ग्रेटर नोएडा। करोड़ रुपये का कारोबार कर जिले के बार में मिलावट का खेल चल रहा है। कहीं पर निम्न श्रेणी की शराब को उच्च श्रेणी शराब की बोतल में डालकर बेचा जा रहा है तो कहीं पर चोरी छिपे हरियाणा की शराब बेची जा रही है।

दो माह के दौरान पांच मामले प्रकाश में आ चुके हैं। लगातार मामले प्रकाश में आने के बाद आबकारी विभाग की टीम सक्रिय हो गई है। अभियान चलाकर जांच शुरू कर दी गई है।

बार में बैठकर शराब पीने का आनंद लेने वालों के लिए अच्छी खबर नहीं है। लगभग एक करोड़ रुपये तक लगाकर बार का कारोबार करने वालों के द्वारा कम समय में अधिक पैसा कमाने की लालच में चिंदी चोरी का खेल शुरू कर दिया गया है।

 

विभाग की टीम ने ग्रांड वेनिस मॉल में संचालित हौच बार में जांच की। जांच के दौरान पाया गया कि बार में नियम के विरुद्ध हरियाणा की शराब बेची जा रही थी। स्काई बार हेड क्वाटर व भुक्खड़ नुक्कड़ बार में भी हरियाणा की शराब बेची जा रही थी। भुक्खड़ नुक्कड़ के पास तो शराब बिक्री का लाइसेंस भी नहीं था।

पहली बार पकड़ी गई मिलावट

जिले में पहली बार महंगी शराब की बोतल में सस्ती शराब मिलाने का खेल पकड़ा गया। विभाग को एक व्यक्ति ने सूचना दी कि गार्डेन गैलेरिया के क्लिंक बार में जिस ब्रांड की शराब पी थी उसका स्वाद अलग था।

सूचना के बाद विभाग की टीम ने बार में छापा मारा। जांच में मिला कि स्टोर में बैठकर एक व्यक्ति निम्न श्रेणी की शराब को उच्च श्रेणी शराब की बोतल में मिला रहा था। बार में इन बोतलों को सजाकर उसी से पैक बनाए जाते थे। राजस्व का लगा रहे थे चूना

जिले में शराब की बिक्री से प्रतिमाह करोड़ों रुपये का राजस्व मिलता है। हरियाणा में शराब का दाम उत्तर प्रदेश के मुकाबले लगभग तीस प्रतिशत तक सस्ता है। ऐसे में चोरी छिपे हरियाणा की शराब बेचकर बार संचालकों के द्वारा मोटा मुनाफा कमाया जा रहा था और सरकार को राजस्व का चूना लगाया गया था।

लंबे समय से चल रहा था खेल

रेस्टोरेंट में मिलावट व हरियाणा की शराब बेचने का खेल पिछले लंबे समय से चल रहा था। चोरी छिपे खेल होने के कारण विभाग को इसकी सूचना नहीं मिल पा रही थी। हरियाणा से शराब लाने वालों की तलाश की जा रही है। पकड़े गए सभी बार संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, लाइसेंस निरस्त हुए हैं। टीम का गठन कर अन्य बार व रेस्टोरेंट में जांच अभियान चलाया जा रहा है।

– सुबोध कुमार श्रीवास्तव, जिला आबकारी अधिकारी