सुप्रीम कोर्ट :’क्या 144 करोड़ की आबादी वाले देश के लोग एक अफसर पर निर्भर हैं ..!
‘क्या 144 करोड़ की आबादी वाले देश के लोग एक अफसर पर निर्भर हैं, उसे एडवाइजर क्यों नहीं बना देते’
जस्टिस बीआर गवई, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की है। मामले की सुनवाई शुरू होते ही जब केंद्र की तरफ से यह दलील दी गई कि ईडी निदेशक संजय मिश्रा को सेवा विस्तार मिलना चाहिए। इस पर जस्टिस गवई ने पूछा, क्या आपका पूरा विभाग अक्षम है। क्या आप एक व्यक्ति के बिना काम नहीं कर सकते…
जस्टिस गवई ने पूछा, टेरर फाइनेंसिंग, मनी लॉंड्रिंग नहीं है। तुषार मेहता ने कहा, नहीं नहीं, टेरर फाइनेंसिंग भी इसी का एक पार्ट है। पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे सूची में है। वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, ये खराब संदेश देता है कि 1.4 बिलियन की आबादी वाले देश के लोग एक अधिकारी पर निर्भर हैं। एडवोकेट प्रशांत भूषण ने कहा, सर्वोच्च अदालत को गुमराह करने का प्रयास हो रहा है। वह अधिकारी ‘ईडी चीफ’ इतना महत्वपूर्ण है, तो उसे एडवायजर नियुक्त कर दें। अगले साल तक एफएटीएफ की समीक्षा चल रही है, तो उन्हें अक्तूबर तक उनकी आवश्यकता क्यों है। केंद्र ने ईडी चीफ का कार्यकाल 15 अक्तूबर तक बढ़ाने की अपील की थी। पड़ोसी मुल्क एफएटीएफ को लेकर भारत की छवि ख़राब करने की साजिश रच रहा है।