लाड़ली बहना से लगेगी लॉटरी या नारी शक्ति बनेगी गेमचेंजर?

लाड़ली बहना से लगेगी लॉटरी या नारी शक्ति बनेगी गेमचेंजर?
MP में महिला वोटिंग की करवट पर टिकी कांग्रेस-बीजेपी की उम्मीदें ….
मध्य प्रदेश की सत्ता इस बार किसे मिलेगी? यह तो खैर 3 दिसंबर को ही तय हो पाएगा. इस बीच सबसे ज्यादा चर्चा किसी की ही तो वो हैं महिला वोटर, जिन्होंने अच्छी-खासी संख्या में मतदान की है. 70 से ज्यादा सीटों पर महिलाओं ने 80 फीसदी मतदान किया है. आइए समझते हैं कि आखिर 2018 में इस पैटर्न पर हुए मतदान के क्या नतीजे रहे? मौजूदा चुनाव से बीजेपी-कांग्रेस की क्या उम्मीदें हैं?

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो चुकी है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही अपनी-अपनी जीत के गुणा-गणित लगाने में जुटी हैं. राज्य की सभी 230 सीटों पर 77.15 फीसदी मतदान हुआ, जो 2018 की तुलना में डेढ़ फीसदी ज्यादा है. इस बार कुल पुरुष मतदाताओं में 78.21 फीसदी ने मताधिकार का प्रयोग किया तो महिलाओं में से 76.03 फीसदी ही पोलिंग बूथ पर पहुंचीं. इस तरह भले ही महिलाएं भले ही दो फीसदी कम वोटिंग की हो, लेकिन 72 सीटों पर महिलाओं ने 80 फीसदी से ज्यादा मतदान किया है.

कांग्रेस और बीजेपी दोनों की सत्ता में आने की उम्मीदें महिला वोटिंग पैटर्न पर टिकी हुई हैं, क्योंकि दोनों ही दलों ने महिला मतदाताओं को साधने का हरसंभव प्रयास किया है. बीजेपी लाड़ली बहना योजना को गेमचेंजर मान रही है तो कांग्रेस नारी शक्ति के जरिए सत्ता में वापसी का सपना संजोय हुए है. ऐसे में अब देखना है कि महिलाओं का विश्वास कौन जीतने में सफल होंगे?

मध्य प्रदेश में महिला वोटिंग पैटर्न

मध्य प्रदेश में महिलाओं का वोटिंग पैटर्न देखें तो वे पुरुषों से कम ही बूथ तक पहुंची हैं. 2018 में पुरुषों ने 75.89 फीसदी तो महिलाओं ने 74.03 फीसदी मतदान किया था. 2023 में 78.21 फीसदी पुरुष तो 76.03 फीसदी महिलाएं वोटिंग कीं. इस तरह से महिलाएं भले ही पुरुषों से कम वोटिंग की हैं, लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव की तुलना में उन्होंने दो फीसदी ज्यादा मतदान किया है. प्रदेश की 230 सीटों में से 72 सीटों पर महिलाओं ने 80 फीसदी से ज्यादा मतदान किया है. इन 72 सीटों पर ही सबकी नजर रहने वाली है.

2018 के विधानसभा चुनाव के वोटिंग को देखें तो 41 विधानसभा सीटों पर महिलाओं ने 80 फीसदी से ज्यादा मतदान किया था. 41 सीटों में से 27 पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी जबकि 12 सीट पर बीजेपी और दो सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी जीते थे. इस बार के चुनाव में 80 फीसदी से ज्यादा महिलाओं के मतदान करने वाली करीब 72 सीटें है. माना जा रहा है कि इन 72 सीटों में सत्ता की चाबी है. महिला मतदाता जिस भी दल पर भरोसा जताएंगी, उसका ही राज तिलक होगा.

72 सीटों पर 80 फीसदी से ज्यादा महिला वोटिंग

मध्य प्रदेश की 72 सीट पर 80 फीसदी से ज्यादा मतदान रहा. एमपी की यह 72 सीटें, जावद, नीमच, मनासा, सुवासरा, मल्हारगढ़, जौरा, सैलाना, रतलाम ग्रामीण, बड़नगर, बदनावर, थांदला, राजपुर, कसरावद, महेश्वर, बागली, सोहागपुर, पिपरिया, बासौदा, बुधनी, आष्टा, इछावर और नरसिंहगढ़ सीटें शामिल हैं. इसके अलावा ब्यावरा, सौंसर, छिंदवाड़ा, परासिया, पांढुर्णा, मुलताई, घोड़ाडोंगरी, राजगढ़, खिलचीपुर, सारंगपुर, सुसनेर, शाजापुर, चौरई, कालापीपल, सोनकच्छ, हाटपिपलिया, गोटेगांव, नरसिंहपुर, तेंदूखेड़ा, गाड़रवाड़ा, जुनारदेव, अमरवाड़ा, भैंसदेही, टिमरनी, हरदा, सिवनी मालवा, सिहोरा, शाहपुरा, डिंडौरी, बिछिया, निवास, मंडला, बैहर, लांजी, परसवाड़ा, बालाघाट, वारासिवनी, कटंगी, बरघाट,क्योलारी, लखनादौन, सिवनी, राघौगढ़, विजयपुर, पिछौर, पृथ्वीपुर, जयसिंहनगर, जैतपुर, पुष्पराजगढ़ और बहोरीबंद शामिल हैं.

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में महिला वोटरों ने किसे कि वोट?

महिलाओं के लिए कांग्रेस-बीजेपी के वादे

बीजेपी को इन 72 सीटों पर ‘लाड़ली बहना योजना’ का लाभ मिलने की उम्मीद है तो कांग्रेस भी अपनी नारी सम्मान योजना से उम्मीद लगाए बैठी है. कांग्रेस ने नारी सम्मान योजना का ऐलान करके महिलाओं को हर महीने 1500 रुपये पेंशन देने का वादा किया है. 500 रुपए में गैस सिलेंडर देने का किया तो बेटी विवाह योजना में एक लाख रुपए की मदद का ऐलान किया था. वृद्ध, विधवा दिव्यांग महिलाओं को 1200 रुपए हर महीने पेंशन. प्रदेश के स्वास्थ्य और शिक्षा संस्थाओं में प्रवेश में 50 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित तो महानगरीय बस सेवाओं में महिलाओं को निशुल्क पास देने का वादा किया है.

कांग्रेस के जवाब में बीजेपी ने लाड़ली बहना योजना को सियासी हथियार बनाया था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महिलाओं की पेंशन को एक हजार से बढ़ाते हुए 1250 रुपए किए. बीजेपी ने इस राशि को बढ़ाते हुए 3000 रुपए करने का वादा किया है. इसके अलावा बीजेपी ने 450 रुपए में गैस सिलेंडर देने का ऐलान कर रखा था. इसके अलावा भी महिलाओं के लिए कई तरह की लोकलुभावने वादे किए थे.

बीजेपी और कांग्रेस के दावे में कितना दम

बीजेपी महिला वोटिंग की पिछले चुनाव से तुलना करते हुए 2 फीसदी बढ़ना बताया है. बीजेपी ने महिला वोटिंग बढ़ने को लाड़ली बहना योजना का असर मान रही है और उसका कहना है कि इसका सीधा फायदा पार्टी को होगा. वहीं, कांग्रेस ने महिलाओं को कुल वोटिंग के लिहाज से अपना आंकड़ा रख रही है. कांग्रेस का कहना है कि 2018 के मुकाबले इस बार महिलाएं कम वोटिंग की है. 2018 में 1.95 फीसदी महिलाओं ने कम वोटिंग किया था तो इस बार 2.18 फीसदी कम हुई है. इस तरह से कांग्रेस लाड़ली बहना योजना को फेल बता रही है और सत्ता विरोधी लहर का असर मान रही है. इस तरह से कांग्रेस और बीजेपी दोनों के अपने-अपने दावे और तर्क हैं, देखना है कि किसका दांव कितना सफल रहा?

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