ग्वालियर: करवाचौथ पर पुलिस ने किया अनूठा प्रयोग, मिल रही है जमकर वाहवाही

ग्वालियर: सावित्री द्वारा यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राण लौटा लाने की कहानी सभी ने सुनी होगी. करवाचौथ को लेकर भी ऐसी ही कई किवंदतियां हैं. मान्यता है कि पति की लंबी उम्र के लिए कार्तिक मास की चौथ पर पत्नियां निर्जला व्रत रखती हैं. चंद्रमा के साथ पति का चेहरा देखने के बाद व्रत तोड़ती हैं. इस पर्व को करवा चौथ के नाम से जाना जाता है. वहीं, इस पर्व पर ग्वालियर पुलिस द्वारा शहर भर के अंदर लोगों को हेलमेट लगाने के प्रति जागरूक करने के लिए एक बेहतर मुहिम शुरू की गई है. इसमें शहर भर में बैनर व स्मार्ट साइन बोर्ड के माध्यम से अपील की जा रही है कि इस करवा चौथ पर अपने पति को हेलमेट पहनाएं. यह संदेश अब महिलाओं के बीच चर्चा का विषय बनकर समाज में हेलमेट लगाने के प्रति जागरूक करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है.

ग्वालियर के विभिन्न क्षेत्र में लगाए गए बैनर व स्मार्ट साइन बोर्ड के माध्यम से अपील की जा रही है कि हेलमेट पहने सुरक्षित रहे और इस करवा चौथ पर अपने पति को हेलमेट पहनाएं. यमराज से उनके प्राणों की रक्षा करें. यह स्लाइड जिला पुलिस के जनक गंज थाना प्रभारी द्वारा शहर की महिलाओं को प्रेरित कर हेलमेट के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए अपनाई गई है.

दरअसल, थाना प्रभारी डॉ ज्ञानेंद्र सिंह द्वारा लगवाए गए करवा चौथ के पर्व पर यह बैनर सड़क चौराहे पर लगवाने का मूल उद्देश्य सड़क हादसों में लोगों की जान चले जाने के आंकड़ों में कमी लाना है. ज्यादातर हादसों में हेड इंजरी होती है और लोगों की जान चली जाती है. इसके पीछे सबसे मुख्य कारण यह होता है कि लोग दो पहिया वाहन का उपयोग करते समय हेलमेट नहीं लगाते हैं. पुलिस का मानना है कि इस पहल के बाद करवा चौथ के दिन महिलाएं अपने पति से हेलमेट लगाने का वचन लेंगी और उनको हेलमेट भी गिफ्ट करेंगी. महिलाओं के अंदर इस पहल को लेकर काफी खुशी है. उनका मानना है कि आज के युग में भी अपने पति की रक्षा वह यमराज से कर सकती हैं. वह अपने पति को घर से बाहर दो पहिया वाहन से जाने से पहले हेलमेट लगाने के लिए कहेंगी.

 

वहीं, ग्वालियर जिले की बात की जाए तो 10 महीने में सड़क हादसों में 241 लोगों की अब तक जान जा चुकी है. जिले में प्रतिवर्ष सड़क हादसों में 300 के लगभग मौतें होती हैं. ट्रैफिक पुलिस के उपलब्ध आंकड़ों से साफ है कि सड़क पर ड्राइव करते समय थोड़ी सी चूक व जरा सी लापरवाही से कई महिलाओं की मांग का सिंदूर मिट जाता है और माताओं की कोख उजड़ जाती है. भविष्य के सपने एक पल में बिखर जाते हैं और शेष बचता है ताउम्र का दर्द और पछतावा कि काश उनके अपने सिर पर हेलमेट लगाए होते, तो उनकी जान बच सकती थी.

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