ग्वालियर : पीक आवर्स में बाड़े से गुजरते हैं 6,349 वाहन, 1200 गाड़ियों की पार्किंग क्षमता जरूरी, है सिर्फ 321 की
ट्रैफिक को लेकर हुई केस स्टडी:पीक आवर्स में बाड़े से गुजरते हैं 6,349 वाहन, 1200 गाड़ियों की पार्किंग क्षमता जरूरी, है सिर्फ 321 क
शहर के हृदय स्थल महाराज बाड़ा पर क्षमता से चार गुना वाहनों का दबाव है। जिस कारण यहां आए दिन जाम की स्थिति बनती है। फेस्टिवल सीजन में इसी कारण यहां कई बार वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध तक लग जाता है। पहली बार एमआईटीएस की ओर से ट्रैफिक को लेकर केस स्टडी हुई। संस्थान के मास्टर ऑफ अर्बन डवलपमेंट के छात्र शिशुपाल सिंह भदौरिया की केस स्टडी में सामने आया है कि पीक आवर्स (शाम 5 से 7 बजे तक) में महाराज बाड़ा से 6,349 वाहन गुजरते हैं। इनमें 5024 दो पहिया, 252 कार, 520 ऑटो और 32 कमर्शियल वाहन शामिल हैं।
स्टडी में इस बात का उल्लेख है कि पीक आवर्स में बाड़े पर तीन दिशाओं की ओर से वाहन आते हैं। सबसे ज्यादा 2,373 वाहन मोर बाजार से सराफा बाजार की ओर आते हैं। दौलतगंज से मोर बाजार की ओर 1,164 और गोरखी की ओर से सराफा बाजार की ओर 876 वाहन गुजरते हैं। इनमें चार पहिया, दो पहिया और ऑटो व ई-रिक्शा शामिल हैं। यही वजह है कि शाम को जाम के हालात बनते हैं। स्टडी में जाम से बचने के उपाय भी बताए गए हैं।
इसके लिए 5 नई पार्किंग के लिए जगह चिन्हित की गई हैं। वर्तमान में यहां 7 ऑफ स्ट्रीट पार्किंग हैं। इनकी क्षमता 321 इक्विेलेंट कार स्पेस (ईसीएस) का है जबकि जरूरत 1200 (ईसीएस) की है। वाहनों के दबाव का अंदाजा इसी से चलता है कि पार्किंग के बाहर भी वाहन खड़े करवाए जाते हैं। अगर स्टडी के हिसाब से अमल हो तो महाराज बाड़ा पर काफी हद तक यातायात प्रबंधन किया जा सकता है।
दाल बाजार: क्षमता से सवा गुना वाहन खड़े होने से लगता है जाम
छात्र सौमित्र शर्मा ने दाल बाजार पर 6 माह की केस स्टडी में बताया है कि यहां जाम लगने की बड़ी समस्या क्षमता से सवा गुना वाहनों का खड़ा होना है। 600 मीटर लंबी पट्टी परे दाल बाजार में पीक आवर्स (दोपहर 12 से 2 बजे तक) में 264 चार पहिया और 500 दो पहिया वाहन सड़क पर खड़े रहते हैं। इस कारण जाम लगता है।
समाधान: नए भवनों के बेसमेंट पार्किंग का विकल्प हो, पेड पार्किंग को शुरू किया जाना चाहिए। इससे फालतू वाहन खड़े नहीं होंगे। साथ ही हॉस्टिपल रोड पर वाहन पार्किंग बनानी चाहिए।
5 सुझाव पार्किंग के भी दिए
1. गोरखी के पास पार्किंग। यहां पहले ही निर्माण कार्य चल रहा है। 2. गांधी मार्केट के पास 3 स्टोरी पार्किंग। जिसकी क्षमता 243 ईसीएस होगी। 3. दौलतगंज में सरकारी प्लाजा और अग्रसेन पार्क के पास बेसमेंट पार्किंग। क्षमता 80 ईसीएस होगी। 4. जनकगंज थाने के पास खाली जमीन पार्किंग बनाई जा सकती है। इसकी क्षमता 50 ईसीएस होगी। 5. गजराजा स्कूल के मैदान में बेसमेंट पार्किंग बनाई जा सकती है।
भास्कर एक्सपर्ट व्यू
अंजलि पाटिल, एचओडी आर्किटेक्चर डिपार्टमेंट, एमआईटीएस
रिपोर्ट पर अमल से फायदा होगा
छात्रों ने करीब 6 महीने की स्टडी के बाद यह एनालिसिस किया है। इस रिपोर्ट के आधार पर अगर अमल किया जाए तो काफी हद तक जाम की समस्या खत्म हो सकती है।
स्टडी के बारे में जानकारी लेंगे
संस्थान के छात्रों ने जो स्टडी की है, उसके बारे में जानकारी लेंगे। रिपोर्ट में जो उपाय बताए गए हैं, उसके आधार पर क्या बेहतर कर सकते हैं। यह दिखवाएंगे।
-ऋषिकेश मीणा, एएसपी ट्रैफिक