ग्वालियर : स्मार्ट सिटी के 3 प्रोजेक्ट:सूत्र सेवा-पब्लिक बाइक शेयरिंग लापरवाही की भेंट चढ़ी,

स्मार्ट सिटी के 3 प्रोजेक्ट:सूत्र सेवा-पब्लिक बाइक शेयरिंग लापरवाही की भेंट चढ़ी, लोगों को नहीं मिल रहा फायदा
देश की 100 स्मार्ट सिटी में सुमार ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन न सेहत सुधार सका और न ही यात्रियों को सवारी करा पाया। सीसीटीवी कैमरों से लैस पार्किंग का जिम्मा लेने वाली कंपनी को भी शर्तों का पालन नहीं करने पर चलता कर दिया गया। कुल मिलाकर स्मार्ट सिटी के 15 करोड़ के प्रोजेक्ट शहर की जनता के काम नहीं आ सके।

स्मार्ट सिटी के जिम्मेदारों का कहना है कि कहीं न कहीं मॉनीटरिंग में लापरवाही के चलते तीनों सेवाओं का लाभ शहरवासियों को नहीं मिल सका। सूत्र सेवा, पब्लिक बाइक शेयरिंग और स्मार्ट सिटी पार्किंग को आखिरकार बंद ही करना पड़ा।स्मार्ट सिटी ने उक्त प्रोजेक्ट में पब्लिक प्राइवेट पार्टरशिप और हिस्सेदारी में लेकर मैदान में उतरा था। इसमें 40% स्मार्ट सिटी और 60% हिस्सेदारी प्राइवेट वेंडर की थी।

1. स्मार्ट पार्किंग: नगर निगम ने 24 वाहन स्टेंड स्मार्ट सिटी को दिए। स्मार्ट सिटी ने टेंडर निकालकर डेफोडिल कंपनी को पार्किंग स्मार्ट बनाकर चलाने को दी। लंबे समय तक सिर्फ 9 ही पार्किंग पर स्मार्ट सिटी का वेंडर काबिज हो पाया।

कारण: वेंडर एग्रीमेंट की शर्तों को पूरा नहीं कर सका। इसके साथ ही सूर्यनारायण मंदिर पर डेफोडिल कंपनी के केबिन से अ‍वैध पार्किग चल रही थी।

2.सूत्र बस सेवा: वेंडर नीरज मोटर को 32 बसें खरीदना थी। उसमें से 26 बसें ही ला सका। 21 बसों का पैसा स्मार्ट सिटी ने 40% राशि के रूप में दिया। लेकिन बसें नहीं चलीं। आखिर में दो करोड़ की बैंक गारंटी स्मार्ट सिटी ने जब्त कर ठेका टर्मिनेट कर दिया। कारण: सिटी में 16 और दूसरे शहरों में 16 इंटरसिटी बसें चलाना थीं। इस प्रोजेक्ट का भी लाभ लोगों को नहीं मिल सका।

3.पब्लिक बाइक शेयरिंग: 500 साइकिल कंपनी को लाना थीं। 50 स्टेशन बनाना थे। पूरे स्टेशन नहीं बनें। कुछ समय तक तो साइकिल चलीं फिर 5 करोड़ रुपए का यह प्रोजेक्ट बंद हो गया। कारण: कंपनी के स्टेशन पर तय एरिया में विज्ञापन लगाने की पात्रता थी। लेकिन कंपनी ने उससे ज्यादा लगाकर पैसा कमाया। इसके अलावा टेंडर की शर्तों को पूरा नहीं किया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *