भिण्ड :आधा सैकड़ा से अधिक मैरिज गार्डन, एक में भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं !
नियमों की धज्जियां उड़ा रहे मैरिज गार्डन, सड़कों पर पार्किंग से बिगड़ती है यातायात व्यवस्था
आधा सैकड़ा से अधिक मैरिज गार्डन, एक में भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं
भिण्ड. सहालग के चलते इन दिनों शहर में ट्रैफिक दबाव बढ़ गया है। मैरिज गार्डन के बाहर व्यवस्थित पार्किंग न होने की वजह से आए दिन शहर के मुख्य मार्गों पर जाम की समस्या निर्मित हो रही है। ज्यादातर मैरिज गार्डनों में वाहन पार्किंग के लिए जगह न छोड़े जाने से ट्रैफिक व्यवस्था गड़बड़ा रही है। सहालग के चलते गार्डनों के बाहर रोड घेरकर लोग दो पहिया व चार पहिया वाहनों को खड़ा कर रहे हैं। जिससे न केवल यातायात प्रभावित हो रहा है, बल्कि हादसे बढ़ने की आशंका भी बनी हुई है।
शादियों के दौरान शहर के बायपास, अटेर रोड, लहार रोड, इटावा रोड पर सबसे अधिक मैरिज गार्डन संचालित हो रहे हैं। सहालग के दौरान शाम छह बजे से ही इन सड़कों पर जाम के हालात बनने लगते हैं। यह स्थिति विवाह समारोह समाप्त होने तक बनी रहती है। सड़क किनारे वाहनों की पार्किंग होने के कारण अन्य वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। मैरिज गार्डन संचालकों पर पार्किंग नहीं है। कुछेक लोगों के पास पार्किंग की सुविधा है, लेकिन उनमें पर्याप्त वाहन नहीं रख पाते हैं।
नोटिस तक सीमित नपा की कार्रवाई
मैरिज गार्डन संचालकों को एक वर्ष पूर्व नोटिस जारी किए गए थे। लेकिन हर बार सिर्फ नोटिस तक ही प्रशासन की कार्रवाई सीमित रहती है। सख्ती के साथ कदम नहीं उठाए जाने के कारण जाम की समस्या से जूझना पड़ रहा है। शहर में आधा सैकड़ा से अधिक गार्डन संचालित हो रहे हैं, जो बेनियम आयोजकों से मोटी रकम वसूलकर समारोह आयोजित करवा रहे हैं। शहर के मैरिज गार्डनों में पार्किंग की पर्याप्त जगह नहीं है। ऐसे में सहालग के समय मैरिज गार्डन के बाहर पल-पल में जाम की समस्या उत्पन्ना हो रही है।
इन सुविधाओं का मैरिज गार्डनों में टोटा
मैरिज हाल बनाने की अनुमति लेने के दौरान नपा का अमला मौका मुआयना करता है। इस दौरान मौके पर पहुंचने वाले अधिकारियों को पार्किंग, ड्रेनेज, हॉल, सड़क आदि की जगह व्यवस्थित तौर पर संचालक द्वारा दर्शायी जाती हैं, लेकिन संस्थान तैयार होने पर पार्किंग की जगह का उपयोग दूसरे कार्यों में होने लगता है। शहर में नाम मात्र मैरिज गार्डनों छोड़कर अन्य मैरिज गार्डनों में मापदंड के तहत पार्किंग व्यवस्था नहीं बनाई गई है।
50 से अधिक मैरिज गार्डन शहर में हैं रजिस्टर्ड। -60 फीसदी में निर्माण और 40 में पार्किंग छोड़ने का है नियम। -100 फीसदी जगह में मैरिज गार्डनों का किया गया है निर्माण। -6 प्रमुख सड़कों के साथ बायपास पर सबसे अधिक गार्डन संचालित।
शहर में साहलग के चलते वैवाहिक कार्यक्रमों हो रहे हैं लेकिन मैरिज गार्डन संचालकों की मनमानी का खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं। एक भी मैरिज गार्डन में व्यवस्थित पार्किंग नहीं है। नतीजा सड़क पर ही वाहन पार्क होते हैं जिससे जाम की समस्या बनी रहती है।