2027 तक ‘समृद्ध’ भारतीयों की संख्या 10 करोड़ हो जाएगी !

2027 तक ‘समृद्ध’ भारतीयों की संख्या 10 करोड़ हो जाएगी …
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में दावा, 4% कामकाजी आबादी की ​​​​​​​सालाना आय ₹8.28 लाख से ज्यादा

2027 तक 67% की ग्रोथ के साथ 100 मिलियन हो जाएंगे समृद्ध भारतीय
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट ‘द राइज ऑफ एफ्लुएंट इंडिया’ में बताया गया है कि भारतीयों की हर साल 10,000 डॉलर से ज्यादा की इनकम है और करेंट एक्सचेंज रेट्‌स 8.3 लाख रुपए है। रिपोर्ट में इसे समृद्धि के रूप में परिभाषित किया है। गोल्डमैन के एनालिस्टों का कहना है कि इस क्लास यानी वर्ग की संख्या वर्तमान में 60 मिलियन (6 करोड़) है, लेकिन 2027 तक 67% की भारी ग्रोथ के साथ यह 100 मिलियन (10 करोड़) हो जाएगी।

लगभग 4% कामकाजी आबादी की सालाना आय ₹8.28 लाख से ज्यादा​​​​​​​
रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में लगभग 4% वर्किंग पापुलेशन यानी कामकाजी आबादी सालाना 10,000 डॉलर यानी 8.28 लाख रुपए से ज्यादा कमाती है (यह आंकड़ा 2,100 डॉलर की प्रति व्यक्ति आय का लगभग पांच गुना यानी करीब 1,75,000 रुपए है)। इस वर्ग का तेजी से विस्तार हुआ है- 2019 और 2023 के बीच इसमें 12% की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ हुई है, जबकि इसी अवधि में जनसंख्या में 1% की ग्रोथ हुई है।

पिछले तीन सालों में इक्विटी और गोल्ड में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली
लोगों की समृद्धि में तेज ग्रोथ का मतलब है कि पिछले तीन सालों के दौरान इक्विटी, गोल्ड, प्रॉपर्टी समेत फाइनेंशियल और फिजिकल एसेट्स में भी अच्छी ग्रोथ हुई है। इक्विटी और गोल्ड में सबसे ज्यादा तेजी देखने को मिली है, जबकि प्रॉपर्टी की कीमतों में पिछले तीन-चार सालों में हाईयर रेट ऑफ एप्रिसिएशन देखने को मिला है।

2023 में डीमैट अकाउंट्स की संख्या 2.8 गुना बढ़कर 11.4 करोड़ हुई
गोल्डमैन के एनालिस्टों का कहना है कि 2023 में डीमैट अकाउंट्स की संख्या 2.8 गुना बढ़कर 114 मिलियन यानी 11.4 करोड़ हो गई है। वहीं स्टॉक ओनरशिप (BSE 200 स्टॉक) और म्यूचुअल फंड निवेश में भी अच्छी ग्रोथ हुई है। 2019 और 2023 के बीच भारतीयों के पास मौजूद सोने की वैल्यू 63% बढ़कर 1.8 ट्रिलियन डॉलर यानी 149.17 लाख करोड़ रुपए हो गई है।

ज्वेलरी, ट्रैवल, रिटेल और हेल्थकेयर सेक्टरों में भी अच्छी ग्रोथ देखी गई
रिपोर्ट के मुताबिक, FMCG, फुटवियर, फैशन, पैसेंजर व्हीकल्स और टू व्हीलर्स समेत सभी इंडस्ट्रीज में प्रीमियम प्रोडक्ट्स की डिमांड में तेज ग्रोथ देखने को मिली है। वहीं टॉप इनकम कंजप्शन पर फोकस करने वाली कंपनियों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। इसके अलावा ज्वेलरी, ट्रैवल, प्रीमियम रिटेल और हेल्थकेयर सेक्टरों में भी अच्छी ग्रोथ देखी गई है।

कंपनियों के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में भी काफी चेंज हुआ
कई कंपनियों के प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में भी काफी चेंज हुआ है। यही वजह है कि हिंदुस्तान यूनिलीवर की तुलना में नेस्ले तेजी से बढ़ी है। वहीं HUL का प्रीमियम पोर्टफोलियो उसके टोटल रेवेन्यू की तुलना में तेजी से बढ़ा है।

वित्त वर्ष 2019 के बाद से क्रेडिट कार्ड ओनरशिप में 80% की ग्रोथ
समृद्ध लोगों द्वारा कंजम्पशन के लिए क्रेडिट कार्ड से खर्च भी बढ़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त वर्ष 2019 के बाद से क्रेडिट कार्ड ओनरशिप में 80% की ग्रोथ हुई है और इसी अवधि में क्रेडिट कार्ड से खर्च में 250% की ग्रोथ देखने को मिली है (कैलकुलेशन पिछले 12 महीने के एवरेज पर बेस्ड है)।

गोल्डमैन के एनालिस्टों का कहाना है कि टॉप-एंड कंजम्पशन में यह उछाल ऐसे ही बना रहेगा। लिज्योर, आउट-ऑफ-होम फूड, ज्वेलरी, इंस्टीट्यूशनल मेडिकल सर्विसेस और ड्यूरेबल्स, यह ऐसे सेक्टर्स हैं जो समृद्धि बढ़ने के साथ सबसे ज्यादा प्रॉफिट हासिल करेंगे। इन सेक्टरों पर कोविड का कोई प्रभाव नहीं पड़ा था।

 

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