नोएडा प्राधिकरण : बिल्डरों पर 26500 करोड़ रुपए है बकाया !
CA फर्म बिल्डरों के बकाए का पुनर्मूल्यन करेगी:बिल्डरों पर 26500 करोड़ रुपए है बकाया, समिति करेगी अमिताभा कांत की रिपोर्ट का अध्ययन
सेक्टर-6 स्थित प्राधिकरण की प्रशासनिक खंड का कार्यालय ….
नोएडा प्राधिकरण ने बिल्डरों के बकाए का पुनर्मूल्यन करने के लिए एक चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) फर्म को नियुक्त किया है। यह कदम उन डेवलपर्स की लगातार आपत्ति यों के बाद उठाया गया जिसमें बिल्डर बकाया राशि को तर्क संगत बनाने क मांग कर रहे है। बिल्डरों का कहना है कि नोएडा प्राधिकरण बकाए पर बहुत ज्यादा ब्याज लगाकर कई गुना पैसा वसूल रहा है।
नोएडा प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक स्वतंत्र कुमार ने कहा, “सीए फर्म वर्तमान में आम्रपाली और यूनिटेक जैसे एनसीएलटी और सुप्रीम कोर्ट के मामलों में फंसे लोगों को छोड़कर, 60 बिल्डरों की जांच कर रही है। डेवलपर्स के इस चुनिंदा समूह पर नोएडा प्राधिकरण का 7500 करोड़ रुपए से अधिक का बकाया पाया गया है।
115 परियोजनाओं पर है 26500 करोड़ का बकाया
ग्रुप हाउसिंग श्रेणी में कुल मिलाकर 115 परियोजनाएं हैं। इन पर नोएडा प्राधिकरण का 26500 करोड़ रुपए बकाया है। हालांकि, 15 से अधिक परियोजनाएं वर्तमान में एनसीएलटी की कार्यवाही में उलझी हुई हैं, जबकि इतनी ही संख्या में परियोजनाएं यूनिटेक और आम्रपाली समूह से जुड़ी हैं और वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हैं।
10 ने पुनर्निर्धारण नीति के तहत किया अप्लाय
वहीं 60 डिफॉल्टर बिल्डरों में से 10 ने इस साल की शुरुआत में शुरू की गई पुनर्निर्धारण नीति के तहत आवेदन किया है। जिन्होंने प्राधिकरण को 120 करोड़ रुपए से अधिक जमा किया है, जो उनके कुल बकाया का 20% है। इस बीच, नोएडा प्राधिकरण नीति आयोग के पूर्व सीईओ अमिताभ कांत के नेतृत्व वाली एक विशेषज्ञ समिति द्वारा प्रस्तुत सिफारिशों की समीक्षा कर रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि समिति की रिपोर्ट के आधार पर प्राधिकरण का लक्ष्य एक नीति बनाना है। रिपोर्ट 13 अगस्त को होने वाली आगामी बोर्ड बैठक के दौरान प्रस्तुत की जाएगी। समिति द्वारा प्रस्तावित उपायों में अधिकारियों के बकाए को फ्लैट रजिस्ट्री प्रक्रिया से अलग करना, साथ ही भूमि-स्वामित्व वाली एजेंसी को भुगतान पर राहत देना भी शामिल है।
एसीईओ प्रभाष कुमार ने कहा, “हमें अमिताभ कांत की समिति की रिपोर्ट मिल गई है। हम सिफारिशों की जांच कर रहे हैं और उसके अनुसार अपनी नीति बनाएंगे। आगामी बोर्ड बैठक के दौरान इस पर चर्चा की जाएगी। प्राधिकरण घर खरीदारों की समस्याओं को समझता है। कुमार ने कहा, “हम वर्तमान में बिल्डरों के बकाया की पुनर्गणना कर रहे हैं। डेवलपर्स की प्राथमिक शिकायत यह है कि प्राधिकरण उनसे उच्च बकाया वसूलता है। हालांकि प्राधिकरण ने अपने मापदंडों के आधार पर बकाया की गणना की है। हमने डेवलपर्स की चिंताओं को ध्यान में रखा है और एक तृतीय-पक्ष सीए फर्म के माध्यम से उनके बकाया का पुनर्मूल्यांकन करने की प्रक्रिया शुरू की।
अमिताभ कांत की रिपोर्ट के लिए बनाई समिति
इस मामले में नोएडा प्राधिकरण ने प्राधिकरण ने एक समिति बना ली है। इस समिति में नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ प्रभाष कुमार, सतीश पाल, जीएम प्लानिंग, एफसी स्वतंत्र कुमार शामिल है। रिपोर्ट का अध्ययन करके जो भी निष्कर्ष निकलेगा उसे बताया जाएगा।