भिंड कलेक्टर को जिला अस्पताल में मिली गंदगी:ड्यूटी पर अनुपस्थित 17 सफाई कर्मियों का कटेगा वेतन, चिकित्सक व स्टाफ नर्स को थमाया नोटिस
भिंड के जिला अस्पताल का निरीक्षण करने के लिए रविवार की शाम कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस पहुंचे। यहां उन्होंने बच्चा वार्ड समेत अन्य वार्डों में गंदगी नजर आई। गंदगी को देख कलेक्टर भड़के और उन्होंने सफाई न होने का कारण पूछा। इस पर 16 सफाई कर्मी व सुपरवाइजर अनुपस्थित मिले। इन सभी के एक सप्ताह का वेतन काटने के निर्देश जारी किए। इसके बाद ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर तीन स्टाफ नर्स व दो चिकित्सकों को कारण बताओ नोटिस दिए गए।
रविवार की शाम करीब सात बजे कलेक्टर डाॅ सतीश कुमार एस अचानक जिला अस्पताल पहुंचे। यहां चिकित्सालय के वार्डों में गंदगी दिखी। इस पर आरएमओ आरएन राजोरिया से गंदगी का कारण पूछा गया। इस पर बताया गया कि सफाई का टेंडर प्रथम नेशनल कंपनी इंदौर के पास है। यह कंपनी के कर्मचारी नियमित सफाई नहीं कर रहे है। सुबह की पाली में आउट सोर्स कंपनी के 13 सफाई कर्मी अनुपस्थित थे। वहीं, शाम की पाली में 3 सफाई कर्मचारी व सुपरवाइजर आंशु अनुपस्थित मिला। इस पर कलेक्टर ने तत्काल प्रथम नेशनल कंपनी प्रबंधन को कारण बताओ नोटिस जारी करने की बात कही और सुपवाइजर समेत 16 सफाई कर्मचारियों का एक सप्ताह का वेतन काटने को निर्देश दिए।
खड़े होकर वार्डों की कराई सफाई
इसके बाद कलेक्टर ने स्वयं खड़े होकर सफाई करने को कहा। इसके बाद निजी कंपनी के सफाई कर्मचारी मौके पर आए उन्होंने तत्काल सफाई की। इस तरह से कलेक्टर ने वार्डों में खड़े होकर सफाई कराई। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन को फटकार लगाते हुए कहा कि इस तरह की अव्यवस्था ठीक नहीं है। इस तरह से मरीजों में इंफैक्शन फैलने की आशंका बनेगी। इसलिए नियमित समय-समय पर सफाई होना चाहिए। यद्पि ठेकेदार के सफाई कर्मचारी नियमित सफाई नहीं करते तो नोटिए के बाद जवाब संतोष जनक नहीं मिला तो टेंडर निरस्त किए जाने की कार्रवाई की जाए।
शिशु रोग विशेषज्ञ नहीं पहुंचे राउंड पर
इसके बाद कलेक्टर ने बारी-बारी से चिकित्सकों और स्टाफ नर्स के कार्य को देखा। इस दौरान पाया कि शाम के समय बच्चा वार्ड में राउंड लगाने व बीमार बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए शिशु रोग चिकित्सक आरके मिश्रा राउंड पर नहीं पहुंचे। इन्हें तत्काल प्रभाव से कारण बताओ नोटिए देने के निर्देश दिए गए। इसके बाद जब वार्डों के निरीक्षण के दौरान मरीजों के भर्ती के दौरान चिकित्सक स्टाफ द्वारा किए जाने वाली कागजी कार्रवाई को जांचा, तो घोर लापरवाही नजर आई। इस पर डॉ देवेंद्र सिंह, स्टाफ ओमवती, मेल नर्स अखिलेश श्रीवास और प्रियंका कोली को नोटिए दिए जाने को कहा। इसके अलावा सिटी स्कैन को लगाए जाने में होने वाली देरी को लेकर भी ठेकेदार को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।