नागरिक यहां बसे

भिंड जिले का औद्योगिक क्षेत्र मालनपुर ग्वालियर जिले की सीमा से सटा होने के कारण नौकरी -रोजगार करने वालों ने ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के गोला का मंदिर, डीडी नगर व पिंटो पार्क की बस्तियों, आवासीय क्षेत्रों व कालोनियों को स्थाई रूप से निवास करने के लिए प्राथमिकता दी। पिछले दो दशक में भिंड जिले से पलायन कर आने वालों की संख्या में तेजी से विस्तार हुआ।

मतदाताओं की अनुमानित गणना जाति व क्षेत्र के अनुसार

जातिगत मतदाता मतदाता संख्या

राजपूत 78000

ब्राह्मण 65000

पिछड़ा वर्ग 71000

अजजा 55000

वैश्य व कायस्थ समाज 54000

मुस्लिम 7000

कुल वोटर संख्या 330000

क्षेत्रवार विभाजन मतदान संख्या

भिंड क्षेत्र 181000

मुरैना क्षेत्र 25000

ग्वालियर क्षेत्र 124000

कुल वोटर संख्या 330000

भिंड से आए मतदाताओं की संख्या 55 प्रतिशत

द्यसर्वेक्षण में सामने आया कि इस विधानसभा क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या तीन लाख 30 हजार के लगभग है। इसमें अकेले भिंड जिले से पलायन कर आए मतदाताओं की संख्या एक लाख 81 हजार के लगभग है। यानी की कुल मतदाताओं में इनकी संख्या 55 प्रतिशत पहुंच गई है। इनमें क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या 78 हजार है, जो कुल मतदाताओं का 24 प्रतिशत है। शेष 31 प्रतिशत में ब्राह्मण, वैश्य, पिछड़ा वर्ग व अनुसूचित जाति वर्ग है।

विकास की दौड़ में मुरैना से पिछड़ा भिंड

ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र में भिंड जिले के निवासियों की संख्या अधिक होने का कारण यह है कि भिंड जिले का समय के साथ समूचित विकास नहीं हुआ है। जिसके कारण रोजगार, बेहतर जीवन शैली, बच्चों की अच्छी शिक्षा के लिए भिंड के लोग यहां आकर बस गए, जबकि मुरैना जिला गठन के समय से ही रेलवे व हाइवे की मुख्य धारा से जुड़ा होने के कारण स्थानीय स्तर पर रोजगार व शिक्षा के केंद्र भिंड की अपेक्षा अधिक हैं और यहां औद्योगिक विकास के साथ और कृषि उत्पादन में भी भिंड से आगे हैं।

19 वार्डों में से चार वार्डों में 90 प्रतिशत भिंड के मूल निवासी

निर्वाचन आयोग के अनुसार ग्वालियर पूर्व विधानसभा क्षेत्र के 19 वार्डों में कुल मतदाताओं की संख्या तीन लाख 30 हजार 219 है। सर्वेक्षण के अनुसार भिंड जिले की सीमा से लगे 19 वार्डों में से चार वार्ड 18, 19, 20, 21 सर्वाधिक मतदाता वाले वार्ड हैं। इन वार्डों में मतदाताओं की संख्या एक लाख चार हजार 699 तक पहुंच गई है। यह वार्ड सर्वाधिक वोटर वाले क्षेत्र हैं। इस विधानसभा क्षेत्र का 30 प्रतिशत मतदाता इन्हीं चार वार्डों में निवास करता है। इन चार वार्डों में 90 प्रतिशत मतदाता मूल रूप से भिंड का है। इनमें भी अलग से विभाजित करके देखा जाए तो भदौरिया, राजपूत व उत्तर प्रदेश के सीमावार्ती क्षेत्र से जुड़े उनके निकट के रिश्तेदार तथा सेवानिवृत्त सैनिक परिवारों की संख्या भी अधिक है। वहीं मुरैना जिले से पलायन कर आए मतदाताओं की संख्या 24 हजार के लगभग है।