Noida: सुपरटेक ट्विन टॉवर मामले में CM योगी सख्त- SIT करेगी जांच, अथॉरिटी के 2004-17 तक के अफसरों पर गिरेगी गाज
इस मामले में नोएडा अथॉरिटी ने विभागीय जांच भी शुरू करा दी है लेकिन सीएम योगी ने सख्ती दिखाते हुए मामले की जांच के लिए SIT गठित करने का आदेश दिया है. SIT इस मामले में शामिल नोएडा अथॉरिटी के अधिकारियों की मिलीभगत की जांच करेगी.
नोएडा (Noida) स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के ट्विन टॉवर ( Supertech Twin Tower case) मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Aditya Nath) ने भी सख्त रवैया अख्तियार कर लिया है. सीएम योगी ने गुरुवार को इस मामले की जांच के लिए शासन स्तर पर एक SIT (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) के गठन के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. ये एसआईटी साल 2004 से 2017 तक इस प्रकरण से जुड़े रहे प्राधिकरण के अफसरों की सूची बनाकर जवाबदेही तय करेगी. सीएम योगी ने मामले में दोषी पाए गए अफसरों पर कड़ी कार्रवाई करने के अभी आदेश दिए हैं.
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में नोएडा अथॉरिटी के तत्कालीन अधिकारियों और ग्रुप (सुपरटेक) के बीच मिलीभगत की बात कही थी. बीते मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट के 40 फ्लोर वाले अवैध ट्विन टॉवर को गिराये जाने के आदेश दिए थे. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश के साथ नोएडा अथॉरिटी पर टिप्पणी भी की थी. कोर्ट ने कहा कि प्रॉजेक्ट में जो भी गड़बड़ी हुई हैं कहीं न कहीं उसके लिए नोएडा अथॉरिटी के अधिकारी जिम्मेदार हैं, लेकिन यह पूरा प्रकरण 2012 और उसके पहले का है. कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद से ही सीएम योगी ने भी सख्ती दिखाई है.
नोएडा अथॉरिटी ने क्या कहा?
उधर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नोएडा अथॉरिटी के मौजूदा अधिकारियों ने पूरे मामले में संलिप्त पाए जाने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई का आश्वसान दिया है. हालांकि सीएम योगी इस जवाब से संतुष्ट नहीं ते इसलिए उन्होंने SIT से जांच कराने का आदेश जारी कर दिया है. नोएडा अथॉरिटी की सीईओ रितु माहेश्वरी ने कहा था कि कोर्ट के आदेश की कॉपी आते ही उसका अध्ययन शुरू करवाया जाएगा. बिल्डर और दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ अथॉरिटी कार्रवाई करेगी.
बता दें कि कि इस मामले में नोएडा अथॉरिटी ने विभागीय जांच भी शुरू करा दी है. इसमें प्लानिंग विभाग के एक मैनेजर के खिलाफ शासन में चार्जशीट भी भेजी जा चुकी है. अन्य किस अधिकारी की मिलीभगत है इसकी पड़ताल जारी है. अथॉरिटी की तरफ से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पूरी तरह से पालन करवाया जाएगा.
क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश?
सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा स्थित सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट प्रोजेक्ट के 40 फ्लोर वाले टि्वन टावर को अवैध करार देते हुए तीन महीने के भीतर गिराने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि टि्वन टावर में जो भी फ्लैट खरीदार हैं, उन्हें दो महीने के भीतर उनके पैसे रिफंड किए जाएं. इस रकम पर 12% ब्याज का भी भुगतान किया जाए. इस बीच सुपरटेक ने कहा है कि हम फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन डालेंगे. बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2014 में टि्वन टावर तोड़ने का आदेश दिया था. सुपरटेक ने उस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.