ग्वालियर देशभर में हथियार के शौक के कुख्यात ग्वालियर-चंबल अंचल में अब हथियार लाइसेंस बनने की रफ्तार सुस्त होगी। पहली बार ऐसा होगा, जब हथियार लाइसेंस के लिए वन विभाग की एनओसी लगेगी। ग्वालियर जिले के 80 फीसद क्षेत्र में अब भारत सरकार का नया आदेश लागू हो गया है। घाटीगांव सोनचिरैया अभ्यारण्य के 10 किमी क्षेत्र में आने वाले 151 गांवों में वन्य जीवों का शिकार रोकने के लिए वाइल्ड लाइफ एक्ट के तहत मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक को सूचना देना होगी। इसी कारण वन विभाग से नए लाइसेंस, नवीनीकरण, फौती व वृद्धावस्था केस एनओसी लेना होगी। इस 10 किमी एरियल क्षेत्र में ग्वालियर जिले का 80 फीसद क्षेत्र शामिल है। एक तरह से पूरे ग्वालियर पर लागू हो गया है।

कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने इस संबंध में एडीएम से आदेश जारी कर लोक सेवा प्रबंधन विभाग व सभी संबंधित अधिकारियों को सूचित करवा दिया है। शस्त्र शाखा से प्रकरण वन विभाग भेजने के लिए तैयार किए जा चुके हैं। भारत सरकार द्वारा वन्य प्राणी सरंक्षण अधिनियम 1972 संशोधित अधिनियम 2022 की धारा 34-चार में आर्म्स अधिनियम 1959 के तहत संरक्षित क्षेत्रों से 10 किमी की परिधि में आने वाले आवासीय क्षेत्रों, गांव के लोगों के नए-पुराने आग्नेय शस्त्र की अनुज्ञा, नवीनीकरण का कार्य मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक को सूचित किए बिना जारी न करने के निर्देश दिए हैं। आग्नेय शस्त्रों का वन्यप्राणी के शिकार के लिए उपयोग की आशंका है। भारत सरकार के इसी आदेश से डीएफओ ग्वालियर अंकित पांडेय की ओर से कलेक्टर को 25 जुलाई 2023 को अर्द्ध शासकीय पत्र लिखकर इस नियम का हवाला दिया गया था। इसी पत्र के आधार पर यह नई व्यवस्था कलेक्टर ने लागू की है।

कलेक्टर ने जारी किया आदेश

एडीएम की ओर से इस संबंध में प्रभारी, लोक सेवा प्रबंधन और मैनेजर लोक सेवा प्रबंधन ग्वालियर को आदेश जारी किया गया है। इसमें कहा गया है भारत सरकार के आदेश के अनुसार संरक्षित क्षेत्र घाटीगांव से 10 किमी की परिधि में आवासीय क्षेत्र व गांवों में शस्त्र लाइसेंस के लिए वन विभाग से एनओसी लेना होगी। लाइसेंस नवीनीकरण का कार्य वर्तमान में लोक सेवा केंद्र से कराया जा रहा है। इसलिए आवेदन पत्र जमा कराते समय वन विभाग की एनओसी लेना होगी।

कलेक्ट्रेट

पांच हजार फाइल में लगेगी एनओसी कलेक्ट्रेट की शस्त्र शाखा में इस समय लगभग पांच हजार फाइलें अलग-अलग स्तर पर प्रचलित हैं। इनमें अब वन विभाग की एनओसी ली जाएगी। इसके लिए कलेक्ट्रेट में वन विभाग के लिए एनओसी लेने पत्र भी जारी करने के लिए तैयार कर लिए गए हैं।