भारत में जल्द ही शुरू होगी एयरटैक्सी की सुविधा !

न ट्रैफिक,न शोरगुल…, चलने वाली हैं हवाई टैक्सी, लेकिन किराया क्या होगा?
भारत में जल्द ही एयर टैक्सी सर्विस शुरू होने वाली है. जिससे शहर के बीच लंबे और दूर-दराज रास्तों को कम समय में तय किया जा सकेगा.
कल्पना कीजिए कि आपको कहीं दूर जाना है और उसके लिए शहर की भीड़भाड़ और ट्रैफिक का सामना भी नहीं करना पड़ रहा है. बस एक टैक्सी की मदद से उस दूर स्थित जगहों पर आप कुछ ही मिनटों में पहुंच जाएंगे. दरअसल अगर आपने ऐसा सपना देखा है तो वो जल्द ही साकार होने वाला है.

उड़ने वाली कारें यानी इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी की सेवा हमारे देश में जल्द ही शुरू होने वाली है. इस सर्विस के जरिए एक ही शहर में 2 से 3 घंटे वाली दूरी को महज 5 से 7 मिनट में तय किया जा सकेगा.

दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर जैसे बड़े शहरों में ये सेवा बहुत जल्द शुरू हो सकती है. जिसके लिए इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज अमेरिका की इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग (ईवीटीओएल) विमान आर्चर एविएशन के साथ हाथ मिलाया है.

दोनों कंपनियां देश में पूर्ण इलेक्ट्रिक टैक्सी सेवा 2026 में शुरू करने की योजना बना रही हैं. हाल ही में कंपनी की ओर से दिए गए बयान में कहा गया है कि इस फ्लाइंग टैक्सी सर्विस के साथ इंटरग्लोब-आर्चर उड़ान का लक्ष्य यात्रियों को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कनॉट प्लेस से हरियाणा के गुरुग्राम तक पांच से सात मिनट में ले जाने का है. फिलहाल इसी रास्ते को तय करने में एक से डेढ़ घंटे का समय लगता है.

बता दें इंटरग्लोब एंटरप्राइजेज एक भारतीय यात्रा समूह है और देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो इसका हिस्सा है. इसके अलावा आर्चर एविएशन इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक ऑफ और लैंडिंग (ईवीटीओएल) विमान में बड़ी खिलाड़ी है.

कितनी उड़ान भर सकती हैं एयर टैक्सियां
इन टैक्सियों का लक्ष्य ट्रैफिक को कम करते हुए शहरी मुख्य इलाकों को उपनगरों से जोड़ना है. एयर टैक्सियां लगभग 1,000 से 2,000 फीट की ऊंचाई पर 180 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं, लेकिन नासा की मानें तो ये 5 हजार फीट की ऊंचाई तक जा सकती हैं.

मॉर्गन स्टेनली की रिसर्च के अनुसार, प्राइवेट शहरी विमान बाजार 2040 तक 1.5 ट्रिलियन डॉलर का हो सकता है. फ्रॉस्ट एंड सुलिवन द्वारा एक दूसरे शहरी वायु गतिशीलता (यूएएम) अध्ययन में दुबई में 2022 में एयर टैक्सियों की शुरुआत और 2040 तक परिचालन में लगभग 46% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर के साथ 4,30,000 से अधिक इकाइयों तक विस्तार होने की संभावना है.

इन वायुयानों को बनाया जाएगा एयर टैक्सी
हवाई टैक्सी के लिए मल्टीकॉप्टर, वेक्टर्ड थ्रस्ट और लिफ्ट प्लस क्रूज जैसे हेलीकाप्टरों का इस्तेमाल किया जाएगा. इनमें से ज्यादातर में 3 से 4 यात्री सफर कर सकेंगे.

मल्टीकॉप्टर बिल्कुल हेलीकॉप्टर की तरह दिखते हैं. उनके पंख नहीं होते और वो कम दूरी तक उड़ते हैं, इन हेलीकाप्टरों को बनाना भी आसान होता है और उद्योगों को उन्हें प्रमाणित करना भी आसान होता है.

इसके अलावा वेक्टर्ड थ्रस्ट और लिफ्ट क्रूज में रोटार और पंखों को जोड़ा जाता है. एक लिफ्ट-प्लस-क्रूज हेलीकॉप्टर हवा में उठने के लिए रोटार के एक सेट का उपयोग करता है और अपने गंतव्य तक जाने के लिए दूसरे सेट का उपयोग करता है. 

वहीं एक वेक्टर्ड-थ्रस्ट एयर टैक्सी रोटर्स के एक सेट का उपयोग करती है. वो विमान को जमीन से ऊपर उठाते हैं, फिर उसे आगे बढ़ाने के लिए झुकाते हैं. 

इसके अलावा हाल ही में जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति में इस बात की जानकारी दी गई है कि साझेदारी में भारत के संचालन के लिए आर्चर के 200 मिडनाइट विमानों को खरीदने की योजना बनाई जा रही है.

इन विमानों की खासियत ये है कि इन्हें आधी रात में चलाया जा सकता है. इन विमानों में 4 लोगों के बैठने की क्षमता होती है. इन्हें ज्यादा चार्ज नहीं करना पड़ता और इनसे बैक-टू-बैक उड़ाने भरी जा सकती हैं. 

इंटरग्लोब के समूह प्रबंध निदेशक राहुल भाटिया ने कहा है कि पिछले दो दशकों से इंटरग्लोब देश भर में करोड़ों भारतीयों को सुरक्षित, कुशल और किफायती परिवहन प्रदान करने में शामिल रहा है. हम आर्चर को पेश करके एक प्रभावी, भविष्यवादी और टिकाऊ परिवहन समाधान लाने के इस नए अवसर को लेकर काफी उत्साहित हैं.

बता दें भारत दुनिया में ईवीटी ओएल विमानों के उपयोग के लिए सबसे बड़े अवसरों में से एक है, क्योंकि ये देश 1.4 बिलियन से अधिक लोगों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी आबादी का घर है. इसके साथ ही दिल्ली, मुंबई और बैंगलोर जैसे इसके सबसे बड़े शहर दुनिया में सबसे बड़ी भीड़भाड़ वाली चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.

आधिकारिक आंकड़ों की मानें तो इंडिगो फिलहाल 63 प्रतिशत से अधिक की घरेलू बाजार हिस्सेदारी के साथ देश की सबसे बड़ी एयरलाइन है. इसके पास ऑर्डर पर लगभग 970 विमान हैं.

कितना होगा किराया?
इन एयर टैक्सियों के किराए की बात करें तो शुरुआत में इसके ज्यादा होने की उम्मीद है. अनुमानित तौर पर ये किराया भारतीय रुपयों में 29 से 30 हजार तक हो सकता है, लेकिन बाद में प्रयोग सफल होने पर और भारतीय बाजार को देखते हुए इसके कम होने की भी उम्मीदें हैं.

ये नुकसान भी
हालांकि एयर टैक्सी की सुविधा से कई फायदे नजर आ रहे हैं जैसे लोगों के समय में बचत होगी और ट्रैफिक में भी कमी देखने को मिलेगी लेकिन इसके आने से कुछ परेशानियां भी आंएगी.

जैसे इन हेलिकॉप्टरों को रन वे या ऑन द ग्राउंड की जरूरत तो नहीं होगी लेकिन उनके लिए समर्पित एयर कॉरिडोर और स्काई हार्बर निर्मित करना होगा. साथ ही आसमान में पक्षियों के लिए भी ये हेलिकॉप्टर मुश्किलें बढ़ा सकते हैं. 

इसके अलावा निर्माताओं और ऑपरेटरों को ये भी दिखाना होगा कि सवारियों को या नीचे जमीन पर मौजूद लोगों को इनसे कोई नुकसान नहीं होगा.   

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