अफसरों ने लीज की राशि क्यों नहीं वसूली, प्रॉपर्टी का व्यावसायिक इस्तेमाल क्यों होने दिया

सब गोलमाल है:यूडीए के अफसरों ने लीज की राशि क्यों नहीं वसूली, प्रॉपर्टी का व्यावसायिक इस्तेमाल क्यों होने दिया

भास्कर ने प्राधिकरण से जुड़े अफसरों से सवाल किया तो वह सीधे तौर पर कुछ कहने से बचते नजर आए लेकिन उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि महाकाल मंदिर पहुंच मार्ग के दोनों साइड की संपत्ति प्राधिकरण ने लीज पर दी थी। अभी की स्थिति में वहां लीज की शर्तों का उल्लंघन किया गया है। लीज नवीनीकरण का समय भी दस साल हो गया है। वहीं प्रॉपर्टी में काफी बदलाव कर दिया है।

इस हिसाब से प्राधिकरण को यह अधिकार है कि संपत्ति को अपने कब्जे में ले लें। सभी संपत्ति मालिकों को नोटिस दिए गए हैं। 15 दिन में उन्हें जवाब देना है। अगर जवाब संतोषप्रद नहीं रहता है तो आगे की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल संपत्ति मालिक नोटिस के हिसाब से आगे भी बढ़ते हैं तो खुद ही उलझते जाएंगे। क्योंकि लीज नवीनीकरण के लिए संपत्ति को आवासीय करना होगा लेकिन मौके पर तो होटल संचालित हो रहे हैं। उन्हें आवासीय करना संभव नहीं होगा।

15 दिन में करना होगा नवीनीकरण, उसके लिए मूल स्वरूप में लौटाना होगी संपत्ति

15 दिन में लीज की शर्तों के उल्लंघन को ठीक कर उक्त संपत्ति को पून: मूल स्वरूप में अद्यतन कर शर्तों का पालन सुनिश्चित कर लीज नवीनीकरण के लिए आवेदन प्रस्तुत करें। लीज की शर्तों का पालन न करने व नवीनीकरण की कार्यवाही नहीं किए जाने की स्थिति में एक पक्षीय कार्यवाही करते हुए आवंटन, नीज निरस्ती एवं मप्र विकास प्राधिकरण की संपत्तियों का प्रबंधन एवं व्ययन नियम 2018 एवं संशोधित प्रावधानों के अंतर्गत कार्रवाई होगी, जिसकी समस्त जिम्मेदारी संपत्तिधारकों की होगी।

पेंच फंसेगा, मुश्किल में घिरेंगे संपत्ति मालिक

बेगमबाग मार्ग पर रोड साइड 60 के लगभग संपत्ति है। सभी प्लाॅट 2400 स्क्वायर फीट के हिसाब से आवासीय इस्तेमाल से दिए गए थे लेकिन बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी तो वहां सभी आवासीय भवनों ने व्यावसायिक रूप से ले लिया। इसके लिए मूल मालिक यूडीए से कोई परमिशन भी नहीं ली गई और ना ही उन्हें कोई सूचित किया गया। अब प्राधिकरण बड़ी कार्रवाई की तैयार कर रहा है। जानिए…संपत्ति मालिकों के सामने क्या-क्या दिक्कत आ सकती है।

लीज नवीनीकरण- सभी संपत्ति 1981 से 86 के बीच 30 साल की लीज पर आवासीय उपयोग के लिए दी गई। जिनकी मियाद 2014 के आसपास खत्म हो गई। मलतब, दस साल में लीज नवीनीकरण करने कोई आया ही नहीं। 15 दिन में नवीनीकरण करने के लिए कहा है लेकिन उसके लिए जरूरी है संपत्ति आवासीय ही हो। ऐसे में नवीनीकरण भी संभव नहीं है।

प्राॅपर्टी के हिस्से किए- यह सभी प्लॉट बड़े थे। सालों से किसी ने ध्यान नहीं दिया कि संपत्ति लीज पर है। असल मालिक तो प्राधिकरण है। फिर भी संपत्ति के हिस्से कर दिए, जो नगर तथा ग्राम निवेश विभाग के स्वीकृत मानचित्र की शर्तों का उल्लंघन है।

व्यावसायिक हुए- 60 में से ज्यादातर संपत्तियां आवासीय से व्यावसायिक कर ली गई है। जबकि लीज की संपत्ति में ऐसा प्रावधान ही नहीं है कि उसे बगैर परमिशन के आवासीय से व्यावसायिक कर लिया जाए।

शर्त 17 चिंता बढ़ाने वाली. ..लीज निरस्त का प्रावधान

10 साल से लीज नवीनीकरण नहीं हुआ तो वैसे भी संपत्ति धारक अवैध की श्रेणी में आ जाते हैं। फिर भी शर्त क्रमांक 17 चिंता बढ़ाने वाली है। जिसमें उल्लेख है कि किसी भी शर्त का उल्लंघन करने या पालन नहीं करने की दशा में उक्त शर्त के अलावा भी प्राधिकरण को पुन: प्रवेश की तिथि से 3 माह के पश्चात भूखंड पर के समस्त भवन एवं निर्माण कार्य हटवाने, हटाने का अधिकार होगा।

अभी 14 संपत्ति मालिकों को नोटिस दे दिए हैं। बाकी को भी नियमानुसार नोटिस दे रहे हैं। लीज नवीनीकरण से लेकर कई शर्तों का उल्लंघन सामने आया है। उनका विस्तृत अध्ययन करने और जवाब आने पर ही कुछ कहा जा सकता है।
 सीईओ, यूडीए

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