राहत राशि में गड़बड़ी करने वाले दो पटवारियों पर केस

पूर्व मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने 10 करोड़ के घोटाले का लगाया था आरोप

गोहद जनपद में ओलावृष्टि की क्षतिपूर्ति राशि किसानों के बजाए दूसरों के खातों में भेजकर करोड़ों रुपए का घालमेल करने के मामले में गोहद पुलिस ने दो पटवारियों के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है। तहसीलदार रामजीलाल वर्मा ने उक्त पटवारियों के विरुद्ध गोहद थाना में एफआईआर दर्ज कराई है। इन दोनों पटवारियों के द्वारा करीब 1.29 करोड़ रुपए का घालमेल किया गया है। इस मामले में वे पहले से निलंबित भी चल रहे हैं।

बता दें कि वर्ष 2020 में हुई ओलावृष्टि की मुआवजा राशि वितरण फर्जी किसानों के बैंक खातों की सूची प्रस्तुत किए जाने से पात्र किसानों को मुआवजा नहीं मिल पाया। इस मामले की शिकायत पर जब गोहद एसडीएम ने जांच कराई तो सामने आया कि हल्का सर्वा एवं तुकेड़ा के ग्राम चक सर्वा, खेरियारायजू, झावलपुरा एवं धमसा का पुरा में पटवारी कुलदीप सिंह ने जानबूझकर गलत एवं कूटरचित बैंक खातों की सूची नायब तहसीलदार एंडोरी को भेजी।

जांच में यह भी सामने आया कि उक्त चारों गांवों की 288 किसानों की ओलावृष्टि की मुआवजा राशि पांच लाख 62 हजार 525 रुपए असंबंधित व्यक्तियों के बैंक खातों में भेजी गई। उक्त राशि में से 284 किसानों की राशि पांच लाख 60 हजार 525 रुपए पटवारी द्वारा चालान से शासकीय कोष में भी जमा कराई गई।

इसी प्रकार से पटवारी निशांत खरे द्वारा भी जानबूझकर गलत एवं कूटरचित बैंक खातों की सूची देकर गलत किसानों के खातों में भुगतान कराया गया। जांच में सामने आया कि पटवारी खरे ने कैथोदा के 68 किसानों की ओलावृष्टि मुआवजा राशि 19 लाख 25 हजार 660 रुपए का गलत खातों में भुगतान कराया गया।

वहीं बरोना, नीमडांडा, एमनपुरा, नागौर के कुल 423 किसानों को स्वीकृत 53 लाख 89 हजार 220 रुपए पीडित किसानों के स्थान पर दूसरे किसानों के खातों में भेजी गई। उक्त दोनों पटवारियों पर जांच में गड़बड़ी पकड़े जाने पर उन्हें निलंबित पहले ही कर दिया गया था। वहीं गुरुवार की सुबह तहसीलदार वर्मा की फरियाद पर गोहद पुलिस ने पटवारी कुलदीप सिंह निवासी कुम्हरौआ और निशांत खरे निवासी शताब्दीपुरम ग्वालियर के विरुद्ध धोखाधड़ी का केस दर्ज कर लिया है।इस घोटाले को लेकर एक दिन पहले बुधवार को ही पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस को एक ज्ञापन दिया था।

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