6 घंटे तक जलता रहा नूंह, कहां थे 900 पुलिसवाले ..?
SP बोले- मंदिर में तैनात थे 100 जवान, इधर-उधर हो गए होंग
हरियाणा के नूंह में 6 घंटे तक दंगा होता रहा। दोनों समुदायों की तरफ से फायरिंग हुई, 150 गाड़ियां जलाई गईं, 5 लोग मारे गए, लेकिन इस दौरान पुलिस कहां थी? दैनिक भास्कर ने छानबीन की, तो पता चला कि नूंह के SP वरुण सिंघला छुट्टी पर थे। उनका चार्ज पलवल के SP लोकेंद्र सिंह के पास था, हिंसा भड़की तब वे 35 किमी दूर पलवल में थे।
लोकेंद्र सिंह से सवाल किया तो बोले कि ब्रजमंडल यात्रा के लिए 900 पुलिसवाले तैनात थे। हिंसा के दौरान ये कहां थे, सवाल के जवाब में वो कहते हैं- ‘उस वक्त शायद इधर-उधर हो गए होंगे। मुझे देखना पड़ेगा।’
लोकेंद्र को अपने इस ‘इधर-उधर’ का नुकसान भी उठाना पड़ा है। 31 जुलाई की रात ही उनसे नूंह का एडिशनल चार्ज लेकर भिवानी के SP नरेंद्र बिजरानिया को दे दिया गया है।
सवाल यही है कि जब ब्रजमंडल यात्रा से पहले ही सोशल मीडिया पर मोनू मानेसर, VHP और मुस्लिम पक्ष के लोगों के बीच बहस शुरू हो चुकी थी तो पुलिस ने एहतियात क्यों नहीं बरती।
मंदिर में फंसे 4 हजार लोग, पुलिस कहां गई
यात्रा नल्हड़ के नलहरेश्वर मंदिर से शुरू हुई थी। मंदिर के केयर टेकर और यात्रा में शामिल लोगों के मुताबिक, दंगा भड़का तो मंदिर में 4 हजार से ज्यादा लोग फंसे हुए थे। इस भीड़ को संभालने के लिए मंदिर के गेट पर 10 पुलिसवाले भी मौजूद नहीं थे।
मंदिर में फंसे लोगों ने बताया कि उपद्रव के दौरान मंदिर के अंदर भी गिने-चुने पुलिसकर्मी थे। दंगे भड़के तो आगे निकली यात्रा के लोग वापस मंदिर की तरफ भागे। यहां मौजूद पुलिसवाले स्थिति नहीं संभाल पा रहे थे। वे फोन पर अधिकारियों से मदद मांगते रहे। हालांकि, फोर्स पहुंचने में कई घंटे लग गए।
यात्रा के डेढ़ किलोमीटर दूर पहुंचने के बाद ही दंगे शुरू हो गए। पूरे शहर में उपद्रवियों ने 6 घंटे तक जमकर बवाल काटा। 150 से ज्यादा गाड़ियां फूंक दी गईं। होमगार्ड के 2 जवानों समेत 5 लोगों की मौत हो गई, लेकिन वे 900 पुलिसवाले, जिनकी तैनाती का दावा किया जा रहा है, वे हिंसा से जुड़े वीडियोज में कहीं तैनात नजर क्यों नहीं आ रहे।
SP बोले- यात्रा के दौरान वीडियो वायरल होने से हालात बिगड़े
दंगे के वक्त नूंह का एडिशनल कार्यभार देख रहे पलवल के SP लोकेंद्र सिंह ने दैनिक भास्कर से बातचीत में दावा किया कि नल्हड़ के जिस प्राचीन मंदिर से यात्रा शुरू हुई, वहां 100 से 150 जवानों की तैनाती की बात की गई थी।’
बजरंग दल से जुड़े मोनू मानेसर के वीडियो वायरल होने पर लोकेंद्र सिंह बोले- ‘लोगों को लगा कि वो (मोनू) आएगा। हमने लोगों को समझा दिया था, आयोजक से भी बात करा दी थी। साफ था कि वो नहीं आएगा, लेकिन यात्रा के दौरान ही कुछ ऐसे वीडियो वायरल हुए, जिसमें उसके यात्रा में शामिल होने का दावा किया गया था। इससे हालात बिगड़े।’
हरियाणा पुलिस के इस दावे से सवालों के घेरे में वो खुद ही है। अगर सोशल मीडिया पर यात्रा से पहले से ही इस तरह की बयानबाजी हो रही थी, तो यात्रा के दिन उसने ऐसे वीडियो वायरल होने से रोकने के लिए कोई तैयारी क्यों नहीं की। इस दौरान साइबर सेल क्या कर रहा था।
कुछ फोर्स जिले से बाहर VIP ड्यूटी में थी
दैनिक भास्कर की छानबीन में सामने आया है कि नूंह शहर दंगे की आग में जल रहा था, तब जिले की फोर्स रेवाड़ी में VIP ड्यूटी में भी लगी थी। भले ही SP पर्याप्त जवानों की तैनाती की बात कर रहे हैं, लेकिन 100 से ज्यादा जवान रेवाड़ी जिले में थे। वे 28 से 30 जुलाई तक हुए CM मनोहर लाल के जनसंवाद कार्यक्रम में ड्यूटी करने गए थे। इसके अलावा भी कुछ पुलिसकर्मी दूसरे जिलों में ड्यूटी पर गए हुए थे।
नूंह जिले में 1900 से ज्यादा पुलिसवाले
नूंह जिले में 13 थाने और 8 पुलिस चौकियां है। जिले में 1900 से ज्यादा पुलिसवाले हैं। इसमें 400 होमगार्ड और 450 स्पेशल पुलिस ऑफिसर यानी SPO भी शामिल हैं। SP लोकेंद्र के मुताबिक, 1900 में से ही 900 जवान ब्रजमंडल यात्रा की सुरक्षा में तैनात किए गए थे। इनमें SPO और होमगार्ड भी शामिल थे। पुलिस की तरफ से यात्रा का रूट बनाया गया था और पुलिस तैनात की गई थी।
यात्री तो वापस आए, लेकिन फोर्स आने में घंटों लग गए
नलहरेश्वर मंदिर से जुड़े लोगों ने बताया कि यात्रा के वक्त मंदिर में फोर्स तैनात थी। यात्रा जैसे ही आगे बढ़ी, फोर्स भी आगे बढ़ गई। शहर के तिरंगा चौक पर दंगे के बाद यात्रा में शामिल लोग जान बचाकर वापस मंदिर आए, लेकिन उनके साथ फोर्स नहीं लौटी।
4 हजार लोगों को संभालने के लिए मंदिर के अंदर गिने-चुने पुलिसवाले थे। उपद्रवियों ने मंदिर को घेर लिया और फिर जमकर उपद्रव किया। फोर्स को मंदिर आने में घंटों लग गए।
दंगे प्लानिंग से हुए, तो पुलिस का खुफिया नेटवर्क कहां था
हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने दंगों के बाद कहा, ‘जिस स्तर पर और जिस तरह अलग-अलग जगहों पर हिंसा हुई, जिस तरह से पत्थर इकठ्ठा किए गए, हथियार दिखाए गए, गोलियां चलाई गईं, उससे नहीं लगता कि ये सब अचानक हुआ है। किसी ने इस घटना की साजिश रची थी।’
सूत्रों के मुताबिक 31 जुलाई को दंगे से पहले पुलिस के खुफिया तंत्र के कई कर्मचारियों की ड्यूटी भी दूसरे जिलों में लगी हुई थी। इससे सोशल मीडिया पर हिंसा से पहले विवादित वीडियो वायरल होते रहे और पुलिस दंगाइयों की रणनीति को भांप नहीं पाई। सवाल यही है कि इतनी बड़ी प्लानिंग हो गई, तो सरकार और पुलिस का खुफिया तंत्र क्या कर रहा था।
VHP ने भी हरियाणा पुलिस पर खड़े किए सवाल
ब्रजमंडल यात्रा का आयोजन विश्व हिंदू परिषद की तरफ से किया गया था। इस यात्रा में शामिल होने पहुंचे संयुक्त महामंत्री डॉ. सुरेन्द्र जैन ने कहा, ‘हमारे कार्यकर्ताओं ने पहले ही पुलिस को बता दिया था, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।’
VHP के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बयान जारी कर कहा, ‘नल्हण के महादेव मंदिर से बृज मंडल यात्रा कोई पहली बार नहीं है। इसमें 20 हजार लोग शामिल होते हैं। इसकी तैयारी पुलिस ने नहीं की, बल्कि मुसलमानों ने की। कई दिनों से पत्थर इकट्ठे किए जा रहे थे, योजना बनाई जा रही थी।’
मोनू मानेसर ने एक दिन पहले जारी किया था वीडियो
बजरंग दल के सदस्य और गोरक्षक मोनू मानेसर ने यात्रा को लेकर एक दिन पहले ही वीडियो जारी किया था। इसमें मोनू ने कहा- सभी बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। मैं खुद यात्रा में शामिल रहूंगा। मोनू के इस मैसेज के बाद बाद पुलिस को अलर्ट किया गया था।
राजस्थान के गोपालगढ़ के जुनैद और नासिर को गो-तस्करी के शक में हरियाणा में जिंदा जलाकर मार दिया गया था। इस केस में मोनू आरोपी है। राजस्थान पुलिस के कागजों में मोनू फरार है।
5 मौतें, 50 से ज्यादा घायल, नूंह में कर्फ्यू
नूंह में 31 जुलाई को विश्व हिंदू परिषद ने ब्रज मंडल यात्रा निकाली थी। यात्रा नूंह के नलहरेश्वर मंदिर से बड़कली चौक, फिरोजपुर-झिरका के शिव मंदिर होते हुए पुन्हाना के राधा कृष्ण मंदिर तक जानी थी। दोपहर एक बजे यात्रा बड़कली चौक पर पहुंची, तो कुछ लोगों ने पथराव कर दिया। यहीं से हिंसा की शुरुआत हुई।
दोनों पक्षों में पथराव और फायरिंग हुई। इसमें गुरुग्राम के होमगार्ड नीरज और गुरसेवक समेत 5 लोगों की मौत हो गई। 50 से ज्यादा पुलिसवाले घायल हो गए। हिंसा के बाद नूंह में इंटरनेट बंद कर 2 अगस्त तक कर्फ्यू लगा दिया गया।
10वीं, 12वीं की 1 और 2 अगस्त को होने वाली बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं। नूंह में रेवाड़ी, गुड़गांव, पलवल से अतिरिक्त पुलिस फोर्स भेजी है।
9 जिलों में धारा 144, गुरुग्राम में मॉल बंद
नूंह के बाद गुरुग्राम और पलवल में हिंसा फैल गई। इसके बाद प्रशासन ने इन दोनों जिलों के साथ रेवाड़ी, पलवल, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, झज्जर और महेंद्रगढ़ में भी धारा-144 लागू कर दी।
नूंह, फरीदाबाद, गुरुग्राम और पलवल में स्कूल-कॉलेज और कोचिंग सेंटर बंद कर दिए गए हैं। गुरुग्राम में मॉल और थिएटर बंद रहेंगे। कंपनियों से वर्क फ्रॉम होम कराने के लिए कहा गया है।
हरियाणा से सटे UP-राजस्थान के इलाकों में अलर्ट
नूंह में हिंसा के बाद राजस्थान के भरतपुर में भी प्रशासन अलर्ट पर है। यहां के 4 इलाकों पहाड़ी, कामां, नगर, सीकरी में मोबाइल इंटरनेट सर्विस बंद कर दी गई।
UP सरकार ने भी हरियाणा और मथुरा की सीमा सील कर दी है। पश्चिमी यूपी में मेरठ, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर समेत हरियाणा से जुड़े यूपी के जिलों में भी अलर्ट जारी किया गया है। मेरठ रेंज के जिलों गाजियाबाद, हापुड़, बागपत और मुजफ्फरनगर में पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है।
गुरुग्राम में धार्मिक स्थल में आग लगाई, एक की मौत
31 जुलाई की देर रात गुरुग्राम सेक्टर 56-57 में करीब 100 लोगों की भीड़ ने अंडर कंस्ट्रक्शन धार्मिक स्थल में तोड़-फोड़ कर आग लगा दी। इसमें धार्मिक स्थल में मौजूद एक शख्स की मौत हो गई। पुलिस की FIR के मुताबिक, मरने वाले शख्स का नाम मोहम्मद साद था। वो बिहार का रहने वाला है।
FIR के मुताबिक, भीड़ ने मौके पर मौजूद पुलिस पार्टी पर पथराव किया। भीड़ में शामिल लोगों ने धार्मिक स्थल में घुसकर फायरिंग भी की। सेक्टर-57 स्थित मस्जिद प्रबंधन समिति के चेयरमैन मोहम्मद असलम खान ने दावा किया है कि हिंसा में मारा गया शख्स साद इमाम था। हालांकि उनके दावे की पुष्टि नहीं हो पाई है।