नोएडा :अवैध रूप से बने बड़े फार्म हाउस राहत बचाव में बन रहे बाधक …
अवैध रूप से बने बड़े फार्म हाउस राहत बचाव में बन रहे बाधक, स्थानीय लोग NDRF के बने सहयोगी …
एनडीआरएफ के ऑफिसर ने बताया कि पानी का स्तर कम हो रहा है। हमें नहीं पता कि गड्ढ़े कहां पर है और कितने गहरे। कई स्थानों पर 14-14 फीट तक गड्ढ़े है। इसके लिए स्थानीय लोगों ने हमारी मदद की है क्योंकि रेस्क्यू के दौरान कई बार बोट आसानी से चलती थी तो कई बार पानी का स्तर कम होने से वहां उतर कर बोट को खींचना पड़ रहा है।
नोएडा। प्रशासन, प्राधिकरण, एनडीआरएफ व पुलिस का रेस्क्यू आपरेशन चलते 48 घंटे से ज्यादा बीत चुका है। अब भी फंसे लोगों को बाहर निकाला जा रहा है। बड़ी संख्या में मवेशियों को निकाला जा रहा है, लेकिन आश्चर्च चकित करने वाली बात यह कि जिन अवैध फार्म हाउस को कई मंजिल का तैयार किया गया है, उसमें फंसे लोगों स्वत: ही बाहर आने से ही मना कर चुके है, हालांकि उनके पास खाने पीने का पर्याप्त सामान मौजूद है, लेकिन उनके बाहर नहीं आने से एनडीआरएफ की टीम असमंजस में है कि इन्हें कैसे बाहर लाया जाए।
नक्शा बनाकर किया सर्वे
कमांडिंग ऑफिसर ने आगे कहा कि बृहस्पतिवार को 50 सदस्यों की टीम ने मोर्चा संभाला था, हमने स्थिति को समझने के लिए पहले स्थानीय लोगों का समर्थन जुटाया और उनके साथ अंदर गए और रास्तों की परख ली, काफी सहयोग मिला। एक अस्थाई कैंप बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के अंदर बनाया। वहां से लगातार सूचनाएं मिलती रही। नक्शा बनाया और सर्वे के आधार पर टीम बनाकर रेस्क्यू शुरू किया। पहले लोगों को बाहर निकाल रहे है, फिर मवेशियों को बाहर निकाला जाना शुरू किया गया है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में थोड़ी दिक्कत आई। अंदर जो फार्म हाउस बने है, उसकी सुरक्षा के लिए लोगों ने कटीले तारों, लोहे की ग्रिल की फेंसिंग कर रखी है। इस कारण जब भी अंदर जाते है, पहले उन तारों को हटाना पड़ता है, उसके बाद सावधानी से लोगों को बाहर निकालना पड़ता है। उन्होंने बताया कि गांव पलाका-झुप्पा के पास कुछ महिलाओं व बच्चों के बाढ़ में फंसे होने की सूचना मिली। बाढ़ में फंसे सभी लोगों का सफल रेस्क्यू किया गया। इसमें दो छोटे बच्चे शामिल है। अब परिवार सुरक्षित है।
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Illegal farm houses In Noida यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण के भू लेख विभाग की ओर से किए जा रहे सर्वे में भी फार्म हाउसों के सिर्फ नाम है। उनके मालिक कौन है इसकी जानकारी नहीं है इसलिए सार्वजनिक सूचना जारी की गई है।
नोएडा, नोएडा प्राधिकरण ने यमुना नदी के डूब क्षेत्र में बने एक हजार फार्म हाउसों पर शुक्रवार को नोटिस चस्पा किया। फार्म हाउस संचालकों को चेतावनी दी गई कि वह पंद्रह दिन के अंदर स्वयं निर्माण हो हटा ले, अन्यथा इसके बाद प्राधिकरण कार्रवाई करेगा। इस दौरान होने वाले खर्च को फार्म हाउस संचालकों से ही वसूला जाएगा।
शुक्रवार को नोएडा प्राधिकरण के भूलेख विभाग और वर्क सर्किल की संयुक्त टीम यमुना के डूब क्षेत्र में पहुंची और एक-एक कर एक हजार फार्म हाउसों पर नोटिस चस्पा किया। प्राधिकरण ने अब तक 77 फार्म हाउसों को ध्वस्त करने का दावा किया है। इसमें पहले सेक्टर-135 नंगली वाजिदपुर, नंगला नंगली गांव की जमीन पर बने फार्म हाउसों पर भी नोटिस चस्पा किया गया था।
2013 में भी जारी की गई थी सार्वजनिक सूचना
फार्म हाउसों का निर्माण 20 सालों से किया जा रहा है। तत्कालीन प्राधिकरण सीईओ व चेयरमैन के निर्देश पर 2013 में भी सर्वे रिपोर्ट के आधार पर नोटिस चस्पा किए गए थे। उसके बाद प्राधिकरण स्तर से फिर कभी कोई कार्रवाई नहीं की गई। पिछले पांच वर्षों में प्राधिकरण अधिकारी फार्म हाउसों की तरफ आंख मूंदे रहे।
एक जून से चल रहा है अभियान
agrit patrika द्वारा अवैध फार्म हाउसों के खिलाफ अभियान चलाए जाने के बाद प्राधिकरण की नींद टूटी। सबसे पहले एक जून को सेक्टर-150 स्थित तिलवाड़ा व गुलावली गांव में अवैध रूप से बने सैनिक फार्म हाउस पर कार्रवाई की गई। एक जून को एक लाख 20 हजार वर्गमीटर जमीन पर बने 55 फार्म हाउस को प्राधिकरण ने तोड़ दिया। इसके बाद आठ जून को प्राधिकरण ने दूसरी बड़ी कार्रवाई कर असदुल्लापुर में 15 और अवैध फार्म हाउस को तोड़ दिया।