9991 करोड़ का है यमुना विकास प्राधिकरण का बजट !

9991 करोड़ का है यमुना विकास प्राधिकरण का बजट
आवंटन दरों में 10 से 62 फीसद की बढ़ोतरी, 23 प्रस्तावों को मिली हरी झंडीयमुना विकास प्राधिकरण में बैठक की अध्यक्षता करते प्रमुख सचिव आलोक कुमार। - Dainik Bhaskar
यमुना विकास प्राधिकरण में बैठक की अध्यक्षता करते प्रमुख सचिव आलोक कुमार।

यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में आगामी वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 9991.85 करोड़ का बजट पास किया गया। प्राधिकरण क्षेत्र में मुआवजा दर 4300 रुपए प्रति वर्गमीटर करने के साथ ही सभी श्रेणी के लिए संपत्ति की दरों में इजाफा भी कर दिया गया है। आवासीय, ग्रुप हाउसिंग समेत कुछ श्रेणी में संपत्ति की दरों में काफी अधिक बढ़ोतरी हुई है। इससे प्राधिकरण क्षेत्र में घर बनाने के लिए लोगों की जेब पर अधिक बोझ पड़ेगा। आवंटन दरों में न्यूनतम दस प्रतिशत से लेकर अधिकतम 62 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है।

बोर्ड ने 23 प्रस्ताव किए गए पास प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास एवं यीडा चेयरमैन आलोक कुमार की अध्यक्षता में हुई 84 वीं बोर्ड बैठक में कुल 23 प्रस्ताव स्वीकृति के लिए रखे गए थे। बजट, किसानों के लिए जमीन की मुआवजा दर वृद्धि एवं संपत्ति की आवंटन दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव सबसे अहम था। यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुण वीर सिंह ने बताया कि आगामी वित्त वर्ष के लिए 9991.85 करोड़ का बजट प्रस्तावित किया गया, इसे बोर्ड ने स्वीकार कर लिया।

4300 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों के सामान यीडा क्षेत्र के किसानों को 4300 रुपए प्रति वर्गमीटर मुआवजा दिया जाएगा। बोर्ड ने इस प्रस्ताव को भी अपनी स्वीकृति दे दी है। अब जमीनों का अधिग्रहण या सहमति से क्रय होने पर किसानों को नई दरों से मुआवजा मिलेगा। नए जमीन अधिग्रहण कानून के तहत विकास कार्यों के लिए किसानों को जमीन लिए जाने पर 4300 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा मिलेगा। सहमति से जमीन देने और सात फीसदी भूखंड लेने पर किसानों को 3808 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से मुआवजा मिलेगा।

प्राधिकरण की सभी श्रेणी के संपत्ति दरों में बढ़ोत्तरी यमुना प्राधिकरण ने किसानों का मुआवजा बढ़ाने के साथ के ही अपने सभी श्रेणी के संपत्तियों दरों में 10 से लेकर 62 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी की है। प्राधिकरण की बढ़ी हुई दरें एक अप्रैल से लागू होगी। नई दरों के अनुसार, आवासीय संपत्ति का रेट बढ़कर 35,000 रुपए प्रति वर्गमीटर हो गया है, जबकि औद्योगिक श्रेणी की संपत्ति की दर 9,550 रुपए प्रति वर्गमीटर निर्धारित की गई है। प्राधिकरण ने संपत्ति दरों के पुनरीक्षण के साथ-साथ विकास का खाका भी खींचा है, जिसमें क्षेत्र के समग्र विकास पर जोर दिया गया है।

भूखंड आवंटन विभिन्न श्रेणी आवासीय पुराना रेट (प्रति वर्गमीटर में)-25,900 रुपए नया रेट (प्रति वर्गमीटर में)-35,000 रुपए

औद्योगिक पुराना रेट-8,670 से 14,240 रुपए नया रेट 9,550 से 15,767 रुपए

संस्थागत पुराना रेट-15020 नया रेट-18030

सामाजिक इंफ्रास्ट्रक्चर पुराना रेट-11900 नया रेट-14290

मेडिकल डिवाइस पुराना रेट-7360 नया रेट-7730

कारपोरेट आफिस पुराना रेट-17150 नया रेट-20590

कॉमर्शियल पुराना रेट-51,800 से 62,000 रुपए नया रेट-74,0000 से 84,0000 रुपए

ग्रुप हाउसिंग पुराना रेट-32,375 रुपए नया रेट-52,500 रुपए

इंस्टीट्यूशनल पुराना रेट-7,930 रुपए नया रेट-10,990 से 18,030 रुपए

रिक्रिएशनल ग्रीन पुराना रेट-12150 नया रेट-15670

 

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नोएडा प्राधिकरण 2025-26 में खर्च करेगा 8732 करोड़:मुख्य सचिव की अध्यक्षता में पास हुआ बजट, डेवलेपमेंट पर खर्च होंगे 2410 करोड़ रुपए

नोएडा प्राधिकरण में बोर्ड बैठक की अध्यक्षता करते मुख्य सचिव मनोज सिंह व प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम। - Dainik Bhaskar

नोएडा प्राधिकरण में बोर्ड बैठक की अध्यक्षता करते मुख्य सचिव मनोज सिंह व प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम।

नोएडा प्राधिकरण का इस वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 8732 हजार करोड़ रुपए पास किया गया। ये विगत वित्तीय वर्ष के बजट से करीब 1287 करोड़ रुपए ज्यादा है। बोर्ड की अध्यक्षता मुख्य सचिव मनोज सिंह ने की। इस दौरान नोएडा प्राधिकरण सीईओ लोकेश एम , ग्रेटरनोएडा प्राधिकरण रविकुमार एनजी , डीएम मनीष वर्मा आदि मौजूद रहे।

प्राधिकरण ने बताया कि विगत वर्ष बजट का अधिकांश हिस्सा तय मानकों के अनुसार खर्च नहीं कर सके। ऐसे में इस वित्तीय बजट में इसे शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि 2024-25 में कुल 7433.76 करोड़ का बजट था। जबकि राजस्व का लक्ष्य 7713 करोड़ रखा गया था। राजस्व के सापेक्ष 28 फरवरी तक 6809 करोड़ की प्राप्तियां हुई। ये कुल लक्ष्य का 88.28 प्रतिशत रहा।

ऐसा इसलिए क्योंकि परिसंपत्तियों के आवंटन में लाई गई योजनाओं में आंवटन में की, साथ बिल्डर्स की ओर से बकाया जमा नहीं करना रहा। वहीं बजट के अनुसार 28 फरवरी तक 3032 करोड़ रुपए ही खर्च किया गया। प्राधिकरण ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में न्यू नोएडा के लिए 1000 करोड़ रुपए आरक्षित किए गए थे। लेकिन इसका प्रयोग नहीं हो सका।

प्राधिकरण द्वारा एनएमआरसी के जरिए नई मेट्रो के लिए 475 करोड़ खर्च करने का लक्ष्य रखा गया था। जिसके सापेक्ष कोई मेट्रो परियोजना नहीं आई। वहीं विभिन्न परियोजना पर के विकास के लिए 2431 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य रखा गया था। लेकिन महज 475 करोड़ रुपए ही खर्च किए गए। ऐसे में पुनरीक्षित करते हुए इस बार का वित्तीय बजट करीब 8732 हजार करोड़ रुपए किया गया है।

  • नोएडा में इस बार 250 करोड़ रुपए भूमि अधिग्रहण के लिए खर्च किए जाएंगे
  • नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए 1600 करोड़ रुपए दिए जाएंगे
  • विकास कार्यों के लिए 2410.77 करोड़ रुपए
  • न्यू नोएडा के लिए 1000 करोड़ से घटाकर 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया।
  • अनुरक्षण कार्य पर करीब 2229 करोड़ रुपए
  • ग्राम विकास के लिए 224 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
  • आफिस व्यय के लिए करीब 254 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।

नोएडा में बढ़ाई गई संपत्ति की दर नोएडा में संपत्ति बनाना एक बार फिर महंगा हो गया है। वाणिज्यिक श्रेणी को छोड़कर प्राधिकरण ने आवासीय , संस्थागत (आईटी, आईटीईएस और डेटा सेंटर) , औद्योगिक (आईटी, आईटीईएस और डेटा सेंटर) के लिए भूमि आवंटन दर में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में आने वाली स्कीम भी इसी दर पर आवंटित की जाएगी।

इसके तहत औद्योगिक श्रेणी में 66,867 वर्गमीटर , संस्थागत में 3 लाख 4 हजार 321 वर्गमीटर , आवासीय में 9686 वर्गमीटर और ग्रुप हाउसिंग में 91 हजार 820 के अलावा वाणिज्यिक में 10 लाख 16 हजार 186 वर्गमीटर का लैंड बैंक है। इन सभी भूखंडों पर अलग-अलग स्कीम लांच की जाएगी। ऐसे में इस वित्तीय वर्ष करीब 14 लाख 88 हजार 880 वर्गमीटर जमीन आवंटित करने का लक्ष्य भी तय किया गया है।

कोर्ट गए किसानों को मिलेगा 10 प्रतिशत भूमि के सापेक्ष धनराशि बोर्ड ने किसानों राहत दी है। गजराज केस में उच्च न्यायालय द्वारा 21 अक्टूबर 2011 को दिए गए आदेशानुसार जो भी काश्तकार बचे है। उन किसानों को 10 प्रतिशत आबादी भूखंड के समतुल्य धनराशि दी जाएगी। यदि काश्तकार इस विकल्प को नहीं चुनना चाहते है तो भविष्य में भूमि उपलब्ध होने की दशा में अर्जित भूमि के सापेक्ष 5 प्रतिशत आबादी भूखंड का आवंटन और 5 प्रतिशत आबादी भूखंड के समतुल्य धनराशि दी जाएगी।

नई नीति को किया गया शामिल रोजगार को बढ़ावा देने के लिए प्राधिकरण ने उप्र एयरोस्पेस तथा रक्षा इकाई एवं रोजगार प्रोत्साहन नीति-2024 एवं मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक पार्क नीति-2024 को अंगीकृत किया है। इससे निवेश और रोजगार दोनों में बढ़ोतरी होगी। इसके अलावा स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी में ऑडिट करने वाले पैनल में प्रतिष्ठित निजी संस्थाओं के पैनल को शामिल करने का लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट जारी करने का निर्णय लिया गया है।

लिगेसी के तहत हुई रजिस्ट्री बोर्ड में लिगेसी के तहत बिल्डरों ने कुल बकाया का 25 प्रतिशत पैसा जमा किया। जिसके तहत अब तक कुल 533.91 करोड़ रुपए प्राधिकरण के पास आया। इससे करीब 2726 फ्लैट बायर्स की रजिस्ट्री हो चुकी है। यदि सभी 57 बिल्डर प्रोजेक्ट 25 प्रतिशत पैसा जमा कर देते है तो कुल 3620 बायर्स की रजिस्ट्री हो सकती है।

 

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