ग्वालियर : 85 में से 72 प्रमाण पत्र निकले फर्जी ?

 स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में हुआ खुलासा …

कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग से मिली रिपोर्ट को भोपाल भेजा लोक शिक्षक संस्थान ने भेजी थी 184 नामों की सूची ..

ग्वालियर। जिले में दिव्यांग प्रमाण पत्र में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। 85 प्रमाण पत्र में से 72 फर्जी निकले हैं, स्वास्थ्य विभाग में इनका रिकॉर्ड ही दर्ज नहीं है। 13 प्रमाण पत्रों का रिकॉर्ड विभाग के पास मिला है। 72 प्रमाण पत्रों में जो सील व साइन है, वह भी फर्जी हैं। इन प्रमाण पत्रों में उम्मीदवारों ने शिक्षक की नौकरी भी ले ली है। दिव्यांग प्रमाण पत्र में किस तरह से फर्जीवाड़ा किया गया है, इसका बड़ा खुलासा स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में हुआ है। अधिकतर दिव्यांग प्रमाण पत्र बहरे होने के बनाए गए हैं। कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग से मिली रिपोर्ट को भोपाल भेज दिया है। कार्रवाई पर फैसला शासन स्तर से होना है।

दरअसल शासन ने स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती की थी। दिव्यांग प्रमाण पत्र के आधार पर आरक्षण मिलने की वजह से बड़ी संख्या में दिव्यांगों की भी भर्ती हुई। भर्ती के बाद फर्जी प्रमाण पत्र पर हंगामा मचना शुरू हो गया। इसके चलते लोक शिक्षण संचनालय ने प्रमाण पत्रों की जांच का फैसला लिया। अंचल के 184 दिव्यांग प्रमाण पत्रों की जानकारी ग्वालियर भेजी थी। इन प्रमाण पत्रों पर फर्जी होने का संदेह बताते हुए जांच के लिए भेजा था।184 प्रमाण पत्र में से 85 ग्वालियर के थे। 99 प्रमाण पत्र अंचल के थे। स्वास्थ्य विभाग ने प्रमाण पत्रों का रिकॉर्ड खंगाला तो दस्तावेज नहीं मिले। प्रमाण पत्र पूरी तरह से फर्जी थे।

बहरेपन के आधार पर लिए प्रमाण पत्र

दिव्यांग प्रमाण पत्र में सबसे ज्यादा बहरेपन के प्रमाण पत्र लिए हैं। अधिकतर उम्मीदवारों के प्रमाण पत्र में लिखा हुआ है कि सुनाई कम पड़ता है। क्योंकि इस दिव्यांगता का आम लोग आसानी से पता नहीं कर सकते हैं।

हाईकोर्ट में भी दिव्यांग प्रमाण पत्र की जांच के निर्णय को चुनौती दी गई थी। उनका कहना था कि एक बार जांच हो चुकी है, दोबारा क्यों कराई जा रही है, लेकिन हाईकोर्ट ने शासन के फैसले को सही बताते हुए पुलिस मदद के भी निर्देश दिए थे।

फैसला शासन स्तर से होना

स्वास्थ्य विभाग से मिली जांच रिपोर्ट को शासन को भेज दिया है। फर्जी प्रमाण पत्र पर क्या कार्रवाई होनी है, इसका फैसला शासन स्तर से होना है।

कलेक्टर

 

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