”भगवान भरोसे”” नोएडा की हवा की सेहत …
”भगवान भरोसे”” नोएडा की हवा की सेहत …
– दावे बड़े-बड़े, लेकिन हवा चलने या बारिश होने पर ही सुधर रही गुणवत्ता
– सड़कों पर धूल उड़ रही और जाम में फंसी गाड़ियां छोड़ रही जहरीला धुआं
नोएडा। नोएडा की हवा की सेहत ठीक होने के लिए जिम्मेदार विभागों के अधिकारी नहीं बल्कि भगवान रूपी प्रकृति है। शहर की हवा तभी सुधर रही है जब या तो बारिश हो जाए, या तेज हवा चलने लगे। ऐसे में ही हवा में घुले धूल व धुएं के कण छट जाते हैं। इसके बाद दोबारा से हवा खराब होकर सांस लेने के लिए सुरक्षित नहीं रह रही।
अब ऐसे में सवाल उठता है कि पानी के छिड़काव और मैकेनिकल स्वीपिंग क्या उतनी हो रही है, जितने दावे अधिकारी कर रहे हैं। नोएडा प्रशासन की रिपोर्ट के मुताबिक 12 मशीनें मैकेनिकल स्वीपिंग में लगी हुई हैं। इससे एक दिन में 340 किमी सड़कों की नियमित सफाई की जाती है। 56 टैैंकरों से पानी का छिड़काव शहर की अलग-अलग सड़कों पर किया जा रहा है। शहर में पड़े मलबे को हटाने का काम भी युद्धस्तर पर चालू है। अब हकीकत तभी पता चलेगी जब यूपीपीसीबी के पत्र के बाद शुरू हुआ मैकेनिकल स्वीपिंग का ऑडिट पूरा होगा।
नोएडा की हवा शुक्रवार को फिर से खराब हो गई। शुक्रवार को औसत एक्यूआई 220 रिकॉर्ड किया गया। बृहस्पतिवार को एक्यूआई 191 रहा था। वहीं नोएडा की चार में से तीन लोकेशन पर हवा की गुणवत्ता खराब रिकॉर्ड हुई है। शुक्रवार को एक्यूआई सेक्टर-62 में 267, सेक्टर-125 में 208, सेक्टर-116 में 222 मिला है। केवल सेक्टर-1 में एक्यूआई 192 रहा।
इनसेट-
कौन-कौन विभाग जिम्मेदार
– नोएडा प्राधिकरण
– यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
– केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
– ट्रैफिक पुलिस
वर्जन-
ग्रैप के नियमों को सख्ती से लागू करने पर काम हो रहा है। नोएडा प्रशासन के अलावा दूसरे विभागों का भी इसमें सहयोग लिया जा रहा है। सड़क पर धूल न उड़े, ट्रैफिक जाम नहीं हो, इसे सुनिश्चित कर हवा को साफ रखने का प्रयास किया जा रहा है।
– उत्सव शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी