औद्योगिक सेक्टरों की बिजली से रोशन हो रहीं झुग्गियां ?
नोएडा। औद्योगिक सेक्टर-9 और 10 के दो हजार से ज्यादा औद्योगिक और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को बिजली कटौती की मार झेलनी पड़ रही है। इन दोनों ही सेक्टरों में 10 हजार से ज्यादा झुग्गियों को औद्योगिक सेक्टरों की लाइनों से बिजली की आपूर्ति की जा रही है। इसके कारण विद्युत उपकेंद्रों और लाइनों पर लोड बढ़ने से बार-बार बिजली कटौती हो रही है। उद्योगों को इस कारण भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में आयोजित उद्योग बंधु की बैठक में एमएसएमई इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के नोएडा अध्यक्ष सचिन राणा व महिला प्रकोष्ठ की सचिव आकांक्षा चुग ने समस्या को जोरशोर से उठाते हुए कहा कि दोनों ही सेक्टरों में करीब दस हजार झुग्गियां आंकी जाती हैं। इनमें लगभग 3 हजार में प्रीपेड और 2500 में पोस्ट पेड बिजली कनेक्शन लगे हैं। बड़ी संख्या में झुग्गियों में बिजली कनेक्शन नहीं लगे हैं। यहां बड़े स्तर पर बिजली चोरी की आशंका जताई जाती है। स्लम एरिया में भारी-भरकम बिजली की खपत का बोझ सेक्टर-9 व 10 के जर्जर बिजली ढांचे पर पड़ रहा है और खामियाजा उद्यमियों को भुगतना पड़ रहा है। दोनों ही सेक्टरों में बनी झुग्गियों की बिजली आपूर्ति की व्यवस्था अलग से कराई जाए। एसोसिएशन के यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सचिव दिलशाद खान ने कहा कि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में भूखंड आवंटित हुए दस वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी आधारभूत ढ़ांचा और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा सकी हैं। लीज डीड का समय निकलता जा रहा है लेकिन आधारभूत ढ़ांचा और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण उद्यमी अपनी इकाई नहीं लगा पा रहे हैं। उद्यमियों ने कहा कि जनपद में कमिश्नरी प्रणाली लागू होने के बाद पुलिस की तरफ से उद्यमियों से संवाद की कोई खास पहल नियमित रूप से नहीं की जा सकी है। औद्योगिक क्षेत्र में इंस्पेक्टर राज खत्म नहीं हो रहा है। उत्तर प्रदेश डिप्टी लेबर कमिश्नर आर्गेनाइजेशन (यूपीडीएलसीओ) बनाकर जिले के उद्योगों का निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। संस्था ने पहले भी इसका विरोध किया था, लेकिन इस जांच को रोका नहीं जा रहा है।
नोएडा आंत्रप्रिनियोर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश कक्कड़, कोषाध्यक्ष शरद चंद्र जैन, उपाध्यक्ष मोहन सिंह, आरएम जिंदल व सचिव कमल कुमार ने यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में संस्था के सदस्यों को 150 मीटर का स्टॉल उपलब्ध करानेे की मांग उठाई। साथ ही, बिजली कटौती के बीच जनरेटर संचालन के महंगे खर्च और टूटी सड़कों का मुद्दा उठाया।